डॉ राकेश कुमार आर्य की “भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास” नामक पुस्तक हुई इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज
ग्रेटर नोएडा। जनपद के ग्राम महावड़ के मूल निवासी डॉ राकेश कुमार आर्य को भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास पर किए गए विशेष और उल्लेखनीय लेखन कार्य के लिए वैसे तो भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय पूर्व में ही सम्मानित कर चुका है, पर अब इस जनपद के लिए एक और खुशखबरी यह है कि डॉ. आर्य द्वारा लिखित ‘भारत के 12 35 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास’ को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सम्मिलित कर लिया गया है।
अपनी इस विशेष उपलब्धि के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर आर्य ने हमें बताया कि उनके द्वारा भारत के इस स्वाधीनता संग्राम को छह खंडों में लिखा गया है। प्रथम खंड का नाम ‘वह थमे नहीं और हम थके नहीं’ दूसरे का ‘ रुके नहीं- हम झुके नहीं’, तीसरे का “घोड़ों पर घोड़े टूट पड़े तलवार लड़ी तलवारों से”, चौथे का “शिवा बैरागी का प्रताप बना मुगलों का संताप”, पांचवें का “अंग्रेजों का दमन चक्र और भारत का सुदर्शन चक्र” और छठे का “अंधकार बीत गया और भारत जीत गया” है।
डॉ आर्य ने बताया कि भारतवर्ष अपनी स्वाधीनता के लिए उसी दिन से लड़ने लगा था जिस दिन पहला बड़ा आक्रमणकारी मोहम्मद बिन कासिम के नाम से यहां आया था। उसको भगाने के लिए राजा दाहिर सेन और उस समय के अनेक वीर योद्धाओं ने अपना बलिदान दिया जो स्वतंत्रता आंदोलन के पहले क्रांति नायक या बलिदानी हैं। उसके पश्चात नागभट्ट प्रथम, नागभट्ट द्वितीय, पृथ्वीराज चौहान से लेकर महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, धन सिंह कोतवाल, महर्षि दयानंद, शहीद भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, सरदार पटेल आदि क्रांतिकारी वीर योद्धाओं के द्वारा भारत के स्वाधीनता आंदोलन का नेतृत्व किया जाता रहा। इन सब और इन जैसे अन्य अनेक वीर योद्धाओं को इस पुस्तक के छह खंडों में सम्मानित रूप से स्थान दिया गया है।
जिससे कि भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को नई पीढ़ी के समक्ष लाया जा सके। डॉक्टर आर्य का मानना है कि इतिहास की सटीक, तार्किक व प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराना इतिहासकार का सबसे बड़ा धर्म होता है।
डॉक्टर आर्य ने कहा कि 2017 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा इन पुस्तकों को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में सम्मिलित किया गया था और सम्मानित भी किया गया था।
इस रिकॉर्ड की उपलब्धि के पश्चात डॉक्टर आर्य को बधाई देने वालों में अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा नंद किशोर मिश्र, राष्ट्रीय महामंत्री संदीप कालिया, राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार, वीर सावरकर फाउंडेशन के राष्ट्रीय महामंत्री श्याम सुंदर पोद्दार, वरिष्ठ लेखक और साहित्यकार राकेश कुमार छोकर, समाजशास्त्री एवं समाजसेवी डॉक्टर राकेश कुमार राणा, 18 57 की क्रांति के महानायक धन सिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ के अध्यक्ष तस्वीर सिंह चपराना आदि का नाम उल्लेखनीय है।