इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान पाने वाले डॉ राकेश कुमार आर्य का किया गया सार्वजनिक अभिनंदन

दादरी ( विशेष संवाददाता ) वरिष्ठ अधिवक्ता और जाने-माने लेखक एवं इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य का यहां तहसील दादरी के सभागार में सार्वजनिक अभिनंदन किया गया। ज्ञात रहे कि डॉक्टर आर्य ने भारत के 1235 वर्ष के स्वाधीनता संग्राम को सन 712 से लेकर 1947 तक 6 खंडों में प्रकाशित किया है। जिस पर पूर्व में भारत सरकार द्वारा शिक्षा सम्मान से डॉ आर्य को 2017 में सम्मानित किया गया था अब उनके इस परिश्रम को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिला है।


सार्वजनिक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता ने डॉक्टर आर्य के लेखन कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे आने वाली पीढ़ी को निश्चय ही लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास के विकृतिकरण की प्रक्रिया को सही करना वास्तव में भागीरथ प्रयास है, जिसके लिए डॉक्टर आर्य अभिनंदन के पात्र हैं। उपजिलाधिकारी श्री गुप्ता ने कहा कि भारत प्रतिभाओं का देश है। प्रत्येक युवा के भीतर एक विशेष प्रतिभा छिपी होती है। बस उसे पहचानने की आवश्यकता है। यदि व्यक्ति अपने भीतर छुपी हुई शक्तियों को पहचान ले तो वह कोई भी बड़े से बड़ा कार्य कर सकता है।


जाने-माने समाजसेवी और भाजपा के नेता जगभूषण गर्ग ने कहा कि भारत के इतिहास को सही ढंग से लेकर डॉक्टर कार्य ने निश्चय ही महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भारत हिंदुत्व की परंपरा का देश है। जिसमें “सबका साथ सबका विकास” की मान्यता को प्राचीन काल से स्वीकार किया गया है। अपनी इसी प्रकार की मान्यताओं के कारण भारत विश्व गुरु रहा है। आज भी भारत की सर्वोपरिता का संपूर्ण संसार में डंका बज रहा है, उसका कारण केवल एक है कि भारत अब अपनी संस्कृति को अपने आप स्वीकार कर उस को नमन कर रहा है।


इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक संयोजक वरिष्ठ अधिवक्ता ऋषिपाल भाटी ने भी अपने विचार व्यक्त किए और डॉक्टर आर्य की महत्वपूर्ण उपलब्धियों से सबको अवगत कराया। कहा कि किया गया पुरुषार्थ कभी निष्फल नहीं जाता। पुरुषार्थी लोग संसार में विशेष कार्य कर गुजरने में सफल होते हैं। हमें डॉक्टर आर्य के पुरुषार्थी व्यक्तित्व से शिक्षा लेनी चाहिए। विशेष रूप से आज के युवा को देश धर्म के प्रति समर्पित होकर कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में विशेष रुप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले जालौर के वरिष्ठ अधिवक्ता महाराज सिंह गुर्जर ने कहा कि इतिहास को सही ढंग से प्रस्तुत करना देश की सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने कहा कि देश के वीर सपूतों, बलिदानों और स्वाधीनता के अमर सपूतों को देश के इतिहास से विलुप्त करना सचमुच देश के साथ किया गया सबसे बड़ा पाप है। यदि इस कार्य को आज डॉक्टर आर्य ने सार्थक करके दिखाया है तो निश्चय ही वह अभिनंदन के पात्र हैं।


