जो हिन्दू धर्म की रूढियां, परंपराएं और देवीदेवताओं को नहीं मानते, अपितु हमारे देवीदेवताओं को घृणास्पद दृष्टि से देखते हैं । उनके मौलाना नवरात्रि में मुसलमानों को प्रवेश देने की बातें करते हैं । नवरात्रि के गरबा उत्सव में मुसलमानों को प्रवेश न दें; क्योंकि नवरात्रि के गरबा उत्सव में हिन्दू लडकियों को फुसलाकर ‘लव जिहाद’ की अनेक घटनाएं भारत में ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व में घटी हैं । वर्ष 1995 से यू.के. स्थित ब्रैडफोर्ड (लीड्स) में हिन्दू लडकियों को फुसलाकर ‘लव जिहाद’ के जाल में फंसाने के लिए ‘इस्लामिक हिट टीम्स’ कार्यरत थीं । केरल उच्च न्यायालय ने भी स्पष्ट किया है कि ‘लव जिहाद’ अस्तित्व में है । लव जिहाद रोकने के लिए कानून बनना चाहिए, ऐसी मांग ‘संगम टॉक्स’ की संपादिका तान्या ने की है । हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘नवरात्रि में लव जिहाद ?’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रही थीं ।
सिंह वाहिनी की संस्थापिका पुष्पा पाल ने ‘लव जिहाद’ के संबंध में अनुभवकथन करते हुए कहा कि, जो कहते हैं ‘लव जिहाद’ नहीं है, उन्हें मैं बताती हूं कि, मैं स्वयं ‘लव जिहाद’ की बलि चढी थी । यह एक जिहाद है, यह शीघ्र ध्यान में नहीं आता । ‘लव जिहाद’ प्रेम के लिए नहीं, अपितु मुसलमानों की जनसंख्या बढाने और हिन्दू युवतियों का धर्मांतरण करने के लिए योजनाबद्ध पद्धति से किया जाता है । इसलिए हिन्दू युवतियों और महिलाओं को धर्मशिक्षा लेकर अब सजग रहना आवश्यक है ।
हिन्दू जनजागृति समिति की ‘रणरागिनी’ शाखा की कु. प्रतीक्षा कोरगावकर ने कहा कि, नवरात्रि में विविध स्थानों पर गरबा करने का निमित्त कर अनेक मुसलमान युवक गरबा में सम्मिलित होते हैं और इसमें सम्मिलित हिन्दू युवतियों को अपने प्रेम के जाल में फंसाते हैं । तत्पश्चात वे ‘लव जिहाद’ की शिकार होती हैं । गत कुछ महीनों में 14 से 18 आयुवर्ग की अवयस्क लडकियां ‘लव जिहाद’ की बलि चढी हैं, ऐसी अनेक घटनाएं उजागर हुई हैं । ‘लव जिहाद’ के संबंध में हिन्दू जनजागृति समिति गत अनेक वर्षाें से जागृति कर रही है । समिति ने इस विषय पर ग्रंथ भी प्रकाशित किया है । व्याख्यान और विविध उपक्रमों से ‘लव जिहाद’ की समस्या पर आवाज उठाकर इस संबंध में सतर्क रहने का आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति करती रहती है ।