परिवार को सता रहा भारत की नाराजगी का डर
उगता भारत ब्यूरो
ब्रिटिश शाही परिवार को भारत की नाराजगी का डर सता रहा है और इस वजह से उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया है। अगले साल 6 मई को किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में उनकी पत्नी कैमिला पार्कर कोहिनूर जड़ित शाही ताज को नहीं पहनेंगी।
ब्रिटेन में मौजूद भारत के अफसरों ने दावा किया है कि क्वीन कैमिला के ताज में विवादास्पद कोहिनूर हीरे का इस्तेमाल औपनिवेशिक अतीत की दर्दनाक यादें वापस ला सकता है। भारत से लूटा गया कोहिनूर जड़ित ताज अगले साल किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में परंपरा के मुताबिक, दिवंगत क्वीन एलिजाबेथ का ताज कैमिला को पहनना था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब यह योजना बदल गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि शाही परिवार में कोहिनूर हीरे के स्वामित्व को लेकर जारी विवाद के कारण ‘घबराहट’ भी है।
किंग चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक 6 मई 2023 को वेस्टमिंस्टर एबे में होना है। कोहिनूर हीरे पर पाकिस्तान और बांग्लादेश भी दावा जताते हैं। शाही परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि किंग चार्ल्स और उनके सलाहकार विवाद से बचना चाहते हैं। अब राज्याभिषेक में हो सकता है कि कोहिनूर हीरा जड़ित ताज नहीं दिखे।
‘कोहिनूर’ का अर्थ है- आभा या रोशनी का पर्वत। इसे भारत की गोलकुंडा की खान से निकाला गया था।
कोहिनूर को भारत लाने की मांग
राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण नई रानी को राज्याभिषेक के दौरान कोहिनूर हीरे वाला ताज नहीं पहनाया जाएगा। जबकि शाही परिवार के पुरुष सदस्य इसके ‘शापित’ होने की अफवाहों से इसे नहीं पहनते हैं। इधर, भारत में मांग उठने लगी है कि कोहिनूर को वापस लाया जाना चाहिए।
सिख सम्राट दलीप सिंह ने दिया था
भारत के इस बेशकीमती ताज में 2,800 हीरे हैं, जिनमें 105 कैरेट का प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा भी है। यह दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है। यह भारत के अंतिम सिख सम्राट दलीप सिंह ने महारानी विक्टोरिया को गिफ्ट में दिया था। हालांकि इस पर विवाद है। भारत में इसे वापस करने की मांग की जा रही है।
साभार
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