बाबा की मार्केटिंग
वेदों में ईश्वर को सौ से ज्यादा नाम से उद्बोधन किया गया है जिसके पीछे एक लॉजिक है की ईश्वर का निज नाम ओम है परंतु उसको गुण, कर्म के आधार पर ब्रह्मा,शिव,,मित्र,माता ,पिता, प्रजापति आदि सकडो नामो से वेद मंत्रों में संबोधित किया गया है।
लेकिन सरदार गुरमीत सिंह यानि बाबा गुरमीत सिंह राम रहीम ने ईश्वर के जो नाम एक साथ दिए जैसे ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, रब्ब ये वेद और हिंदू धर्म के विरुद्ध है । अल्ला ,ईश्वर एक नही हो सकते ।इसका कोई आधार भी नहीं है सिवाय इस उद्देष्य के कि इन नामों के कारण अन्य पंथ अनुयाई जैसे हिन्दू मुस्लिम,सिख आदि में अपने गुरुडम के विस्तार के लिए सेंध लगाना ।इसीलिए साफ जाहिर है की इन्होंने अपना नाम भी गुरमीत राम रहीम रखा और चिन्ह भी इसी प्रकार से लगाए की बाबा में सभी धर्म ,पंथ और मजहब समाए है और बाबा के पास आना घाटे का सौदा नहीं है बल्कि ये डेरा सच्चा सौदा है।
यही ईश्वर के मार्ग पर ले जाने का सच्चा सौदा है , यानि कि बाकी सब पंथ झूठे हैं?
इस पंथ के अनुयाई अपने नाम के आगे इंशा लगाते हैं,उनका कहना है की वे ही अच्छे इंसान है,यानी बाकी का क्या ?
इनके ग्रंथो में लिखा है:
सच्चा सौदा हरी नाम है सच्चा व्यापार राम
गुरमति हरि नाम वाण्जिये अति मोलू अफरा राम।
इससे स्पष्ट है की इस गुरु ने हिंदू मुस्लिम आदि धर्म पंथों को मिलाकर एक अलग पंथ सुरु किया , जिसकी मान्यताएं हिंदू धर्म या अन्य धर्मों से अलग हैं।
इतिहास :डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 29 अप्रैल 1948 शाह मस्ताना ने अपने आध्यत्मिक गुरु सावन सिंह जी महाराज के आदेश से की। सावन सिंह जी महाराज ने शाह मस्ताना को बागड़ देश जाने का आदेश दिया। शाह मस्ताना बिलकुल निरक्षर थे।जो कि बिलोचिस्तान (वर्तमान में यह पाकिस्तान में है) के रहने वाले थे। । उनसे आज्ञा पाकर शाह मस्ताना ने बेगू रोड सिरसा में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की। शुरू में शाह मस्ताना ने लोगो को पैसे और अन्य सामान बाट कर नाम जपवाया । फिर धीरे धीरे डेरा सच्चा सौदा का नाम दूर दूर तक फैलने लगा। लोग दूर दूर से शाह मस्ताना के दर्शन करने आने लगे।
डेरा सच्चा सौदा की समाजिक गतिविधियाँ*
1. गौ रक्षा : इस संस्था के लोगों गौ रक्षा के लिए भी समय समय पर रेलियाँ निकालकर लोगों को समझाते है कि हमें कभी भी गौ की हत्या नहीं करनी चाहिए, हमें हर समय गौ की देखभाल करनी चाहिए.
