एक विद्द्वान भगवताचार्य मित्र के अनुसार जो देश और विदेश दोनों में भारती सनातन धर्म के प्रचारक है आखों देखि घटना हमें सुनाई !आप कभी वृन्दावन जायें तो इस्कॉन अंग्रेज मंदिर जरूर जायें और आराम से एक- दो घंटे का अधिक समय लेकर जायें फिर देखें आप को कुछ अंग्रेज बालाएँ नाचती हुई दिखेंगी और कुछ अंग्रेज भी ढोलक की धुन पर मन्त्र मुग्द कर देंगी आपको अपने नाच गान से। थोड़ी देर में ये नाचते – नाचते गायब हो जाएँगी आपको पता भी नहीं चलेगा दूसरी इनकी जैसी गोरी – गोरी बालाएं और अंग्रेज नाचते हुए आ जायेंगे और शिफ्ट चेंज। ये सब बड़ी महंगी और पेशेवर नृत्यांगना होती है जो सिर्फ भारतीयों को दिखाने और उनको रिझाने लगाई गई होती है। आप जब इनको नाचते और भगवान श्री कृष्ण के रंग में रंगी देखते है तो आत्म ग्लानि से मर जाते है देखो ये अंग्रेज होकर कितने भगवान की भक्ति में रंगी है।
जबकि ये तो नौकरी कर रही होती है इनको कृष्ण भक्ति या आप की भक्ति से कुछ लेना नहीं सिर्फ इस्कॉन के खजाने भरने के लिए ये नाचती है।
एक और मित्र के अनुसार जिन्होंने एक समाचार पत्र में यह खबर पड़ी !
हिंदुस्तान लीवर कंपनी भारत की सबसे बड़ी विदेशी कंपनी है उसका एक महीने की जितनी सेल है उतना भारत में इस्कॉन संस्था का एक दिन का चढ़ावा है।और अमेरीका को जाता है . इस्कॉन में अमेरिका का इन्वेस्टमेंट है। भारतीय मानव की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए धर्म को विदेशियों ने धंधा बना लिया है।
अब एक बड़ी साजिस इस्कॉन की तरफ से गौशालाओं को खोलने के नाम से बस जीतनी जमींन दान में मिल जाय इस्कॉन के नाम करते रहो इस्कॉन पैसे देगा गौशाला के लिए। अकेले एक इस्कॉन संस्था के प्रचारक ने जिला नैनीताल, अल्मोड़ा,पिथौडागढ और चम्पावत में लगभग 5 हजार एकड़ जमीन गायो के नाम पर जमा करने की तैयारी कर रखी है। जिसमे लगभग उसके हिसाब से काफी जमीन पर वे कब्ज़ा कर चुके है। जब अकेले उत्तराखंड जैसे गरीब राज्य में ये लोग इनका एक एजेंट 5 हजार एकड़ की प्लानिंग कर चूका है तो बताओं अन्य राज्यों की क्या दशा और दिशा होगी ! और जब ये देश की 33 % जमीन पर कब्ज़ा कर लेंगे तो फिर कही हम गुलामी की ओर तो नहीं चले जा रहे है ! इस असली गोरखधंधे के मामले पर भी देश के शुभ-चिंतको को विचार करना चाहिए और जिनके हाथ में कलम है उनको देश हित में कलम उठानी चाहिए —
”नयाल सनातनी” सर्वदलीय गौरक्षा मंच