मृत्युंजय राय
यूक्रेन युद्ध में रूस बैकफुट पर है। इसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की एक बार फिर धमकी दी। अगर पूतिन इनका इस्तेमाल करते हैं तो यह असाधारण बात होगी। फिर भी रूस के बार-बार परमाणु हथियारों के प्रयोग की चेतावनी को देखते हुए एक्सपर्ट्स ने कुछ अनुमान लगाए हैं। ‘द इकॉनमिस्ट’ मैगजीन ने एक्सपर्ट्स से बातचीत कर पता लगाया है कि अगर रूस एटम बम का प्रयोग करता है तो वह कैसा होगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि तीन तरह से रूस ऐसा कर सकता है। पहले तरीके में वह दिखाने के लिए परमाणु हथियार का प्रयोग करेगा, जिसमें किसी की जान नहीं जाएगी। दूसरे में वह यूक्रेन पर एटम बम गिरा सकता है और तीसरे में वह नैटो पर इन हथियारों से हमला कर सकता है। वह धीरे-धीरे इसकी शुरुआत करेगा। पहले वह एटम बम का परीक्षण करेगा। वह भूमिगत या आसमान में बहुत ऊपर यह धमाका कर सकता है। ब्लैक सी या यूक्रेन के ऊपर। इससे किसी की जान नहीं जाएगी, लेकिन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स क्रिएट होंगी, जो बिजली के उपकरणों को बेकार कर सकती हैं। अगर इसके बाद भी यूक्रेन ने युद्ध जारी रखा तो दुनिया रूस के और भी खिलाफ हो जाएगी। इसके साथ उसे कोई सैन्य बढ़त भी नहीं मिलेगी।
एक सोच यह भी है कि रूस की सेना इन हथियारों का इस्तेमाल इस तरह से करना चाहेगी, जिससे लड़ाई में उसे बढ़त मिले। इसमें यूक्रेन के हवाई अड्डे, हथियारों के भंडार शामिल हो सकते हैं। यहां मसला यह है कि यूक्रेन की फौज बड़े इलाके में फैली हुई है और फरवरी के आखिरी हफ्ते से शुरू हुई लड़ाई में वह मजबूती से अभी तक टिकी हुई है। इसलिए कुछ ठिकानों पर सीधे हमले से भी रूस के हाथ बहुत कुछ नहीं लगेगा।
ऐसे हमले कितने असरदार साबित हो सकते हैं, इसके लिए पहले हुई एक स्टडी पर गौर करते हैं। यह स्टडी भारत और पाकिस्तान के बीच काल्पनिक परमाणु युद्ध को लेकर हुई थी। इसमें अनुमान लगाया गया था कि अगर 5 किलो टन का परमाणु बम गिराया जाए तो सिर्फ 13 टैंक तबाह होंगे, बशर्ते वे काफी दूर-दूर हों। हिरोशिमा पर इससे तीन गुना अधिक क्षमता का एटम बम गिराया गया था। इसी तरह से यूक्रेनी फौज की एक ब्रिगेड, जिसमें तीन से पांच हजार सैनिक होते हैं, उसे तबाह करने के लिए चार छोटे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना होगा। यह हमला भी तभी कारगर होगा, जब पूरी ब्रिगेड एक जगह इकट्ठी हो।
अगर रूस बड़ी तबाही चाहता है तो उसे यूक्रेन के किसी शहर पर एटम बम गिराना होगा। लेकिन इसमें बड़ा जोखिम है। ऐसा होने पर नैटो युद्ध में कूद सकता है और तब रूसी फौज की हार हो सकती है। वहीं, अगर रूस ने नैटो पर परमाणु हथियारों का प्रयोग किया तो वह भी उसके लिए ठीक नहीं होगा। नैटो में शामिल अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के पास अपने परमाणु हथियार हैं और इस सूरत में वे भी जवाबी हमला कर सकते हैं।