राष्ट्र निर्माण में आर्य समाज और हिंदूवादी संगठनों की भूमिका विषय पर चिंतन बैठक संपन्न

मुरादाबाद (जितेंद्र प्रताप सिंह / अमन आर्य ) यहां पर गांधी जी की आरा मशीन के कार्यालय में राष्ट्र निर्माण में आर्य समाज और हिंदूवादी संगठनों की भूमिका विषय पर चिंतन बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में ‘उगता भारत’ समाचार पत्र के चेयरमैन देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट ने कहा कि इस समय देश की समस्याओं के लिए हमें उसी प्रकार कार्य करने की आवश्यकता है, जैसी कभी पंडित मदन मोहन मालवीय जी और स्वामी श्रद्धानंद जी ने मिलकर किया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के बिंदु पर आम सहमति बनाकर सैद्धांतिक मतभेदों को पीछे रखकर इस समय हाथ में हाथ डालकर चलने की आवश्यकता है। यदि समय की इस आवश्यकता को ने नहीं समझा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे इसलिए सभी राष्ट्रवादी शक्तियों को हिंदुत्व के झंडे नीचे आकर राष्ट्र के लिए समर्पित होकर काम करने की आवश्यकता है। अखिल भारत हिंदू महासभा के वरिष्ठ नेता और हिंदूवादी राष्ट्रवादी चिंतक श्री सतीश चंद्र मदान ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें राष्ट्र की समस्याओं के प्रति गंभीर होकर अपनी चिंतन शैली को मजबूती देनी होगी तभी हम उन विदेशी और विधर्मी ताकतों का सामना कर पाएंगे जो भारत की एकता और अखंडता की शत्रु बन चुकी हैं।
भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय पर प्रणेता और एवम सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मां भारती के सम्मान और संस्कृति की रक्षा के लिए आर्य समाज ने प्रारंभ से बलिदान दिये हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू पौराणिक भाइयों की पूजा पद्धति का विरोधी होकर भी आर्य समाज ने 1939 में निजाम हैदराबाद के विरुद्ध संघर्ष कर अपने अनेक बलिदान दिए थे। आज उसी परंपरा को जीवित करने की आवश्यकता है।
भारत को समझो अभियान समिति के कार्यकारिणी सदस्य श्री चाहतराम ने इस विषय में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वैदिक संस्कृति से ही संसार में शांति स्थापित की जा सकती है।
इस अवसर पर श्री अजब सिंह आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी संगठनों के एकता पर बल दिया, जबकि श्री रमेश सिंह आर्य ने कहा कि हमें अपने सिद्धांतों पर मजबूत रहते हुए राष्ट्रीय और संगठन की शक्ति पर काम करने की आवश्यकता है। इसी प्रकार श्री लोकेश आर्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि हमें अपने देश और अपनी संस्कृति के लिए समर्पित होकर काम करना है . कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कर रहे वरिष्ठ नेता और आर्य वीर दल के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी श्री ज्ञानेंद्र गांधी ने कहा कि समय मतभेदों को पाटने का है, यदि हम किसी भी प्रकार के मतभेद को लेकर खड़े रहे तो अनिष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र, राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद को आज उसी प्रकार गति देने की आवश्यकता है जैसी गति कभी स्वामी दयानंद जी महाराज ने 18 57 क्रांति के समय प्रदान की थी। कार्यक्रम बैठक में विजेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट ने भी अपने विचार व्यक्त किए और इस समय सामाजिक एकता पर बल दिया।

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