अलीगढ़ के मंगलायतन विश्वविद्यालय को मिला नैक ए प्लस ग्रेड -मंगलायतन विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि, कुलपति ने दी बधाई

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अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद (नैक) में ए प्लस ग्रेडिंग प्राप्त की है। विश्वविद्यालय में नैक की पांच सदस्यीय टीम ने 22 से 24 फरवरी तक स्थलीय निरीक्षण किया था। टीम ने विश्वविद्यालय की अकादमिक एवं अनुसंधान गुणवत्ता के साथ प्रशासनिक व ढांचागत व्यवस्था का मूल्यांकन किया था। विद्यार्थियों, एलुमनाई व अभिभावकों के साथ ही स्टाफ के साथ बैठक कर चर्चा की थी। गुरुवार को नैक द्वारा परिणाम घोषित होने की जानकारी होते ही विश्वविद्यालय में जश्न का माहौल हो गया। शिक्षक-कर्मचारी सभी एक-दूसरे को बधाई देते दिखे।
मंविवि के कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए बताया कि अक्टूबर 2022 में सेल्फ एसेसमेंट रिपोर्ट (एसएसआर) नैक में सब्मिट की गई थी। हमने बड़ी उपलब्धि प्राप्त करते हुए ऊंची छलांग लगाई है। शुक्रवार को कुलपति सभागार में आयोजित हुई बैठक में कुलपति ने कहा कि यह सभी के सामूहिक प्रयास का परिणाम है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद (नैक) से विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड मिला है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी मेहनत और लगन से ऊंचा लक्ष्य प्राप्त किया है। हम आगे भी शिक्षकों व विद्यार्थियों को और बेहतर सुविधाएं व संसाधन देने का प्रयास करने के लिए प्रयत्नरत रहेंगे। कुलपति ने कहा कि अब कोशिश यही रहेगी कि हम निरंतर मेहनत करके और बेहतर ग्रेड लाएं। कुलपति ने कहा कि अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। शिक्षण और अनुसंधान में और बेहतर कार्य करते हुए छात्रों की काउंसलिंग व उनके अभिभावक के रुप में उनकी देखरेख की जिम्मेदारी हमारी है।
कुलसचिव ब्रिग. समरवीर सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहकर कार्य करना हमारे लिए बड़ी चुनौती थी लेकिन सभी के सामुहिक प्रयास से हमें उपलब्धि प्राप्त हुई और नैक से ए प्लस ग्रेड मिला है। हम भविष्य की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए नए मुकाम के लिए प्रयास करेंगे। निश्चित ही हमें ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त होगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने कहा कि मंगलायतन विश्वविद्यालय शिक्षार्थियों को उच्च शिक्षा दिलाने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं से वंचित विद्यार्थियों के लिए बड़ा विकल्प बनकर उभरा है। जिसका परिणाम है कि आज विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि मिली है। उन्होंने बताया कि जल्द ही विश्वविद्यालय में ऑन लाइन व डिस्टेंस एजूकेशन पर काम शुरु करेंगे। जिससे विद्यार्थियों को और अधिका सुबिधा मिल सके। इस अवसर पर प्रो. वाईपी सिंह, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. अशोक पुरोहित, प्रो. अंकुर अग्रवाल, प्रो. सिद्धार्थ जैन, डा. संतोष गौतम, डा. नियति शर्मा, डा. सोनी सिंह, लव मित्तल, तरुन शर्मा, मयंक सिंह आदि थे।

क्या है नैक ग्रेडिंग?
नैक मूल्यांकन किसी भी विश्वविद्यालय की गुणवत्ता जांचने के लिए होता है। संस्थान द्वारा नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करना होता है, आवेदन करने के बाद नैक टीम संस्थान का निरीक्षण करती है। टीम शैक्षणिक सुविधाएं, अनुसंधान, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि व्यवस्थाओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार करती है। इसी के आधार पर ग्रेड दिया जाता है। इसका काम देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखना और उनको रेटिंग देना है। नैक ग्रेडिंग से विद्यार्थियों को संस्थान का चयन करने में शिक्षा की व्यवस्था, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा के लिए बेहतर विकल्प की सुबिधा मिलती है।

चित्र परिचय: 01 मंगलायतन विश्वविद्यालय। 02 मंविवि में नैक ग्रेड मिलने के बाद बैठक को संबोधित करते कुलपति प्रो. पीके दशोरा।

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