2. आँखें दान : जरूरतमंद लोगों का आई चेक अप करवाते है तथा बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंद लोगों को आँखें दान करके उनकी आँखों को रोशनी देते है
3. पेड़ पौधों की देखभाल : डेरा सच्चा सौदा के सेवादार हमेशा पेड़ पौधों को लगाकर उनकी देखभाल करने के लिए तैयार रहते है | इस संस्था के सेवादार समय समय पर हर जगह लाखों पेड़ पौधे लगाकर उनकी देखभाल करते है |
4. मृत्यु के उपरांत शरीर मेडिकल चिकित्सा में शोध के लिए दान करना
5. मांस का सेवन बिल्कुल नहीं करना
6 किसी भी प्रकार का कोई नशा नहीं करना
गुरुडम संस्था :
शाह मस्ताना ने अपने जीवन काल में हज़ारो लोगो को गुरमन्त्र दिया और गुरु नाम जपने से कष्ट दूर होने और मुक्ति का रास्ता बताया । इनका अभिवादन भी इसी तर्ज पर है।
28 फरवरी 1960 को डेरा सच्चा सौदा की बागडोर श्री जलालआना साहिब के श्री हरबंस सिंह जी को सौंप दी। बाद में जिनका नाम खुद शाह मस्ताना जी बदला और उनका नाम बदलकर शाह सतनाम सिंह रख दिया।
इनका अभिवादन और संबोधन गुरु की महिमा है:
धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा
यानि तू ही सतगुरु है और तेरा ही हमको आसरा है ,हम धन्य है और तेरे आभारी है।
गुरु की प्रशंशा के गीत गाना,कान में गुरु मंत्र लेना, इसी गुरु को ईश्वर तक ले जाने का माध्यम स्वीकारना,
ये पाखंड और बकवास नही तो क्या है?
गुरमीत राम रहीम
गुरमीत राम रहीम जी की शिक्षा श्रीरसर के एक छोटे से विद्यालय में हुई | इनका विवाह हरजीत कौर से हुआ | इनकी 2 बेटियाँ और 1 बेटा है | ये सभी बच्चे अपने नाम के अंत में अपने पिता द्वारा ली गई उपाधि इंसा लगाते हैं |
शाह सतनाम जी ने 28 फरवरी 1960 से 23 सितम्बर 1990 तक डेरा सच्चा सौदा की गुरगद्दी संभाली और 23 सितम्बर 1990 को डेरा सच्चा सौदा की बागडोर मौजूदा गद्दीनशीन संत गुरमीत राम रहीम सिंह को सौप दी।
अपने इस कार्यकाल के दौरान शाह सतनाम जी ने लाखो शिष्य तैयार किए और देश के अतिरिक्त विदेशों मे आश्रम खोले.
अभी राम रहीम जेल में हैं और वहा से पैरोल पर आकर उपदेश देता है , इसी बीच अपनी शिष्य हनीप्रीत को उत्तराधिकारी बना दिया है,सुना है की ऐसी से नाराज इसका परिवार विदेश में रहने चला गया है।
गुरमीत राम रहीम जी के विश्व रिकॉर्ड
1. सबसे बड़े फिंगर पेंटिंग का रिकॉर्ड डेरा सच्चा सौदा की ग्रीन एस – वेलफेयर फो़स॔ के नाम है | इस फो़स॔ के द्वारा बनाई गई फिंगर पेंटिंग की कुल लम्बाई 3900 वर्ग मीटर की है.
2 गिनीज विश्व रिकॉर्ड के अलावा एशिया बुक रिकॉर्ड के अनुसार बाबा ने एक फिल्म में लगभग 43 भूमिका निभाई जिसका रिकॉर्ड भी उनके नाम है | यह रिकॉर्ड इन्हें इनकी फिल्म MSG लायन हार्ट – 2 की वजह से मिली थी |
विश्लेषण : किसी भी धर्म गुरु का धर्म के विषय मे स्पष्ट और गहन ग्यान होना जरूरी है. केवल किसी गुरु की दुकानों का वारिस बन जाने से कोई गुरु नहीं बन जाता.
एक माली के लिए भी योग्यता देखी जाती है, चपरासी के लिए भी साक्षात्कार के बाद विचार किया जाता है तो धर्म और धर्म गुरु के चयन मे अंधविश्वास नहीं होना चाहिए इससे भारतीय विद्वानों, संत महात्माओं की जग हंसाई होती है. हमारे देश को ऋषि मुनियों की भूमि कहा गया है लेकिन बिना पढ़े बाबा और कथाकारों ने अन्याय किया है.
