नफ़रत और अंधविश्वास का जन्म कुरान से हुआ है
मुसलमानों का मानना है कि कुरान लेकिन अल्लाह ने आसमान से भेजी थी , लेकिन यह ऐसी किताब है जिसके आते ही सम्पूर्ण मानव जाति दो भागों में विभाजित हो गई एक तरफ ईमान वाले यानि मुसलमान और दूसरी तरफ गैर मुस्लिम , जिनको कुरान ने काफिर नाम दे दिया ,यद्यपि इन लोगों ने न तो मुहम्मद और अल्लाह कभी गाली दी और न इनके साथ कोई झगड़ा किया फिर भी घर बैठे ही मुसलमान इनको अपना दुश्मन समझने लगे भारत के जितने भी धर्म ग्रन्थ हैं उनमे ऐसी नफ़रत की शिक्षा कहीं नहीं मिलती जैसी कुरान में दी गयी है ,नमूने के लिए दो आयतें दी जा रही हैं
“ا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا لَا تَتَّخِذُوا الْكَافِرِينَ أَوْلِيَاءَ مِنْ دُونِ الْمُؤْمِنِينَ أَتُرِيدُونَ أَنْ تَجْعَلُوا لِلَّهِ عَلَيْكُمْ سُلْطَانًا مُبِينًا”
हे ईमान वालो तुम काफिरों को कभी दोस्त नहीं समझो ,सिवाय मुसलमानों के , और यदि कोई ऐसा करेगा तो अल्लाह उस से कोईं संबंध नाहिं रखेगा “सूरा -ाआले इमरान 3 :144
O you who have attained to faith! Do not take the deniers of the truth for your allies in preference to the believers! Do you want to place before God a manifest proof of your guilt? (144)
“لَا يَتَّخِذِ الْمُؤْمِنُونَ الْكَافِرِينَ أَوْلِيَاءَ مِنْ دُونِ الْمُؤْمِنِينَ وَمَنْ يَفْعَلْ ذَٰلِكَ فَلَيْسَ مِنَ اللَّهِ ”
The believers may not take the unbelievers for their allies in preference to those who believ3:28
ईमानवालों को चाहिए कि वे ईमानवालों से हटकर इनकार करनेवालों को अपना मित्र (न बनाएँ, और जो ऐसा करेगा उसका अल्लाह से कोई सम्बन्ध नहीं रहेगा
बताइये नफ़रत की शिक्षा कौन देता है धीरेन्द्र शास्त्री या कुरान पर अंध ईमान रखने वाले दाढ़ी टोपी वाले मौलवी ?
और अगर देवताओं और भूत प्रेत पर अंधविश्वास है तो फरिश्तों ,जिन्नों और हूरों पर ईमान रखने को क्या कहोगे ?क्या आज तक भूतों पर विश्वास करने वालों ने किसी देश पर हमला किया ? आतंक फैलाया ? बलात्कार किया ? लड़की के 35 टुकड़े किये ? तुम्हारे अल्लाह और रसूल पर अंध ईमान रखने वालों से तो भूत प्रेत करोड़ों गुना अच्छे हैं जो बिचारे न तो बलात्कार करते हैं और न बम विस्फोट करते हैं धीरेन्द्र शास्त्री पर नफ़रत और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाने के पीछे असली हिन्दू विरोधियों हड़कंप होना है
1-देखो बिलों से विषैले नाग निकलने लगे
संस्कृत कहावत है “पय पानं भुजङ्गानाम केवलम विष वर्धनं ” अर्थात आप सांप को जितना दूध पिलाओगे उसका विष और बढ़ता जायेगा ‘ यह इसलिए कहा जाता है क्योंकि सांप अपना छुप कर डसने की आदत नहीं छोड़ सकता है और इसके वह खुद को छुपाने के लिए तरकीब निकाल लेता है , जैसे खेत में होगा तो मिटटी जैसा रंग , घास में हरा रंग , पेड़ों पर पेड़ की छाल जैसा रंग और कभी रस्सी जैसा रूप बना लेता है ,सांप हर जगह होते है और छुपे रहते है लेकिन अगर कोई सपेरा बीन बजा देता है ,तो सांप एक एक करके अपने बिलों से बाहर निकलने लगते है
