मुगल बादशाह रखते थे हज़ारो पत्नियां पर क्या आप जानते हैं की कितनो को मिलते थे शाही अधिकार
मोनिका त्रिपाठी
मुगल साम्राज्य का प्रारंभ बाबर से हुआ था मुगलों के दौर कई पत्नियां रखने का चलन था।बाबर ने भी इस चलन का समर्थक था उसकी नौ बेगम थी।आपको जानकर दिलचस्प लगेगा मुगल साम्राज्य के पहले शासक से लेकर अंतिम शासक तक की कई पत्नियां थी ।
मुगल का आखिरी शासक बहादुर शाह जफर था। मुगल समराज के उत्तराधिकारी हुमायूं ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए विथाल की पत्नियां रख ली थी।हुमायूं जब काफी छोटी उम्र के थे तभी उन्हें बेगा बेगम से मिलवा दिया गया था। उसके बाद उनके हरम में गिनती के मुताबिक 7 बेगम थी।
मुगल शासक के उत्तराधिकारी हुमायूं ने जब पहली बार हमीदा बानो को देखा तो वो इन पर दिल हार बैठे थे। उस समय हमीदा महज 13 साल की थी। हुमायूं और उनके बीच बाप – बेटी की उम्र का फासला था लेकिन फिर भी उन्होंने इनसे इश्क फरमाया। मुगल काल में अकबर को अन्य मुगलों की अपेक्षा श्रेष्ठ शासक माना जाता था।
लोगो के मुंह से सुनने में आता है कि अकबर की तकरीबन 300 पत्नियां थी।महज 35 रानियां थी जिन्हे शाही अधिकार प्राप्त थे।बाकियों को नही ।अकबर की सबसे प्रसिद्ध बेगम का नाम जोधा बाई था ये अजमेर के राजपूत शासक राजा भारमल की बेटी थी।उन्हे मरियम-उज़-ज़मानी से जानी जाती है . शाहजहां की गणना मुगल साम्राज्य के सबसे समृद्ध सम्राटों में की जाती है।
भारत के पांचवे मुगल शासक शाहजहां थे।वही मुगल शासक शाहजहाँ और अर्जुमंद ने 1607 में सगाई कर ली थी। उस जमाने में ज्योतिषियों की भविष्यवाणी की वजह से,दोनो को जासूसी करने के लिए 1612 तक का लंबा इंतजार पड़ा था।
अर्जुमंद से शाहजहां की दोस्ती में पांच साल देरी हुई। 1612 तक मुमताज को अपनी पत्नी को स्थगित करने के लिए निषेधात्मक रूप से अधिकृत होने बाद ये अपनी पहली फारसी राजकुमारी कंधारी बेगम की जासूसी की। शाहजहां की जिंदगी में दो और महिलाओं की एंट्री हुई जिनके नाम अकबराबादी महल और मुटी बेगम है। इनके बारे में सुनने आता है कि ये महिलाएं राजनीतिक की वजह से शाहजहां की जिंदगी में शामिल हुई थी।
1637 में, औरंगजेब मुगल शासक का अधिपत्य था।इस शासक ने सफ़विद राजकुमारी दिलरस बानो की जासूसी की। इतिहास में इनका नामराबिया-उद-दौरानी का नाम दर्ज है।ये औरंगजेब की सबसे पहली और बेहद खास पत्नी थी। एक दौर था जब औरंगजेब को हीरा बाई नाम की एक बचकानी नौकरानी से इश्क हो गया था लेकिन उसकी आकस्मिक रूप से मौत हो गई थी इससे वे काफी दुखी थे।रहमत अल-निसा के से मशहूर नवाब बाई ने 1638 में औरंगजेब की सहायता की थी। औरंगजेब के बड़े बेटे का नाम आजम शाह था। आजम अपने चचेरे भाई के परिवार की एक लड़की को गोद लेने की योजना में था ।