गुरमीत सिंह ने अपने नाम के साथ राम रहीम लगाकर अपने शिष्यों की संख्या बढ़ाने के लिए अच्छी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का प्रयोग किया और गुरुडम के व्यवसाय को बहुत अच्छे तरीके से चलाया। इसके प्रवचन बिना सिर पैर के आधारहीन होते हैं।इस गुरु ने कोई गुरुकुल शिक्षा, ,वैदिक भिक्षा, रामायण। गीता उपनिषद नहीं पढ़े ।सिर्फ परिवार के व्यवसाय को आगे बढ़ाया।
2. कहते है एक बार शाह मस्ताना जी गांव श्री जलालआना साहिब से गुज़र रहे थे तब उन्होंने अपने साथ मौजूद सेवादारों को कहा आओ तुम्हे रब्ब की पैड दिखाते है। और एक पदचिन्ह पर गोला करते हुए कहा की ‘ये देखो बरी ये रब्ब की पैड है’ इस पर उनके साथ मौजूद एक सेवादार ने कहा साईं जी ये तो जैलदार जी के बेटे के पद्चिन्ह है। इस पर शाह मस्ताना जी ने कहा ‘ये हमें नहीं पता पर है ये रब्ब की पैड।’ यानी बेटे के पद चिन्ह को रब की पैड बताकर बेवकूफ़ बनाया.
3 गुरु इतना महात्वाकांक्षी है कि गुरु नाम जपो, और इनकी अपनी एक अलग दुनिया है ।जिसमें गुरु भाई आपस मे विवाह शादी करे, और सनातन धर्म से अलग अपना अलग पहचान चिन्ह और अपना अलग अभिवादन तैयार किया
4 डेरा सच्चा सौदा विवादों में है,
a) धार्मिक बाबा का फ़िल्मी कलाकारों और एक्टिंग की तरफ रुझान होना ,नाचना ,गाना आदि कार्य एक संत को शोभा नहीं देना
b) डेरा सच्चा सौदा मे शिष्यों को नपुंसक बनाना :
रेप केस में 20 साल की सजा भुगत रहे राम रहीम और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ डेरे में 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है.याची का कहना था कि डेरामुखी ने यह कहते हुए अनुयायियों को नपुंसक बनाया कि वे अगर खुद नपुंसक बनते हैं तो भगवान को पाने में सफल होंगे। नवकिरण ने बताया 17 साल की उम्र में डेरे के अनुयायी बन गए थे। बताया कि मुझे साल 2002 में श्री गंगानगर स्थित डेरे के अस्पताल में नपुंसक बनने के लिए मजबूर किया गया, जहां मेरे अलावा कई अन्य साधू (डेरा अनुयायी) भी थे। इसके लिए डेरामुखी ने मेरी सराहना की और मुझे एक नया गिटार दिया, क्योंकि उस समय मैं डेरे के म्यूजिक ग्रुप का सदस्य था। कुछ दिन बाद में मैंने महसूस किया कि नपुंसक बनाना एक अमानवीय कृत्य था, जिसके कारण मेरे शरीर में कई तरह के परिवर्तन होने लगे। मैंने तब डेरा छोड़ दिया।
इस चार्जशीट में जिक्र है साधुओं को नपुंसक बनाने के वक्त राम रहीम खुद मौजूद रहता था.
c) लड़कियों का ध्यान और यौन शोषण करने के लिए, गुरमीत ने डेरे के अंदर एक गुफा में एक भूमिगत घर बनाया। कैंप के ठग इन लड़कियों को देखते थे। उसके गिरोह की लड़कियां हमेशा गुरमीत के निजी कमरों की सुरक्षा में थीं, जिन पर वह भरोसा करती थी। शिविर के अंदर बलात्कार एक गलती के लिए माफी की तरह था।
बाद में, कुछ महिलाओं ने खुलासा किया कि उन्होंने उन्हें ऐसा महसूस कराया जैसे कि उन्हें आशीर्वाद दिया जा रहा है। 2002 में, जिस महिला ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को गुमनाम रूप से पत्र भेजा था ।
जिसकी जांच के बाद जो जो सामने आया वह लिखना ठीक नहीं है, समझदार को इशारा काफी है.
आप अपनें परिवार को इन गुरुओं के चंगुल से बचाए ,यही विनती है।