Categories
उगता भारत न्यूज़

हिंदू बच्चों को पाकिस्तानी स्कूलों में नहीं मिल पाता दाखिला: पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं ने बताई आपबीती

नई दिल्ली । (रामनाथ लूथरा) यहां पर आर्य समाज ब्रह्मपुरी में संपन्न हुए वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों ने आपबीती सुनाई। धर्मवीर सिंह नामक व्यक्ति ने ‘उगता भारत’ को एक विशेष बातचीत में बताया कि पाकिस्तानी स्कूलों में हिंदुओं के बच्चों को दाखिला नहीं मिलता। उन्हें अनेक प्रकार की यातनाएं दी जाती हैं और यदि कोई विरोध करता है तो उसका या तो जबरन धर्मांतरण करा दिया जाता है या फिर उसे खत्म कर दिया जाता है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले धर्मवीर सिंह सोलंकी ने बताया कि प्रवासी भारतीयों को पाकिस्तान में तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उसने कहा कि जिन्होंने फलन की उनके पूर्वजों को 1947 में देश को धर्मनिरपेक्ष रखने का वचन दिया था पर यह वचन उनके सामने ही टूट गया था क्योंकि 1947 से लेकर आज तक निरंतर वहां पर हिंदुओं पर अनेक प्रकार के अत्याचार होते रहे हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं के बलपूर्वक धर्म बदलवाने की घटनाएं बहुतायत में हैं। उसका कहना है कि इस समय हिंदू लड़कियों के लिए पाकिस्तान में रहना मुश्किल होता जा रहा है। उनके साथ कब क्या घटना घटित हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। हर हिंदू अपनी जवान होती बेटी को लेकर बहुत ही डरा और सहमा हुआ सा रहता है। कब कोई दरिंदा उस बच्ची पर नजर रख ले और क्या कर दे ?, उसे इस बात की चिंता हमेशा खाती रहती है।
पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं का रहना दूभर हो गया है। उनका जबरन धर्मांतरण कराया जाता है और फिर उनकी शादी मुस्लिम युवाओं से करा दी जाती है। यह घटनाऐं पाकिस्तान में निरंतर बढ़ती जा रही हैं।
पाकिस्तान से आए इन शरणार्थियों में से अन्य लोगों का भी है कहना था कि उनके लिए सरकार और न्यायालय भी गूंगे बहरे हो गए हैं क्योंकि उनके सामने भी दर्द बयां करने से कुछ हासिल नहीं होता। हिंदुओं और सिखों से आज 21वीं शताब्दी में भी औरंगजेब की तर्ज पर जबरदस्ती जजिया टैक्स वसूला जाता है।
पाकिस्तान में सरकारी कार्यालयों में हिंदू कर्मचारियों की हालत भी बहुत बेहतर नहीं है। उन्हें भी वहां मुस्लिम अधिकारियों के आतंक का शिकार होना पड़ता है। अनेक प्रकार का उत्पीड़नात्मक व्यवहार उनके साथ किया जाता है।
पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों का कहना है कि स्कूलों की किताबों में पाठ्यक्रम ऐसा है जो हिंदुओं के प्रति विद्वेष ज्यादा फैलाता है। स्कूलों की किताबों में भारत के प्रति जहर घोला गया है और उस जहर को वहां के हिंदुओं पर उगला जाता है। हिंदुओं से दोयम दर्जे के नागरिकों का सा व्यवहार किया जाता है यही कारण है कि उनकी बड़े पैमाने पर जमीन छीनी जा चुकी है।
हमें इन लोगों ने यह भी बताया कि हिंदुओं को ना तो अच्छी नौकरी मिल पाती है और ना ही बैंक से लोन मिल पाता है। उन्हें आज भी पाकिस्तान में गुलामी की जिंदगी बसर करनी पड़ रही है। हमें इस बात पर बड़ा अफसोस है कि 1947 में देश के बंटवारे के समय हमें पाकिस्तान में छोड़ दिया गया।स्कूलों में अल्पसंख्यक बच्चों को कुरान पढ़ना अनिवार्य है।पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पिछले दिनों हिंदुओं के धर्मांतरण को रोकने की कोशिश के लिए एक बिल लाया गया लेकिन ये पास नहीं हो पाया।
इस प्रकार पाकिस्तान आज भी हिंदुओं के लिए एक जेल है और उस जेल से निकलने के लिए वहां पर लाखों हिंदू छटपटा रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार का विशेष दायित्व बनता है कि वह अपने हिंदू भाइयों को उस जेल से निकालने में मदद करें।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version