Categories
विशेष संपादकीय

नववर्ष पर भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब

नववर्ष  पर भारत का पाकिस्तान को करारा जवाबनये वर्ष की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान ने फिर दुस्साहस किया और भारत के एक बीएसएफ जवान को शहीद कर दिया। भारत का जवान शहीद तो हो गया, पर हमारे जांबाज सैनिकों ने भी ईंट का जवाब पत्थर से देकर पाकिस्तान के चार जवानों को मौत की नींद सुला दिया। वास्तव में जब देश का नेतृत्व सजग और जागरूक होता है, तो उसकी सजगता और जागरूकता का प्रमाण सीमाएं ही दिया करती हैं।

भारत के वर्तमान नेतृत्व में बीएसएफ को आदेश दिया कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के की जाने वाली फायरिंग का करारा जवाब दिया जाए। पडोसी देश के बलों की ओर से की गई फायरिंग में सीमा की रक्षा कर रहे एक भारतीय जवान की मृत्यु पर ये आदेश दिया गया है।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विषय में गंभीरता दिखाई और सरकार की सख्ती का संकेत देते हुए उन्होंने जिस प्रकार बीएसएफ को पाकिस्तान के खिलाफ कठोरता से पेश आने का निर्देश दिया, वह एक प्रशंसनीय कार्य है। जिससे समस्त देशवासियों को गर्व और गौरव की अनुभूति हुई है।  गृहमंत्री ने महानिदेशक डी के पाठक को इस आदेश के बारे में बताया, जो उन्हें जम्मू सीमा की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देने आए थे, जहां पाकिस्तानी रेंजरों की ओर से बीते वर्ष के अंतिम दिन की गई फायरिंग में वहां गश्त लगा रहा बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य जवान घायल हो गया था।

देश के गृहमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि अब सीमाओं से कोई भी देश छेड़छाड़ नही कर सकता और यदि कोई करने की हिम्मत करता है तो उसे  माकूल और करारा जवाब दिया जाए। बीएसएफ महानिदेशक ने गृहमंत्री को पाकिस्तान के रेंजरों द्वारा जम्मू कश्मीर के सांबा क्षेत्र में किए गए संघर्षविराम उल्लंघनों के बारे में बताया।

इस साल पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन की 550 घटनाएं हुई हैं। साल 2003 के बाद से यह सबसे अधिक है। अक्तूबर में पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम का उल्लंघन किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान को ‘‘उचित सबक’’ सिखा दिया गया है और वे दोबारा ऐसा करने की जुर्रत नहीं करेगा।

नया वर्ष प्रारंभ हो गया है और हम सब इस नये अंग्रेजी वर्ष पर एक दूसरे को शुभकामनाएं ले दे रहे हैं, परंतु इस  बड़ी और कोई शुभकामना हमारे लिए नही हो सकती कि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा के प्रति हमारा नेतृत्व गंभीर है। यह कोई तुक नही है कि पाकिस्तान बिना उकसावे की कार्यवाही करते हुए बार-बार हमारे शहीदों का खून करे और हम शांत बैठे रहें। दुनिया में शान से जीने के लिए जान की बाजी लगानी पड़ती है और भारत की  यह पुरानी परंपरा है कि उसने अपनी शान बचाए रखने के लिए जान की कभी परवाह नही की। कमी केवल यह रही कि स्वतंत्रता के बाद भारत का ये सच भारत की पीढिय़ों को समझाया और बताया नही गया। दुनिया यह अच्छी तरह जानती है कि बलिदान देने में जितना भारत का सैनिक उत्सुक रहता है उतना किसी अन्य देश का नही। इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम अपने देश के इन जांबाज सैनिकों के साहस और शौर्य को नमन करते हुए संपूर्ण देश के लिए प्रार्थना करें कि यह अंग्रेजी वर्ष हम सबके लिए उत्साह वर्धक हो। इसी प्रार्थना में संपूर्ण वसुधा की  संपन्नता और प्रसन्नता का रहस्य छिपा है, क्योंकि जो स्वयं संपन्न और प्रसन्न हैं वही दूसरों को संपन्न और  प्रसन्न बना सकता है।

हम आशा करेंगे कि इस नववर्ष में पाकिस्तान अपनी हरकतों  से बाज आएगा। भारत के नेतृत्व को बधाई जिसने आशा की नयी किरणों को जन्म दिया है।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version