ईश्वर और अल्लाह एक नहीं हैं*
ये लेख विभिन्न विद्वानों के लेख पर आधारित ४ भागो में है।
कृपया पूरा पढ़े और मुस्लिम वर्ग को शेयर करे।
मुस्लिम नेता मेहमूद मदनी ने कहा है की ईश्वर और अल्ला एक ही है ,ऐसा गाँधी ने भी कहा की ईश्वर अल्ला तेरो नाम ,और बहुत से सेक्युलर नेता ऐसा कहते आये है की ईश्वर कहो या अल्ला दोनों एक ही बात है। अब समय आ गया है इस तथ्य को पूरी तरह समझा दिया जाये की ईश्वर और अल्ला दोनों ना तो एक है और एक कहना किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं हो सकता क्योकि ये विचार पूरी तरह बेतुका है।
क़ुरान का अल्लाह मुहम्मद की सोच है इस तरह अल्ला की उम्र लगभग 1400 साल है ।अल्ला से मिलने की इजाजत सिर्फ मोहमद को थे जो एक गधी पर सवार होकर उड़कर उसको मिलने जाया करता था।
मुस्लिम के अनुसार अल्लाह से किसी की तुलना या किसी को शरीक करना इस्लाम में कुफ़्र है।प्रश्न ये हैं कि यदि दोनों एक है तो मस्जिद आदि में ईश्वर शब्द के प्रयोग पर रोक क्यों है ? केवल अल्ला के शब्द को ही प्रयोग किया जाता है। अल्ला और ईश्वर एक की बात केवल हिन्दू वर्ग को समझाने और मुर्ख बनाने के लिए है।
मुख्या अंतर् इस प्रकार से समझते है :
अल्ला को समझने के लिए इसकी आसमानी किताब पढ़ें जरुरी है ,जिसमे लिखा है की अल्ला ७वे आसमान पर तख़्त बैठा है। यानि की अल्ला के हाथ ,पैर ,शरीर है और वो बैंठा है आम आदमी की तरह। ये मालूम नही साइज में कौन ज्यादा है अल्ला या तख़्त?
रात को सूरज अल्ला के पलंग के नीचे आराम फरमाता है। अब इनसे सूरज का तापमान और आकार भी मालूम करो। सूरज का व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। सूर्य के केंद्र का तापमान अनुमानित 150 लाख डिग्री सेंटीग्रेड है।अब आप समझ गए की अल्ला नाम की कोई चीज है ही नहीं।
अल्ला सिर्फ मुस्लिम को मरने के बाद स्वर्ग देता है ,यदि कोई व्यक्ति मरने के समय भी मुस्लिम हो जाये तो वो भी जन्नत जायेगा और भेदवभाव इतना की गैर मुस्लिम नरक जायेगा।
अल्ला स्वर्ग में पुरुष को सम्भोग की पूरी आजादी और सुविधा के लिए ७२ महिलाये ,शहद और शराब की नदिया मिलेंगी। पुरुष की पूर्व पत्नी इनकी सरदार होगी।
अल्ला मुस्लिम को कबर में रखेगा जब तक दुनिआ के सभी लोग मुस्लिम ना हो जाये। उसके लिए अल्ला को जिहाद पसंद है और गैर मुस्लिम का खून खराबा करने की क़ुरान में आजादी दी है।
प्रस्तुति : डॉ डी के गर्ग
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।