महरौनी(ललितपुर)..महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से संचालित मंत्री आर्यरत्न शिक्षक लखनलाल आर्य द्वारा आयोजितआर्यों का महाकुंभ के मुख्य वक्ता वैदिक विद्वान डॉ कपिल देव शर्मा, दिल्ली ने “”थोड़ा -सा,””विषय पर दिनांक 23 सितम्बर,2022, शुक्रवार को अपने व्याख्यान में कहा कि मनुष्य किसी भी कार्य में थोड़ा -सा शब्द बोल कर अपनी बुराइयों को धीरे_- धीरे बढ़ाता जाता है जिससे एक दिन उसे भारी क्षति उठानी पड़ती है। इसकी पुष्टि में वक्ता महोदय ने यजुर्वेद के 36 वें अध्याय का दूसरा मंत्र बोलते हुए कहा कि जो मेरे नेत्र की व अंतः करण की न्यूनता वा मन की व्याकुलता है ,उसको बड़े आकाशादि का पालक परमेश्वर मेरे लिए पूर्ण करें ,जो सब संसार का रक्षक है, वह हमारे लिए कल्याणकारी होवे । मंत्र द्रष्टव्य है -यन्मे छिद्रं चक्षुषो हृदयस्य मनसो वातितृष्णं वृहस्पति र्मे तद्दधातु ।शंनो भवतु भुवनस्य यस्पति : ।। थोड़ी -सी न्यूनता व्यक्ति को भारी पड़ती है।जैसे एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पढ़ते हैं।थोड़ी -सी चिंगारी बड़े-बड़े महलों को जलाकर राख कर देती है।। विश्व का सबसे कीमती , सुरक्षित और प्रसिद्ध टाइटेनिक जहाज जो हजारों की संख्या में लोगों को ढोने का काम करता था। एक पहाड़ से टकराकर छोटा- सा छिद्र सो गया और उसी से धीरे -धीरे पानी प्रवेश करते -करते जहाज में इतना पानी भर गया कि वह जहाज डूब गया और हजारों लोग मारे गए। इसी प्रकार थोड़ा -सा नदी में पैर बढ़ाया कि डूब कर मर गया। इसीलिए वेद भगवान से इसी न्यूनता को भरने के लिए भक्त प्रार्थना करता है।
डॉ शर्मा ने कहा कि हमें अच्छे काम के लिए ,अच्छी आदत के लिए थोड़ा -थोड़ा वक्त निकालना चाहिए ।थोड़ा -सा वक्त हमें महान बना देगा। थोड़ा -सा योग, थोड़ा- सा दान ,और थोड़ा -सा शुभ कर्म हमें महान् अभीष्ट की प्राप्ति करा सकता है।
इसी विषय को बढ़ाते हुए वैदिक विद्वान प्रो डॉ व्यास नंदन शास्त्री वैदिक बिहार ने इस बात का समर्थन किया कि थोड़ा -सा प्रयास व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कराता है और थोड़ा सा- निषेधात्मक चिंतन व्यक्ति को गड्ढे में गिरा देता है। इसीलिए, हमें
थोड़ी -सी संध्या और थोड़ा -सा ध्यान जीवन में अपनाकर महान् उपलब्धि प्राप्त करनी चाहिए।
कार्यक्रम में कमला हंस, ईश्वर देवी, अदिति आर्या और दया आर्या हरियाणा के सुंदर भजनों की प्रस्तुति से श्रोता गण झूम उठे।
व्याख्यान में अनिल नरूला दिल्ली,प्रेम सचदेवा दिल्ली,युद्धवीर आर्य,भोगी प्रसाद म्यांमार,चंद्र कांता आर्या,प्रो डॉ वेद प्रकाश शर्मा बरेली,परमानंद सोनी आर्य भोपाल,सुमन लता सेन शिक्षिका,आराधना सिंह शिक्षिका,रामसेवक निरंजन शिक्षक,रामकुमार सेन अजान,महेश खटीक शिक्षक,अवधेश प्रताप सिंह बैंस,पारसमणी पुरोहित,अवध बिहारी तिवारी केंद्रीय शिक्षक,विवेक सिंह शिक्षक गाजीपुर,सहित सम्पूर्ण विश्व से आर्य जन जुड़ रहें हैं।
कार्यक्रम का संचालन मंत्री आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य एवम आभार प्रधान पुरुषोत्तम मुनि वानप्रस्थ ने किया।