सामुदायिक रेडियो पर गूंजेगी आवाज़
“फरवरी दस, याद रखना बस”
दिल्ली, 27 जनवरी: देश में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता की तैयारियों को अंतिम रूप दे कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 फरवरी से देश भर के कई राज्यों में एमडीए.आईडीए अभियान शुरू किया जा रहा है. अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की टीम लोगों के घर-घर जाकर फाइलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से देश के नागरिकों को बचाने के लिए दवाएं खिलाएं गी।
सात राज्यों के 26 सामुदायिक रेडियो स्टेशन अभियान में शामिल: स्वास्थ्य विभाग के इस विशेष अभियान में सामुदायिक रेडियो अहम भूमिका निभा रहा है। सात राज्यों के 26 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के आरजे (रेडियो जॉकी) फाइलेरिया रोधी दवा खाने के लिए स्थानीय भाषा में “फरवरी दस, याद रखना बस” कहकर लोगों को प्रोत्साहित करेंगे, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
स्मार्ट एनजीओ सहायता कर रहा है: दिल्ली स्थित स्मार्ट एनजीओ देश भर में कई सामुदायिक रेडियो के साथ काम कर रहा है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में भी उपरोक्त सभी राज्यों के 26 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। रेडियो स्टेशनों के प्रबंधकों और आरजे को सामग्री के साथ-साथ अन्य सहायता प्रदान करने के अलावा स्मार्ट एनजीओ द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, जिसके माध्यम से सामुदायिक रेडियो पर स्थानीय भाषा और शैली में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम प्रसारित किया जा रहा है। मतलब साफ है कि आम जनता से सीधे सामुदायिक रेडियो द्वारा जागरूकता के लिए संपर्क किया जाएगा।
एक माह तक चलेगा जागरुकता अभियान: स्मार्ट एनजीओ की संस्थापक एवं प्रमुख श्रीमती अर्चना कपूर ने बताया कि सामुदायिक रेडियो पर फिलेरिया जागरूकता अभियान 26 जनवरी से 25 फरवरी तक विभिन्न रूपों में चलेगा। विदित हो कि मेवात, हरियाणा का एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, श्रीमती कपुर के नेतृत्व में वहां एक सामुदायिक रेडियो “रेडियो मेवात” के नाम से वर्षों से अपना कार्य अच्छी तरह से कर रहा है। यह शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने का भरपूर प्रयास कर रहा है।
फाइलेरिया की दवाएं जरूर खाएं: फाइलेरिया के संबंध में सुश्री कपुर ने कहा कि फाइलेरिया शरीर को कमजोर और कुरूप बनाने वाली एक खतरनाक बीमारी है। यह दीर्घकालिक विकलांगता का प्रमुख कारण है। इस बीमारी के लक्षण दिखने में 5 से 15 साल लग जाते हैं। इस रोग का कोई इलाज नहीं है, इसलिए फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना बेहतर है। इस लिये अपने क्षेत्र की सामुदायिक रेडियो सुनते रहें, और फाइलेरिया के संबंध में बाखबर रहें।