*राष्ट्र चिंतन*
*आप बेशर्मी पर उतरी/ ऐसों को विदेश जाने की अनुमति क्यों?*
*आचार्य श्री विष्णुगुप्त*
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पंजाब के नशेबाज मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक और कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर हर भारतीय का सिर शर्म से झुक गया। भगवंत सिंह मान को जर्मनी में हवाई जहाज से नीचे उतार दिया गया, उसके साथ ही उसकी पत्नी, उसके सुरक्षाकर्मियों और पंजाब के अधिकारियों को भी हवाई जहाज से नीचे उतार दिया गया। भगवंत मान को दूसरे दिन तक भारत पहुंचने के लिए इंतजार करना पड़ा। भगवंत मान नशे में थे और नियंत्रण से बाहर थे, सहयात्रियों के साथ उनके व्यवहार सहनशील, मुख्यमंत्री पद के प्रोटोकॉल की कसौटी पर मान्य नहीं थे।
भगवंत मान जर्मनी निवेश की खोज में गये थे। उनके साथ उनकी पत्नी और सुरक्षाकर्मियों के साथ ही साथ बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारियों का बहुत बड़ा गिराह भी था। जब कोई मुख्यमंत्री निवेश खोजने के नाम पर विदेश जाता है तो फिर वह अपने साथ अधिकारियों का गिरोह भी ले जाता है। निवेश आये या नहीं आये, निवेशक प्रभावित हों या नहीं पर मुख्यमंत्री और उनका अधिकारियों का गिरोह खूब मनोरंजन करता है, सभी प्रकार के मनोरंजन सुविधाओं का उपभोग करता है। निवेश खोजने के नाम पर राज्य की जनता का करोड़ों रूपयों का स्वाहा कर दिया जाता है।
जर्मनी के कई शहरों और ब्यापार मेले का भगवंत सिंह मान ने दौरे किये थे। चर्चा है कि हर जगह वे सामान्य स्थिति में नहीं थे। हर जगह उन्हें नियंत्रण में रखना मुश्किल था।
भगवंत मान की यह अकेली हरकत नहीं है। भारतीय संसद में शराब के नशे में पहुंच कर घूमने की उनकी आदत सभी को मालूम है। मुख्यमंत्री के पद पर होने के बाद भी नशे में गुरूद्वारा पहुंच गये थे। सभी को यह भी मालूम है कि वह हर समय शराब के नशे में रहते है। पंजाब के लोगों ने एक शराबी के हाथ में अपने प्रदेश को दे दिया। उसका दुष्परिणाम यह निकला कि आज पंजाब की छबि खराब हो रही है। विदेशों में पंजाबी वर्ग के लोग भगवंत मान जैसों के कारण शर्म के शिकार कैसे नहीं होंगे?
आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान की इस करतूत को ढकने की पूरी कोशिश की है। आप को बचाव में उतरना अनैतिक है। सबको मालूम है कि भगवंत मान शराब के नशे में गुरूद्वारे तक पहुंच जाता है। आप अगर नैतिकशील होती तो घटना के प्रकाश में आने के साथ ही साथ नशेबाज भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद से हटाकर किसी अन्य सभ्य नेता को मुख्यमंत्री के पद पर बैठा देती। आप का झूठ बोलने और बेशर्मी दिखाने का रिकार्ड भी जगजाहिर है।
प्रोटोकॉल के अनुसार केन्द्रीय सरकार की स्वीकृति के बिना कोई भी मुख्यमंत्री विदेश नहीं जा सकत है। इस लिए भगवंत मान को विदेश जाने की स्वीकृति मिलनी ही नहीं चाहिए थी। केन्द्रीय सरकार तत्काल कदम उठाये और भगवंत मान जैसे नशेबाज मुख्यमंत्री को विदेश जाने पर प्रतिबंध लगाये। इसलिए कि इस तरह की करतूत से देश की छबि खराब होती है।
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*आचार्य श्री विष्णुगुप्त*
*नई दिल्ली*
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