बिखरे मोती: सकारात्मक और नकारात्मक सोच के संदर्भ में –
सकारात्मक और नकारात्मक सोच के संदर्भ में –
कुमति-सुमति से कभी,
होता नहीं है मेल।
पश्चाताप मन में रहे,
एक दिन बिगड़ै खेल॥ 2145॥
सज्जन और दुर्जन के संदर्भ में –
सज्जन की दिखती कमी,
दूर्जन की फिरै डार।
रहना दुष्टों के बीच हो ,
संयत रख व्यवहार॥2146॥
लक्ष्य प्राप्ति के संदर्भ में –
प्रेरक की हो प्रेरणा,
लक्ष्य नहीं फिर दूर।
संकल्प से सिद्धि तलक,
जोश रखो भरपूर॥2147॥
ओ३म का महत्व
हरि ओ३म के नाम बिन,
मिलता नहीं सुकून।
जीवन रस हरि ओ३म है,
बाकी सून ही सून॥2148॥
शक्ति का भण्डार है,
हरि ओ३म का नाम।
पावन मन से जाप कर,
सिद्ध होय सब काम॥2149॥
प्रभु का कृपा – कवच जिसके सिर पर होता है –
सिर पै साया ओ३म का,
जिस नर पै हो जाय।
मुक्ति -मग पै चल पड़े,
हरी धाम को पाए॥2150॥
धनों में धन प्रभु का नाम है –
दौलत तो हरी नाम की,
संचित कर भरपूर ।
यही सफर में काम दे ,
जाना है बड़ी दूर॥2151॥
भक्ति – भलाई के संदर्भ में –
पल-पल सांसे घट रही,
मल गफलत में सोय।
नेकी सिमरन रोज कर,
एक दिन हरि का होय॥2152॥
आत्मा का भोजन ओ३म का जाप है
आत्मा का भोजन तेरा,
हरि ओ३म का नाम।
कोताही करना नहीं,
भजो सुबह और शाम॥2153॥
बुरे विचारों का प्रवेश हृदय में कभी मत होने दो –
बुरे विचार को रोक दे,
मन मन्दिर के द्वार।
पावन मन से ही रहो,
जो चाहो उद्धार॥2154॥
क्रगशः