एमिटी इंटरनेशनल स्कूल नोएडा में आयोजित होगा केंद्रीय आर्य युवक परिषद का राष्ट्रीय शिविर : ऋषि सिद्धांतों को अपनाकर ही बन सकता है भारत विश्व गुरु : अनिल आर्य
ग्रेटर नोएडा। केंद्रीय आर्य युवक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल आर्य का कहना है कि स्वामी दयानन्द जी महाराज के सिद्धांतों को अपनाकर ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। वे यहां स्थित उगता भारत समाचार पत्र के कार्यालय में पत्र के चेयरमैन श्री देवेंद्र सिंह आर्य एवं मुख्य संपादक डॉ राकेश कुमार आर्य के साथ बातचीत कर रहे थे ।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय आर्य युवक परिषद का राष्ट्रीय शिविर आगामी 3 जून से रविवार 11 जून 2023 तक एमिटी इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 44 नोएडा में आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय आर्य युवक परिषद ने अपना यह राष्ट्रीय शिविर देश की युवा पीढ़ी के भीतर राष्ट्रीय भावना का विकास करने,अनुशासित जीवन, नैतिक शिक्षा तथा युवा पीढ़ी को महर्षि दयानन्द जी की विचारधारा से ओतप्रोत करने तथा शारीरिक व बौद्धिक रूप से सक्षम बनाने, उच्च कोटि के व्यायाम आचार्यों द्वारा योगासन, ध्यान, प्राणायाम, दंड -बैठक, लाठी, जूडो कराटे, बॉक्सिंग, स्तूप आदि आत्मरक्षा संबंधी शिक्षण के साथ-साथ वैदिक विद्वानों द्वारा संध्या, यज्ञ कार्य, संस्कृति व वैदिक सिद्धांतों पर चर्चा, भाषण कला ,नेतृत्व कला और आत्मविश्वास के विकास करने हेतु आयोजित किया है।
ऋषि सिद्धांतों के लिए पूर्णतया समर्पित श्री आर्य विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम करके देश व समाज की सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने अनेक समाजसेवी संगठनों के माध्यम से राष्ट्र और समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है। उनके भीतर ऋषि दयानंद जी के सपनों को साकार करने की तड़प है। इसी पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय राष्ट्रीय स्तर पर सांगठनिक एकता की आवश्यकता है। समय गवाने से काम नहीं चलेगा अपितु फील्ड में उतरकर काम किए जाने की इच्छा प्रत्येक देशभक्त भारतीय के भीतर होनी चाहिए।
श्री आर्य ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि हमारे देश के इतिहास के साथ गंभीर छेड़छाड़ करते हुए आर्य इतिहास को मिटाने का प्रयास किया गया है। इस समय देश के इतिहास को सही अर्थ और संदर्भ में पुनः प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमारे महान ऋषियों के वैज्ञानिक चिंतन को आधार बनाकर उनके द्वारा डाली गई वर्ण व्यवस्था, कर्मफल व्यवस्था, आश्रम व्यवस्था, गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की व्यवस्था आदि को आधार बनाकर भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने की दिशा में सक्रिय कार्य करने की आवश्यकता है। के लिए हमें देश की युवा पीढ़ी को नए संकल्प के साथ खड़ा करना होगा।
श्री आर्य ने कहा कि हमें अब प्रत्येक प्रकार के मतभेदों को छोड़कर देश के भविष्य की रक्षा के प्रति गंभीर होना चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि बच्चों को अपने आर्य वैदिक सिद्धांत देने समझाने के लिए जमीनी स्तर पर काम किया जाए। इसके लिए ही इस प्रकार के राष्ट्रीय शिविरों का आयोजन उनका संगठन करता है।
स्वामी दयानंद जी की 200 वीं जयंती के चल रहे कार्यक्रमों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए श्री आर्य ने कहा कि इन कार्यक्रमों की सार्थकता तभी सफल सिद्ध होगी जब हम अपने देश की युवा पीढ़ी को महर्षि दयानंद जी महाराज के चिंतन से जोड़ने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी महाराज एक स्वावलंबी भारत नहीं अपितु एक स्वाभिमानी भारत बनाने के प्रति गंभीर थे। हमें चाहिए कि हम उनके उसी स्वाभिमानी भारत को विश्व गुरु भारत के रूप में स्थापित करने के लिए कार्य करें।