समरकंद। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी वैश्विक भूमिका को बड़ी सफलता के साथ निभा रहा है। यह पहली बार है कि जब विश्व शक्तियां भारत के प्रधानमंत्री को केंद्र में रखकर अपनी नीतियां बनाने पर मजबूर हो गई हैं। किसी भी सभा सम्मेलन में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है जब भारत के प्रधानमंत्री की ओर वैश्विक शक्तियों के नेताओं की भी नजरें गड़ी होती हैं। सारी दुनिया इस बात को सुनना चाहती है कि इस मीटिंग में भारत के प्रधानमंत्री क्या बोलने जा रहे हैं ,? इस प्रकार विश्व की नीतियों का पहली बार निर्धारण प्रधानमंत्री मोदी के बोलने के बाद होता है। निश्चित रूप से भारत के लिए बहुत ही हर्ष का विषय है कि ऐसी अनुकूल परिस्थितियां उसे अनायास ही विश्व गुरु बना रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ की बैठक के दौरान पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने अफगानिस्तान को मदद में रोड़ा अटकाने को लेकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को खूब सुनाया। पीएम मोदी ने कहा कि सदस्य देशों को एक दूसरे को ट्रांजिट अधिकार देना चाहिए। पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान की बेइज्जती करते हुए भारत की विकासगाथा का जमकर जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत के पास 70 हजार स्टार्टअप्स का पावरहाउस हैं। हम बाकी सदस्य देशों को भी मदद की पेशकश करते हैं। इस बैठक में खुद शहबाज शरीफ भी मौजूद थे, जो चुपचाप अपने देश की बेबसी को महसूस कर रहे थे।
पीएम मोदी ने एससीओ की ताकत बताई
पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व कोविड महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में एससीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एससीओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में 30 फीसदी का योगदान दे रहे हैं। विश्व की 40 फीसदी जनसंख्या भी एससीओ देशों में निवास करती है।
भारत एससीओ सदस्य देशों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास को बढ़ाने का समर्थन करता है। महामारी और यूक्रेन संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं। जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है। एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त और डाइवर्सिफाइड सप्लाई चेन विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को ट्रांजिट का पूरा अधिकार दें।
हम भारत को एक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं। भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स को मैं स्वाभाविक रूप से कंपटिटिव बनाता है। भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी से विकास के आसार हैं। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य सुरक्षा में भारत की भूमिका की भी सराहना की। पीएम मोदी ने बताया कि भारत बड़ी तेजी से मेडिकल टूरिज्म के रूप में उभरा है। आज दुनियाभर के लोग भारत में इलाज करवाने आ रहे हैं। उन्होंने सदस्य देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया।
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