पं0 दयानंद शास्त्री
65वें गणतंत्र दिवस दिवस (26 जनवरी 2015 ) की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ और शुभ मंगल कामनाएं..
गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था।
गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। गणतंत्र दिवस को पूरे देश में विशेष रूप से राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है | इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजपथ पर राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है| इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं| इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर व विभिन्न विद्यालयों से बच्चे आते हैं, समारोह में भाग लेना एक सम्मान की बात होती है |परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला डालते हैं| इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है | यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध व स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का एक स्मारक है | इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं |
परेड में विभिन्न राज्यों से चलित शानदार प्रदर्शिनी भी होती है, प्रदर्शिनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है| हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है | परेड और जुलूस राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित होता है और देश के हर कोने में करोड़ों दर्शकों के द्वारा देखा जाता है|
भारत के राष्ट्रपति व प्रधान मंत्री द्वारा दिया गये भाषण को सुनने के लाखो कि भीड़ लाल किले पर एकत्रित होती है।
भारत मजबूत लोकतंत्र है। यह गर्व करने लायक उपलब्धि है। बहुत सारे विदेशी प्रेक्षकों का मानना था कि भारत एक देश के रूप में ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा या भाषायी समूह अपने अलग राष्ट्र की मांग करेगा और उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। परंतु यह सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुई हैं।
आज हमारे देश के सामने कई समस्याएं हैं। उनमें से बड़ी है बेरोजगारी की समस्या। बेरोजगारी के कारण देश के युवकों-युवतियों में भारी असंतोष और बेचैनी पाई जाती है। देश की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जाए। यही नहीं जनसंख्या पर नियंत्रण भी इस समाधान में बड़ी सहायता कर सकती हैं।
भ्रष्टाचार – सहानुभूति एवं भ्रष्टाचार की समस्या भी बड़ी है। भ्रष्टाचार मानव को अपने पंजे में दबोच रहा है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए समाज में पुनः नैतिक मूल्यों की स्थापना करनी होगी। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कठोर दण्ड व्यवस्था होनी चाहिए।
महंगाई – महंगाई ने भी आम आदमी की कमर तोड़ दी है। काला-बाजारी तथा जमाखोरी से महंगाई बढ़ती है। पॉकेटमारी, चोरी तथा डकैती जैसी घटनाओं में वृद्धि का कारण नैतिक मूल्यों में गिरावट ही है जो महंगाई से पनपती है। तमाम समस्याओं के बावजूद हमने कई दिशाओं में तरक्की भी की है। आज का युग विज्ञान के चमत्कारी आविष्कारों का युग है।
2015 की मुख्य बातें—-
इस साल अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
गणतंत्र दिवस का महत्व—-
गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना था। 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को लागू किया गया था जब भारत के शासी दस्तावेज को भारत के अधिनियम 1935 से बदला गया था।
इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन भारत की स्वतंत्रता यानि पूर्ण स्वराज की घोषणा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को की थी।
गणतंत्र दिवस समारोह
इस दिन पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंग जाता है लेकिन मुख्य तौर पर गणतंत्र दिवस का समारोह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह 9 बजे से होता है जो लगभग तीन घंटे चलता है। पूरे देश से लोगों के शामिल होने की वजह से यह ऐतिहासिक अवसर राष्ट्रीय त्यौहार बन जाता है। यह दिन राष्ट्र की एकता का प्रतीक है क्योंकि इस दिन विभिन्न जाति, पंथ, धर्म और क्षेत्र के लोग आपस मेें मिलकर एक भारतीय होने के गर्व को उत्सव के रुप में मनाते हैं। यह समारोह राजपथ पर बहुत उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है जिसका अनुभव कोई भी गणतंत्र दिवस परेड के टिकट खरीद कर ले सकता है। इस समारोह के टिकट समारोह के कुछ हफ्ते पहले खरीदे जा सकते हैं।
—–देश भर मेें गणतंत्र दिवस समारोह—-
राजधानी के भव्य समारोह के अलावा गणतंत्र दिवस को देश के विभिन्न हिस्सों में कई स्तरों पर मनाया जाता है, जैसे शहरों, जिला मुख्यालय, पंचायत, स्कूल और दफ्तरों में ।
—-मुंबई में लोग गणतंत्र दिवस की परेड में शिवाजी पार्क या मरीन ड्राइव पर भाग लेते हैं।
—-बेंगलुरु में लोग गणतंत्र दिवस समारोह फील्ड मार्शल माॅनक शाॅ परेड मैदान में मनाते हैं जहां परेड और ——–सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
—–कोलकाता में लोग गणतंत्र दिवस परेड का मजा रेड रोड पर लेते हैं।
—–चैन्नई में गणतंत्र दिवस समारोह मरीना बीच और कामराज सालै पर होता है।
—बीटिंग रिट्रीट—-
गणतंत्र दिवस समारोह आधिकारिक रुप से बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ खत्म होता है जो कि हर साल 29 जनवरी को होती है। नई दिल्ली में रायसीना हिल पर राष्ट्रपति के सामने इस समारोह में भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय सेना भाग लेते हैं।
—-गणतंत्र दिवस परेड—–
भारत के गणतंत्र दिवस की भव्यता को भव्य परेड से देखा जा सकता है जो राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल से शुरु होकर इंडिया गेट पर खत्म होती है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई उच्च रैंक के अधिकारी मौजूद होते हैं। यह परेड तब शुरु होती है जब प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर भारतीय सेना के शहीदों की याद में पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।
भारतीय सशस्त्र सेनाओं के कमांडर इन चीफ भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं। इसके बाद राष्ट्रीय गान की धुन बजती है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
नौसेना, सेना और वायु सेना की विभिन्न रेजिमेंट राष्ट्रपति को सलाम करते हुए राजपथ पर अपना पराक्रम प्रदर्शित करती हैं। सशस्त्र बलों के कर्मी मोटर साइकिल की सवारी करते हैं जबकि भारतीय वायु सेना के जवान लड़ाकू विमानों में उड़ान परेड करते हैं।
गणतंत्र दिवस पर भारत की समृद्ध और रंगीन संस्कृति प्रदर्शित की जाती है। विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर लोग पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करते हैं। स्कूली बच्चे सुंदर पोशाकों में इस दिन भारत के गौरवमयी इतिहास के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं।
देश के असली नायकों को इस दिन बहादुरी पुरस्कार और पदक से सम्मानित किया जाता है। बच्चों को बहादुरी और निस्वार्थ बलिदान के लिए राष्ट्रीय अवार्ड दिया जाता है।
भारतीय वायु सेना के जेट विमानों की तिरंगा धुंआ छोड़ती पंक्ति भव्य समारोह के संपन्न होने का प्रतीक है। एकत्र दर्शकों को अलविदा करने के लिए यह उन पर गुलाब की पंखुडि़यां बरसाती है।