हमें दिला दो वो अंतिम गोली , जिसे शेखर ने खुद को मारा था
भले ही गांधी की धोती ,
तेरे खातिर गहना था ..
मुझे दिखा दो बस वो फंदा,
जिसे भगत सिंह ने पहना था …
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चलो मान लिया कि चरखे ने ही,
उन सारे अंग्रेजों को पटका था …
पर हमको दे दो वो पावन रस्सी ,
जिस पर मेरा बिस्मिल लटका था..
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हम मान रहे कि नेहरू ने ही,
भारत आज़ाद कराया था …
पर हमें सुना दो फिर वो धुन,
जिसे राजगुरु ने गाया था ..
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चलो आजादी के महायुद्ध में,
सारा कार्य तुम्हारा था ..
पर हमें दिला दो वो अंतिम गोली ,
जिसे शेखर ने खुद को मारा था
अखंड भारत के संकल्प के साथ शहीदों को प्रणाम
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
मुख्य संपादक, उगता भारत