उप्र में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन की सरकार ने एक माह पूरा कर लिया है। साथ ही मीडिया में उप्र सरकार के कामकाज की चर्चा भी होने लग गयी है । प्रदेश विधानसभा में 325 सीटे जीतने के बाद भाजपा सरकार ने अपना काम संकल्पपत्र के अनुरूप ही शुरू किया हैं। हालांकि उप्र में नवगठित योगी मंत्रिपरिषद की केवल 3 बैठकें हुई हैं लेकिन उसके अलावा सरकार ने कई सारे निर्णय किये व लागू करवा भी दिये हैं जिससे सरकार का मिशन साफ दिखलायी पड़ रहा है। प्रदेश की भाजपा सरकार गांव, गरीब, किसान ,दलित व पिछड़े समाज के विकास के लिए कृत संकल्प है। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार व अपराधी के खिलाफ भी काम करती दिखलायी पड़ रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक और समान नागरिक संहिता पर भी अपने विचारों को व्यक्त करके अपनी बात स्पष्ट कर दी है।
तीस दिनों मे सरकार के कइ फैसलों की खूब चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के लिए नई आचरण संहिता पेश कर दी है। योगी जी की आचरण संहिता में अपने मंत्रियों से मंत्री बनने से पहले अगर किसी कंपनी में हिस्सेदारी या आमदनी रही है तो उसका विवरण देने को कहा है। साथ ही मंत्रियों को 5 हजार से अधिक का उपहार न लेने की चेतावनी भी दी है तथा उसे सरकारी खजाने में जमा करने की भी बात कही है। मंत्रियों को बेवजह की दावतों व दिखावे से भी दूर रहने की सलाह दी है। सीएम ने पत्र के माध्यम से सभी मंत्रियों को शासकीय दौरे में निजी आवास या फिर सर्किट आवास में ठहरने के साथ किसी भी आडम्बर से बचने की सलाह दी है। मंत्रियों से हर साल 31 मार्च तक परिसंपत्तियों का विवरण देने को कहा है। साथ ही सोने – चांदी का विवरण भी मांग लिया है।
प्रदेश सरकार लगातार गांव, गरीब व किसानों के हित में फैसले ले रही है। प्रदेश सरकार ने प्रदेंश के हित में ही विगत 14 अप्रैल को केंद्र सरकार के साथ पावर आफ आल समझौता किया है। तथा 2018 तथ सभी घरों में 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य रखा है। साथ ही नई बिजली वितरण व्यवस्था का खाका भी पेश कर दिया है। प्रदेशसरकार ने गांवों को 18 घंटे बिजली देने का ऐलान किया है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा बिजली विभाग को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए भी कृतसंकल्प हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पूरे प्रदेशभर में दो साल में लागू करने का निर्णय लिया ही है साथ ही 20 नये कृषि विज्ञान केंद्र खोलने काभी फैसला लिया है। एक माह के अंदर ही प्रदेश सरकार के मंत्रीगण भी एक्शन में आ गये हैं। लगभग सभी मंत्रियों ने अपाने विभागों में अचानक निरीक्षण व छापामारी अभियान शुरू कर दिया है। जिसके कारण पुरानी सरकारों की कारगुजारियां खुलकर सामनें आने लगी हैे। केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप अब राज्य सरकार ने विकलांगजन विकास विभाग का नाम बदलकर दिव्यांगजन विकास विभाग कर दिया है।
प्रदेश सरकार ने टेडरिंग व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव कर दिया है। टेडरिंग को भ्रष्टाचार से मुक्त बनानेके लिए अब इ्र्र टेडरिंग प्रणाली लागू कर दी गयी है। माना जा रहा है कि पूर्ववर्ती सरकारों की टेडरिंग प्रणाली में भ्रष्टाचार के कई दरवाजे खुले रहते थे। ईमानदार लोग टेंडर डाल ही नहीं पाते थे तथा उसमेंबाहुबलियों का कब्जा हो जाता था।
योगी सरकार की दूसरीबसे बड़ी बात यह रही है कि सरकार ने अपनी पहली ही बठक में किसानों के साथ किया गया पहला बड़ा वादा पूरा करके दिल जीत लिया हैं। योगी सरकार ने प्रदेश के 86.68 लाख लधु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने का बड़ा ऐतिहासिक फैसला किया है जिसकी हनक ओैर धमक दूसरे राज्यों में भी देखी जा रही है। इस फैसले का स्वागत हो रहा है लेकिन विपक्ष को यह फैसला रास नहीं आया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस बाबत जानकारी मांगी है कि उन्होनें किसानों के हित में इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया है। साथ ही इसके लिए किसान राहत बांड जारी करने का भी ऐलान हुआ है। आलू किसानों के हित में भी एक बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने आलू किसानों से 487 रूपये में आलू खरीदने का साहसिक निर्णय लिया है जिसके कारण अब किसानों का आलू सडक़ों पर बर्बाद नहीं हो सकेगा।
