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इमलियाका का दुर्लभ शारद यज्ञ*
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यह जो वृत्ताकार त्रिआयामी भूमि में खुदी संरचना दिख रही है…. यह कोई कूप या भंडारण टैंक नहीं है । यह वृत्ताकार कुंड है जिसकी गहराई 9 फीट व्यास 9 फीट है। जिसका निर्माण शारदीय नवरात्रों में 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक अनवरत 24 घंटे चलने वाले ‘सत्यार्थ प्रकाश दुर्लभ शारद यज्ञ ‘के लिए किया गया यह यज्ञ सूर्यास्त के पश्चात रात्रि में भी होगा। वैदिक जगत में यह अपने आप में अद्भुत एकाकी अनुष्ठान है। यह यज्ञ 3 घंटे के 8 सत्र में 9 दिन तक चलेगा प्रत्येक सत्र में वैदिक जगत के शीर्ष विद्वानों दार्शनिकों को आमंत्रित किया गया है। 72 यजमान परिवार इस महान अनुष्ठान में हिस्सा लेंगे न्यूनतम । कम से कम अनुमानित ₹20 लाख इस अनुष्ठान पर व्यय हो रहे हैं। इमलीयाका ग्राम जनपद गौतम बुद्ध नगर के ग्रामीण यज्ञ वैदिक संस्कृति के लिए पूरी तरह समर्पित हैं सभी ग्रामीण इस अनुष्ठान के लिए प्रबंध कर रहे हैं। हजारों अतिथियों के लिए स्थायी भोजन रहने रुकने की व्यवस्था की गई है… गांव के कार्यक्रम स्थल वैदिक सन्यास आश्रम इमलीयाका में। शरद ऋतु में होने वाली बीमारियों, रोगजनक रात्रिचर कीटों विशेषकर गौमाता में आए हुए लंपी रोग के संकट को टालने के लिए यह अनुष्ठान किया जा रहा है । चरक, सुश्रुत संहिता आदि आयुर्वेद ग्रंथों में वर्णन मिलता है जब किसी साध्य ,असाध्य बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति या पशु पक्षी जीव मात्र को अनेक प्रकार की चिकित्सा करने से भी लाभ ना मिले तो उसे यज्ञ चिकित्सा की शरण में जाना चाहिए। इसे ‘दैवव्यापश्रय’ चिकित्सा कहते हैं… जिसमें मंत्र ,जप ,औषधि, होम प्रायश्चित ,उपवास, देवआदिगमन आदि शामिल है। रोग निवारण के लिए प्रार्थना भी इसमें शामिल है।
देश के पशुपालकों व गोवंश पर लंपी बीमारी कहर बनकर टूटी है इसका खामियाजा अर्थव्यवस्था, व्यक्तिगत सामाजिक समृद्धि की क्षति के रूप में निकलकर आएगा क्योंकि कोरोना महामारी से हम उबर चुके थे इसमें योगदान खाद आपूर्ति व्यवस्था में किसान व पशुपालकों का था लेकिन अब समस्या किसान पशुपालकों पर आयी है, सभी सरकारी चादर तानकर सोई हुई है। दर्द से छटपटाती गौ की वेदना का दंड सभी को मिलेगा।
हमें ऐसे महायज्ञों का आयोजन करना चाहिए ईश्वर सभी का रखवाला है। ग्राम इमलिया के सभी निवासी इस दिव्य पुण्य अनुष्ठान का आयोजन करने के लिए धन्यवाद के पात्र हैं । आप सभी इस अनुष्ठान में सादर आमंत्रित हैं।
*आर्य सागर खारी* ✍✍✍