जिंदा है आतंकवादी संगठन लिट्टे चीफ प्रभाकरण: कांग्रेस नेता का दावा

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पाझा नेदुमारन, पूर्व कांग्रेस नेता का दावा, श्रीलंका ने 2009 में मार गिराने का किया था दावा

आतंकवादी संगठन लिट्टे चीफ प्रभाकरन
आतंकवादी संगठन लिट्टे के चीफ प्रभाकरन के जिंदा होने का दावा किया गया है। यह दावा पूर्व कॉन्ग्रेस नेता और ‘वर्ल्ड कन्फेडरेशन ऑफ तमिल’ के अध्यक्ष पाझा नेदुमारन ने किया है। नेदुमारन कहा है कि प्रभाकरन उनके संपर्क में है और जल्द ही सामने आएगा। श्रीलंकाई सरकार ने मई 2009 में प्रभाकरन के मारे जाने की घोषणा की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 13 फरवरी 2023 को तमिलनाडू के तंजावुर में मीडिया से बात करते हुए पाझा नेदुमारन ने कहा है कि श्रीलंका की वर्तमान स्थिति और राजपक्षे सरकार के खिलाफ विद्रोह को देखते हुए प्रभाकरन के सामने आने का सही समय आ गया है। प्रभाकरन जल्द ही सबके सामने आएगा।

पाझा नेदुमारन ने यह भी कहा है कि उन्हें दुनिया भर की तमिल आबादी के सामने यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि प्रभाकरन बहुत अच्छा काम कर रहा है और वह जिंदा है। इससे प्रभाकरन को लेकर चल रहीं अफवाहों को विराम मिलेगा। प्रभाकरन जल्द ही तमिलों के बेहतर जीवन के लिए कुछ नया करेगा। इसलिए दुनिया भर के तमिलों को एकजुट हो जाना चाहिए।

नेदुमारन ने आगे कहा है कि प्रभाकरन और लिट्टे ने भारत का विरोध करने वाले किसी भी देश को कभी भी अपनी जमीन पर पैर नहीं रखने दिया। उन्होंने कहा, “न ही ऐसे किसी देश से उसका कोई संबंध रहा जो भारत का विरोधी हो। इसीलिए, भारत सरकार को श्रीलंका में चीन की मजबूत होती स्थिति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।” उन्होंने यह भी दावा किया है कि वह प्रभाकरन के परिवार के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि प्रभाकरन फिलहाल अपनी पत्नी और बेटी के साथ रह रहा है। उसको लेकर यह जानकारी वह प्रभाकरन के परिवार की स्वीकृति के बाद दे रहे हैं।

वेलुपिल्लई प्रभाकरन श्रीलंकाई तमिल गुरिल्ला और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी लिट्टे (LTTE) का संस्थापक है। वह श्रीलंका के उत्तर और पूर्व में एक स्वतंत्र तमिल राज्य बनाने की माँग करता था। लिट्टे के कारण करीब तीन दशक तक श्रीलंका गृह युद्ध की आग में जलता रहा। हालाँकि इसके बाद श्रीलंकाई सेना ने मई 2009 में प्रभाकरन को मौत के घाट उतार दिया।

प्रभाकरन की मौत को लेकर अलग-अलग तरह के दावे होते रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में यह कहा गया था कि सेना से घिरने के बाद उसने खुद को गोली मार ली थी। वहीं कुछ रिपोर्ट्स में सेना द्वारा उसको मौत के घाट उतारने की बात कही गई थी। हालाँकि, बीते 14 साल में प्रभाकरन के जीवित होने को लेकर पहली बार दावा किया गया है।

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