संघ ने गांधी के खिलाफत आंदोलन से प्रेरणा ली थी,हिटलर से नही- इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार
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पिछले 75 वर्ष से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर यह आरोप लगता रहा है कि वह हिटलर से प्रेरणा लेकर अस्तित्व में आया। जबकि जब संघ १९२५ में बना उस समय हिटलर का जर्मनी में उदय ही नही हुआ था। इस तथ्य को जानने के उपरांत भी बहुत से लोग हैं जो अनर्गल आरोप लगाते रहते हैं और बे सिर पैर की बातें करते हुए अपनी बकवास निरंतर करते रहते हैं।
हाँ किसी की प्रेरणा के बिना तो तो मेरा मानना है कि कोई संगठन नही बन सकता संघ को “ख़िलाफ़त” से प्रेरणा मिली। ख़िलाफ़त की विफलता पर १९२२२-२४ तक केरल से नागपुर होते हुए कोहाट तक मुस्लिमों ने हिन्दु समाज पर भला कौन सा जघन्यतम अत्याचार नही किया ? वास्तव में गांधी जी का यह खिलाफत आंदोलन देश के हिंदू समाज के लिए बहुत भारी तबाही लेकर आया था। इसके उपरांत भी गांधी मुसलमानों की सांप्रदायिकता के प्रति पूर्णतया उदासीन रहे। जिससे यह आभास हो गया था कि गांधी के रहते देश में मुस्लिम कट्टरता और सांप्रदायिकता खेलेगी और हिंदू को उसका शिकार बनना पड़ेगा।
रही बात स्वाधीनता के आंदोलन में जेल जाने व भाग लेने की।
संघ को जन्म देने वाले डॉक्टर हेडगेवार महान क्रांतिकारी थे कांग्रेस के नेता के विदेश से आने से पहले स्वाधीनता की लड़ाई लड़ रहे थे। संघ के लोगों ने जेल यात्रा ही नही की ,कई संघ के नेता अण्डमान काला पानी की सजा भी काट चुके हैं। उनमें बाबा राव सावरकर को कौन स्वयम सेवक भूल सकता है। रही बात स्वाधीनता आंदोलन में हमेशा भाग लेने की तो संघ के विषय में हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि उसने प्रेरणा देकर देश के लाखों युवकों को देश की सेना में भर्ती करवा कर उन्हें प्रशिक्षित कर देश विरोधियों से लड़ने के लिए प्रेरित किया। मौन आहुति देकर देश सेवा करने की भावना यदि किसी से सीखी जा सकती है तो वह संघ से ही सीखी जा सकती है। उसने उस समय भी यह काम कर दिया था और आज भी वह देश की सेवा के लिए प्रशिक्षित युवकों को सेना में भेजने का मार्ग प्रशस्त कर चुका है। अग्निवीर इसी योजना का एक हिस्सा है।
इन्ही प्रवेश कराये गये सैनिक सुभाष बाबु की भारतीय राष्ट्रीय सेना में हो या अन्यंत्र ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेकने का काम किया। जिस दिन भारत की स्वतंत्रता का सही इतिहास लिखा जायेगा भारत की जनता को यह सत्य मालूम हो जाएगा।