इस अवसर पर डॉ राकेश कुमार आर्य ने बताया कि उन्हें इस प्रकार के इतिहास लेखन की शिक्षा अपने पूज्य पिताजी स्वर्गीय महाशय राजेंद्र सिंह आर्य जी से प्राप्त हुई । स्वर्गीय महाशय जी जीवन भर भारत के सच्चे इतिहास के उद्घोषक रहे। इतिहास के अपने गंभीर ज्ञान से उन्होंने अपनी संतान को अवगत कराया।उन्हीं के दिए संस्कारों के आधार पर मैंने इतिहास का 1235 वर्ष का स्वाधीनता संग्राम लिखने का संकल्प लिया ,।जिससे आने वाली पीढ़ी को भारत के क्रांतिकारी इतिहास की सही जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने इस इतिहास लेखन को छह खंडों में पूर्ण किया है।
उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास को भारत से शत्रु भाव रखने वाले विदेशी इतिहासकारों ने लिखा है । जिन्होंने हमारे क्रांतिकारी आंदोलन के तमाम पृष्ठों को विलुप्त कर दिया है। डॉक्टर आर्य ने कहा कि विकृतिकरण जैसा शब्द भारतीय इतिहास के संदर्भ में प्रयोग करना उचित नहीं है, क्योंकि वास्तव में भारत के इतिहास को विकृत नहीं विलुप्त किया गया है। इसी प्रकार के षड्यंत्र पूर्ण कार्यों के चलते भारत के इतिहास को उन लोगों के नाम कर दिया गया है जिन्होंने भारतीय धर्म ,संस्कृति और इतिहास को मिटाने के अनेक जघन्य कार्य किए। पापी, लुटेरे लोगों को देश के इतिहास का स्वामी बना दिया गया। इस प्रकार की हरकतों के कारण भारत की अंतरात्मा आज भी गुलामी का अनुभव करती है। यह गुलामी का इतिहास हमें बर्दाश्त नहीं।
डॉक्टर आर्य ने कहा कि 1947 में देश की आजादी के समय जिस समय देश की हुकूमत बदली थी उसी समय देश के इतिहास को बदलने की आवश्यकता थी। यह अत्यंत निराशाजनक तथ्य है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश के इतिहास को बदलने की बजाए देश का इतिहास लिखने का कार्य देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को दे दिया, जो अपनी मुस्लिम परस्त सोच के लिए प्रसिद्ध थे। यही कारण रहा कि उन्होंने मुगलों के इतिहास को बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुत किया और महाराणा प्रताप जैसे महान देशभक्तों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंकवा दिया।
इस अवसर पर बार एसोसिएशन दादरी के अध्यक्ष राजपाल सिंह नागर, वरिष्ठ अधिवक्ता जयपाल सिंह नागर, ऋषि राज नागर,दयानंद सिंह नागर , शिवराज सिंह नागर, चाणक्य भाटी, विजेंद्र शर्मा, रविंद्र कुमार ,मनीष कुमार, सहित बार एसोसिएशन गौतम बुध नगर के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार भाटी, प्रताप सिंह नागर, तरुण कुमार शर्मा, प्रमोद कुमार तोंगड़, पवन कुमार नागर सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित थे। ऋषि राज नगर एडवोकेट ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को बड़ी शिद्दत के साथ प्रस्तुत कर डॉक्टर आर्य ने बार एसोसिएशन दादरी और इस क्षेत्र का मान सम्मान बढ़ाने का प्रशंसनीय कार्य किया है।
इसके अतिरिक्त डॉ राकेश कुमार आर्य के ज्येष्ठ भ्राता और पश्चिमी उत्तर प्रदेश विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की अनुशासन समिति के सदस्य देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट लोक निर्माण विभाग से प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त श्री चाहत राम की ओर से डॉ आर्य को विशेष आशीर्वाद दिया गया। नीरज प्रधान ,सुखबीर सिंह आर्य, मुकेश नागर एडवोकेट, सुनील भाटी भाजपा नेता, दीनदयाल शर्मा, रविंद्र आर्य, वेदपाल महाशय, जयकरण सिंह आर्य, हवलदार बाबूराम, आचार्य प्राण देव, दयानंद आर्य एडवोकेट, चरत सिंह भाटी, अमरजीत आर्य, अजीत भाटी, ब्रह्म सिंह भाटी , श्री डीके शर्मा पूर्व अधिकारी, नगर पालिका दादरी के मनोनीत सदस्य रामकुमार वर्मा सहित अन्य सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता हीरेंद्र कांत शर्मा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध ओज के कवि महेश क्रांतिकारी ने अपनी कविता और लोक गायक मनवीर भाटी ने अपने लोकगीत के माध्यम से उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया और भरपूर तालियां बटोरी। कार्यक्रम को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने में दयानंद नागर एडवोकेट एवम विजेंद्र शर्मा एडवोकेट का विशेष योगदान रहा।

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