इसी तरह जो हिन्दू विरोधी नाग अबतक कभी सेकुलर , कांग्रेसी , भीम वादी ,समाजवादी जैसा रंग बना कर बिलों में घुसे थे और जैसे ही धीरेंद्र शास्त्री ने हिन्दू राष्ट्र की बीन बजाई यह सांप बहार निकल कर विष उगलने लगे ,इन सभी साँपों का उद्देश्य मोदी सरकार को निकम्मा बताने की आड़ में हिन्दू धर्म और हिन्दू संतों फ़साना है ,इन में से लुछ नाग इस प्रकार हैं ,
1-श्याम मानव – यह असल में इसे है आएऔर नागपुर में अंधविश्वास निर्मूलन समिति का सदस्य है बागेश्वर बाबा ने पिछले साल 25 दिसंबर को 250 ईसाई लोगों की घर वापसी कराइ तो इसने शास्त्री पर केस दर्ज कर दिया की यह अंधविश्वास फैला रहे हैं लेकिन नागपुर की पुलिस ने की इस आरोप का खंडन कर दिया और ऍफ़ आई आर ख़ारिज कर दी
2-अविमुक्तेश्वरानन्द -यह नकली शंकराचार्य और कांग्रेसी है अभी तक कोई इसे नहीं जनता था इसने शास्त्री को चुनौती दी की अगर तुम में चमत्कार करने की शक्ति है तो जोशी मठ को गिरने से बचा कर दिखाओ
3-पण्डोखर महाराज -दतिया निवासी यह धीरेन्द्र का विरोधी है इसने अभी तक कई लोगों को ठगा है जब इसकी दुकान बंद होने लगी तो इसने शास्त्री को भगोड़ा बता दिया था जबकि यह बात झूठ साबित हो गयी
4-स्वामी प्रसाद मौर्य -यह समाज वादी पार्टी में जाने से पहले कई पार्टियां बदल चूका है जब इस से कुछ नहीं हो सका तो इसने रामचरितमानस पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग कर डाली “कहावत है “खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे ”
5-शहाबुदद्दीन रिजवी -यह मुस्लिम जमात का अध्यक्ष है जब शास्त्री जी ने कहा था कि टोपी वालों की भी घर वापसी करा देंगे तो रिजवी की हवा निकल गयी की शास्त्री इस्लाम की निंदा कर रहे हैं हम रिजवी से पूछते हैं कि टोपी इस्लाम की प्रतिक कब बन गयी ? अगर कुरान और हदीस में एक जगह भी टोपी का उल्लेख बता दो हम अभी इस्लाम स्वीकार कर लेंगे ,इस्लाम के इतिहास की किसी किताब से बताओ की मुहम्मद और उसके सहबियों या खलीफाओं ने कब टोपी लगाई हो और जब मुहम्मद ने कभी टोपी नहीं लगाई तो उसकी सुनत के खिलाफ टोपी लगाने वालों की टोपी उतरना कोई बुरी बात नहीं है
अब तो योगी ने इन साँपों का फन कुचलने के लिए साफ शब्दों में कह दिया “भारत एक हिन्दू राष्ट्र है
हमारा सभी पाठकों से अनुरोध है सभी मिल कर योगी जी की इस बात को सत्य करने के लिए कटिबद्ध हो जाएँ
“भारत हिन्दू राष्ट्र था और हिन्दू राष्ट्र रहेगा ”
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ब्रजनंदन शर्मा
( लेखक के यह निजी विचार हैं उनसे उत्तर भारत का सहमत होना अनिवार्य नही।)