आर्य समाज सिकंदराबाद (बुलंदशहर) ने धूमधाम से मनाया स्वामी श्रद्धानंद का 96 वाँ बलिदान दिवस*

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आर्य सागर खारी 🖋️
सिकंदराबाद। यहां स्थित आर्य समाज ने अमर क्रांतिकारी और आर्य समाज के पुरोधा स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज के बलिदान दिवस 23 दिसंबर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर अमर क्रांतिकारी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
अमर हुतात्मा, शुद्धि आंदोलन के प्रणेता ,गुरुकुल शिक्षा पद्धति के उद्धारक ,महर्षि दयानंद के अनन्य उत्तराधिकारी स्वामी श्रद्धानंद का 96 वाँ बलिदान दिवस आर्य समाज सिकंदराबाद ने धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर विशाल शोभायात्रा के साथ-साथ सचल यज्ञ का आयोजन भी किया गया। बलिदान दिवस की शोभायात्रा का शुभारंभ कार्यक्रम के संयोजक कर्मठ आर्य समाजी रमेश आर्य के खाद बीज के प्रतिष्ठान से होकर सुनार बाजार, बड़ा बाजार ,कबाडी बाजार होते हुए कायस्थवाडा से रामलीला मैदान पर समापन हुआ। इस विशाल शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने सहभागिता की और आर्य समाज के इस प्रकार के कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
शोभायात्रा में शामिल होने वाले आर्य जनों का उत्साह देखते ही बनता था। पूरा सिकंदराबाद शहर यज्ञ की सुगंधि व वैदिक मंत्रों की ध्वनि से आलोकित और गुंजायमान हो गया। भारतीय वैदिक संस्कृति के प्रति निष्ठावान लोगों ने अपनी निष्ठा का प्रदर्शन करते हुए जगह-जगह पर शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा कर शोभा यात्रा का स्वागत किया । शोभायात्रा में दर्जनों स्कूलों के छात्रों ने हिस्सा लिया। विशेष तौर पर दयानंद आर्ष गुरुकुल राजघाट कलकत्ती नरोरा बुलंदशहर व चिमन आर्य आर्ष गुरुकुल मुर्शदपुर ग्रेटर नोएडा के ब्रह्मचारीयो ने विशेष आर्य वीर दल व्यायाम कला कौशल का प्रदर्शन किया। जिन्होंने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया।
बाल आर्य वीरों ब्रह्मचारीयों का प्रदर्शन सराहनीय और उच्च कोटि का था। इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा 11 दिनों की अल्प अवधि में आर्य समाज के नौजवान कर्मठ क्रांतिकारी विचार उत्तेजक सन्यासी श्रद्धेय स्वामी प्राण देव जी ने बनाई। उनके समर्पण के कारण ऐसा भव्य आयोजन संभव हो सका। इसने आर्य समाज सिकंदराबाद के पदाधिकारियों का भी सकारात्मक सराहनीय सहयोग रहा। अध्यक्ष अनूप भाटी जी मंत्री विनोद जी कोषाध्यक्ष महोदय आदि की भूमिका बड़ी सराहनीय रही।
आर्य समाज के सिकंदराबाद के सभी पदाधिकारियों का भी तन मन धन से उल्लेखनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज के युवा कर्मठ नेता आर्य सागर खारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर महेश क्रांतिकारी ने अपनी ओज व वीर रस से युक्त कविताओं और भजनों का पाठ किया। जिन्होंने देश के अमर क्रांतिकारियों बलिदानियों और आर्य समाज के द्वारा भारत के स्वाधीनता आंदोलन में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में शामिल अतिथि डॉ राकेश कुमार आर्य ने भी बेहद सारगर्भित प्रेरक उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज स्वाधीनता आंदोलन के समय भारत की आजादी के लिए सच्चे वीर क्रांतिकारी बलिदानी योद्धा देने वाली एक फैक्ट्री के रूप में स्थापित हो गया था। अंग्रेज इस संगठन को इसी नाम से पुकारते थे। डॉक्टर आर्य ने कहा कि ग्रे नाम के ब्रिटिश अधिकारी ने 17 दिसंबर 1909 को न्यायालय के भीतर कहा था कि आर्य समाज का प्रत्येक व्यक्ति राजद्रोही होता है। जबकि बारबर्टन नाम के एक ब्रिटिश अधिकारी ने ऐसे 85 आर्य समाजी जनों को नाहक ही जेल में डलवा दिया था जिनका कोई अपराध नहीं था और अपराध था तो को इतना था कि उनके नाम के पीछे आर्य लगा था। उसी क्रांतिकारी संगठन के महान सेनापति के रूप में स्वामी श्रद्धानंद ने अपना बलिदान दिया था।
प्रोफेसर विनोद नागर ने भी अपना संबोधन दिया। नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ उन्होंने कार्यक्रम में सहभागिता की। भटनागर ने कहा कि आर्य समाज की विचारधारा तेजस्वी राष्ट्रवाद के निर्माण में सहायक हो सकती है। इस अवसर पर आर्य समाज कुड़ी खेड़ा के अध्यक्ष दिवाकर आर्य, भूदेव आर्य ,विजेंदर आर्य, आर्य समाज छायसा के अध्यक्ष पंडित रविंद्र शर्मा, राकेश यादव , मोहित कुमारमोहित कुमार सहित सैकड़ों आर्य समाज सिकंदराबाद के पदाधिकारी नगर वासी उपस्थित रहे। मास्टर प्रताप सिंह आर्य और अन्य अनेक गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम को शोभायमान किया।
शांति पाठ के पश्चात सभी ने आर्य समाज सिकंदराबाद के प्रांगण में आयोजित सामाजिक भोज का आनंद लिया। उपस्थित सभी महानुभावों ने बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की साथ ही यह दिव्य संकल्प लिया आगामी वर्षों में भी आर्य समाज की गतिविधियों कार्यक्रमों को बढ चढ़कर आयोजित किया जाएगा।
ज्ञात रहे कि आर्य समाज सिकंदराबाद का आजादी के पूर्व से ही महत्वपूर्ण इतिहास रहा है। इस समाज ने अनेक क्रांतिकारी स्वाधीनता आंदोलन के अमर सेनानी देश को प्रदान किए। जिन्होंने वैदिक प्रचार प्रसार के साथ-साथ राष्ट्र के जागरण का कार्य भी बड़ी महत्वपूर्ण ढंग से संपन्न किया था। उनकी सुगंध का ही परिणाम है कि आज भी इस आर्य समाज के द्वारा ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम किए जा रहे हैं। आर्य समाज सिकंदराबाद के सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारी एक मजबूत स्तंभ के रूप में आर्य समाज की विचारधारा को फैलाने का कार्य कर रहे हैं। जिनमें श्री अनूप सिंह भाटी ,श्री विनोद , श्री रमेश आर्य सहित उनकी सारी टीम धन्यवाद की पात्र हैं।

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