हलाल केवल धर्म से संबंधित नहीं; वह इस्लामी आर्थिक व्यवस्था बन रहा है । हलाल के माध्यम से पूरे विश्व पर संपूर्ण नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है । भारत में वैकल्पिक समानांतर अर्थव्यवस्था निर्माण की जा रही है । मांस से आरंभ हुआ हलाल आज औषधियां, निर्माण कार्य, कपडे, पर्यटन क्षेत्र, स्टॉक मार्केट इत्यादि सभी क्षेत्रों को व्याप्त कर संसार की 2 ट्रिलियन यूएस डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है । भारत में 4 लाख करोड के मांस के व्यापार पर नियंत्रण स्थापित किया गया है । भारत में FSSAi, FDA जैसी प्रमाणपत्र देनेवाली सरकारी संस्थाएं होते हुए भी धर्म के आधार पर पृथक प्रमाणपत्र देकर पैसा संग्रहित करना अत्यंत घातक है । इस धन का आतंकवादी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है । यह हिन्दुओं पर लादा गया ‘जजिया कर’ ही है, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा ‘हलाल जिहाद’ ग्रंथ के लेखक श्री. रमेश शिंदे ने किया । वे बेंगलुरू स्थित भारतीय विद्याभवन में हुए हलाल विरोधी सम्मेलन तथा ‘हलाल जिहाद’ इस अंग्रेजी भाषा के ग्रंथ के लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे ।
‘हलाल जिहाद’ भारतीय अर्थव्यवस्था पर छाया संकट ! – श्री. चक्रवर्ती सुलिबेले
गतकाल में शारीरिक आक्रमण किए जाते थे । आगे मानसिक एवं बौद्धिक आक्रमण हुए । आज इन सभी के अपेक्षा अधिक हानिकारक आर्थिक व्यवस्था का युद्ध चल रहा है । आज देवस्थान के प्रसाद के लिए उपयोग किया जानेवाला गुड भी हलाल प्रमाणित दिखाई देता है । हिन्दुओं के प्रत्येक आचरण पर प्रश्न उपस्थित किया जाता है; परंतु इस्लामिक आचरण पर कोई भी किसी भी प्रकार का प्रश्न नहीं करता । हलाल के कारण भारत के मांस उद्योग में सम्मिलित दलितों का बहिष्कार किया जा रहा है । इस आर्थिक युद्ध का हम सभी को जागरूकता से सामना करना आवश्यक है । ‘हलाल जिहाद’ भारतीय अर्थव्यवस्था पर संकट है । इस बार की दिवाली ‘हलाल मुक्त दिवाली’ मनाएं, ऐसा आवाहन युवा ब्रिगेड के संस्थापक चक्रवर्ती सुलिबेले ने किया ।
हिन्दू कुंभकरण की निद्रा से जागें और हलाल षड्यंत्र का नाश करें ! – श्री. किरण बेट्टदापूर
हलाल प्रमाणपत्र कोई भी सरकारी तंत्र नहीं देता; निजी मुसलमान संस्थाएं दे रही हैं । हलाल व्यवस्था में मुसलमान होना अनिवार्य है । यह भारतीय संविधान के विरुद्ध है । चेन्नई की जैन बेकरी में जैन पद्धति से आहार तैयार किया जाता है । हम अंडे का उपयोग नहीं करते, ऐसा कहते ही उस बेकरी पर कार्यवाही की गई, ऐसा होगा तो हलाल के संदर्भ में कार्यवाही क्यों न की जाए, अब हमें कुंभकरण की निद्रा से जागकर इस षड्यंत्र का नाश करना होगा, ऐसा आवाहन कर्नाटक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता किरण बेट्टदापूर ने किया ।