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मकर संक्रांति मनाएंगे 22 दिसंबर को और बदलेंगे इतिहास : डॉ राकेश कुमार आर्य

ऊंचा गांव / बुलंदशहर ( अजय कुमार आर्य ) गुरुकुल राजघाट नरोरा  द्वारा आयोजित गांव खंदोई में स्वामी दयानंद जी महाराज के इस गांव में आगमन की 155 वीं वर्षगांठ के अवसर पर किए गए विशेष यज्ञ के अवसर पर  प्रसिद्ध इतिहासकार डा. राकेश कुमार आर्य ने कहा कि अब प्रतिवर्ष आर्य समाज 22 दिसंबर को मकर संक्रांति और 25 दिसंबर को भीष्म पितामह के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया करेगा। डॉ आर्य ने महाभारत के अनुशासन पर्व और उद्योग पर्व का उदाहरण देकर स्पष्ट किया कि भीष्म पितामह का निर्वाण दिवस 25 दिसंबर को हुआ था। तभी से इसको बड़े दिन के रूप में मनाया जाता है। इसको बड़ा दिन कहने का कारण केवल यह है कि भीष्म पितामह अपने समय के सबसे बड़े व्यक्तित्व थे। जिन्हें धर्मराज युधिष्ठिर ने राष्ट्रपिता कह कर सम्मानित किया था। धर्मराज युधिष्ठिर के शासनकाल में इस दिवस को विशेष उत्साह के रूप में मनाया जाता रहा इसी प्रकार उनकी पीढ़ियों के शासनकाल में भी इसे विशेष दिवस के रूप में लोग मानते रहे। उसके बाद मुस्लिम और अंग्रेजी शासनकाल में हिंदी महीनों के साथ अन्याय करते हुए 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार घोषित कर दिया गया। जिसका कोई औचित्य नहीं है। जबकि यह 22 दिसंबर को उस समय आता है जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होना आरंभ होता है।

डॉक्टर आर्य ने कहा कि अब इस भूल को ठीक किया जाएगा इससे पूर्व इस संबंध में प्रिंसिपल गजेंद्र सिंह आर्य द्वारा विशेष मांग उठाई गई। कार्यक्रम में आर्य समाज के विशेष विद्वान योगी महेश क्रांतिकारी द्वारा भी कविता पाठ किया गया। जबकि आचार्य प्राण देव और आचार्य कपिल देव ने भी अपने ओजस्वी विचार व्यक्त किए। अचार्य कपिल देव ने कहा कि स्वामी दयानंद जी महाराज 18 57 की क्रांति के प्रेरणा स्रोत थे। जिन्होंने अनेक क्रांतिकारियों को जन्म देकर मां भारती की अप्रतिम सेवा की और भारतीय स्वाधीनता को दिलाने में अपनी अग्रणी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अवसर पर गुरुकुल राजघाट नरोरा के विद्यार्थियों ने अपने विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किए।। जिन्हें आचार्य सोमपाल द्वारा विशेष रूप से तैयार किया गया था। इस कार्यक्रम में जहागीराबाद आर्य समाज के प्रधान नगेन्द्र रावल, प्रोफेसर वीरेन्द्र सिंह आर्य , जितेन्द्र राजौरा, धर्मपाल सिंह, हरेन्द्र सिंह, सत्यपाल मलिक, पुष्पेन्द्र तौमर, जितेन्द्र प्रधान, विनोद प्रधान, ब्रजपाल, जोगेन्द्र पोसवाल, पिन्टू प्रधान, निखिल राजौरा, श्रीमती कुसुमांडे, आदि सहित क्षेत्र के सर्व सम्मानित लोग मौजूद रहे।

2 replies on “मकर संक्रांति मनाएंगे 22 दिसंबर को और बदलेंगे इतिहास : डॉ राकेश कुमार आर्य”

अति उत्तम जितनी प्रशंसा की जाए कम है।

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