इसके अतिरिक्त सरकार व मुख्मंत्री के निेर्देशों के अनुरूप एंटी रोमिया अभियान लगातार चल रही रहा है। अवैध बूचडख़ानों पर ताले लग ही रहे हैं जिसकी गूंज काफी दूर तक सुनायी पड़ रही हैं । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अपराधियों के खिलाफ हल्ला बोल दिया गया हैं। अब फिलहाल जेलों में बंद बड़े बाहुबली चाहे अतीक अहमद हों या फिर मुंख्तार अंसारी जैसे लोग जेल में रहकर खून के आसंू पीकर रहेंगे। उनकी जेलों को बार बार बदला जा रहा है। अभी बाहुबली अतीक अहमद ने मनपसंद जेल मे जाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था लेकिन योगी सरकार के रहे वह याचिका खारिज भी हो गयी और अतीक को कड़ी अदालती फटकार भी लग गयी। इस प्रकरण से यह साफ हो रहा है कि पूर्ववर्ती सरकारों में इन बाहुबलियो की जेल में बड़ी मौज रहती थी जो अब समाप्त होने जा रही है। मुख्तार अंसारी को अब केंद्रीय मत्रियों से डर लगने लग गया है। यह योगी सरकार का ही प्रभाव है कि जेलों में बंद बाहुबली अपराधियों में भय पैदा होने लग गया है।
योगी सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती सरकार के निर्माण व विकास कार्यो की जांच शुरू हो गयी हे तथा आगरा एक्सप्रेस वे में तो कम से कम 27 लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चूकी है। हर जगह घोटालों की पर्ते खुलने लग लग गयी हैं। गोमती रिवर फ्रंट से लेकर जयप्रकाश नारायण सेंटर तक में घोटालों की जांच स्वयं मंत्री लोगों ने शुरू कर दी है। जिसके कारण पुरानी सरकार के अफसरों पर भय का वातावरण पैदा होना लाजिमी हैं ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू – माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के लिए कमेटी का गठन कर ही दिया हैं । प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को भी चुस्त – दुरूस्त करने का अभियान शुरू हो चुका है। प्रदेश का शिक्षा विभाग बेहद अव्यवस्थ्ति है तथा उसे सुधार करने के लिए सर्जिकल स्टाइक तक करनी पड़
सकती है जिसके संकेत मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने दे भी दिये हैं। अब प्राइवेट स्कूल कालेजों पर नकेल कसी जायेगाी। प्रदेश सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या कानून व्यवस्था में सुधार करने की आ पड़ी है। प्रदेश में नयी सरकार बनने के बाद भी अभी अपराध्कि घटनाएं घटित हो रही है। वहीं सरकार का कहना है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था बहुंत ही खराब हालात में मिली है यह जल्द ही सुधरती हुई दिखलायी पडेगी।
प्रदेश सरकार बनने के बाद सबसे बड़ा बदलाव यह दिखलायी पड़ रहा है कि अब प्रदेश के अफसरों को सुबह साढ़े नौ बजे तक कार्यालय में आ ही जाना होगा। मंत्रियों के अचानक निरीक्षणों के दौरान प्रदेश के कई सरकारी कार्यालयों मंक अनपुस्थित व देर से आने वाले अफसरों व कर्मचारियों के वेतन काटे जाने व नोटिस जारी करने का अभियान चल रहा हैं जिसकी गूंज दूर तक सूनायी पड़ रही है। सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुूए बायोमैट्रिक हाजिरी व्यस्था भी लागू कर दी है। सरकार ने सबसे बड़ा कदम यह उठाया है कि किसी भी योजना का नाम समाजवादी नहीं रहेगा। अब समाजवाद की जगह मुख्यमंत्री का उल्लेख किया जायेगा। पूरानी सरकार की समाजवादी पेंशन योजना को रदद कर दिया गया। सरकार ने अखिलेश यादव की फोटो लगे राशन कार्डों को भी रदद कर दिया है। इसके अतिरिक्त सरकार हर विभाग के लिए अपने संकल्प पत्र के अनुसार काम आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे बड़ी व महत्वपूर्ण घोषणा यह करी है कि महापुरूषों की जयंती पर अवकाश अब आगे से नहीं होगे अपितु सभी स्कूल कालेजों को खोलकर महापुरूषों के बारे में पढ़ाया जायेगा । सरकार ने इस फैसले की खूब सराहना हो रही है ।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी सीएम योगी की इस बात की सराहना की है। रही बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे बड़े बयान की तो उनकी इस बात की सबसे अधिक चर्चा रही है कि जो ला उनके साथ 18 से बीस घंटे तक काम करने की क्षमता रखते हो वहीं उनके साथ रहें बाकी सब चले जायें। यहीं नहीं सीएम योगी ने तीन तलाक से संबंधित जो बयान दिया है उसकी खूब चर्चा हो रही है।
एक माह के कार्यकाल से किसी सरकार के कामकाज का अध्ययन व उसकी लोकप्रियता को नही आंका जा सकता लेकिन उसकी मोटी मोटी दशा और दिशा पता चलने लग जाती है। प्रदेश सरकार ने मुस्लिम महिलाोंकी शादी करवाने का भी ऐलान किया है तो योगी सरकार मे मदरसो के दिन भी बहुरन जा रहे हैे। योगी जी ने अपने पहले गोरखपुर दौरे में ही प्रदेश की सडक़ो को 15 जूून तक गडढामुक्त करने का संकल्प लिया है और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तीन माह के अंदर ही वाराणसी की रंगत बदली हुई नजर आये। साथ ही योगी सरकार ने सबसे बड़ा ऐलान कैलाश मानसरोवर भवन बनाने व एक लाख अनुदान देने की भी बात कही है। फिलहाल सरकार के रवैये लग रहा है कि प्रदेश एक बड़े बदलाव की ओर जा रहा है। जिसका असर जल्द ही दिखलायी पड़ेगा।