बरेली। ( विशेष संवाददाता ) बरेली आर्य समाज के प्रधान और आर्य जगत के प्रति समर्पित भाव रखने वाले समाजसेवी डॉ वेद प्रकाश शर्मा का कहना है कि बरेली आर्य समाज महर्षि दयानंद जी महाराज के सपनों को साकार करने के लिए समर्पित है। उन्होंने ‘उगता भारत’ के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि अभी भी महर्षि दयानंद के सपनों को साकार करने के लिए बहुत कुछ किया जाना शेष है। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद जिस प्रकार के राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित थे ,उसके लिए अभी हमें बहुत कुछ करना है। डॉ शर्मा ने गुरुकुल की शिक्षा प्रणाली पर बल देते हुए कहा कि जब तक संस्कार आधारित शिक्षा प्रणाली नहीं होगी, तब तक हम महर्षि दयानंद के प्रति अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि कभी अर्पित नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की दरकार है। क्योंकि यह शिक्षा प्रणाली लॉर्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली के आधार पर चल रही है । जिससे देश मुक्ति प्राप्त करना चाहता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश को नई शिक्षा नीति देने के लिए स्वामी रामदेव जी महाराज को तत्संबंधी परिषद का दायित्व प्रदान किया है । ऐसे में आर्य समाज के पास यह विशेष दायित्व आ जाता है कि वह शिक्षा क्षेत्र में व्यापक और अपेक्षित परिवर्तन करे। उनका मानना है कि भारत की न्याय व्यवस्था भी अंग्रेजों की न्याय व्यवस्था के अनुरूप कार्य कर रही है जिससे भ्रष्टाचार के अनेक प्रकार के आरोप हमारी इस व्यवस्था पर भी लगते रहते हैं। हमें इस समय राष्ट्रीय भावना से प्रेरित होकर कार्य करने की आवश्यकता है। सामान्यतया हमारे देश के लोग नगर पालिका और सरकारों पर या सरकारी प्रतिनिधियों पर सारे काम को छोड़कर चलने की प्रवृत्ति का शिकार होते जा रहे हैं। यह प्रवृत्ति आत्मघाती होती है। प्रत्येक व्यक्ति को और देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के प्रति गंभीर होना होगा और जो व्यक्ति जहां पर है वहीं रहते हुए अपनी भूमिका में सुधार करते हुए राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव अपनाए तभी हम देश को विश्व गुरु बना सकते हैं।
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