इस्लाम से पहले अरब के लोग नहीं जानते थे कि अल्लाह किस चीज का नाम है ,सन 610 के आसपास मुहमद ने अल्लाह की रचना की थी , और अपने अल्लाह को सबसे बड़ा , महान ,सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ साबित करने के लिए दिसंबर 629 ईस्वी रमजान 8 हिजरी में काबा में रखे 360 देवी देवताओं की मूर्तियां तुड़वा दी थी ,तब से जहाँ भी मुस्लिमों का राज हो जाता है ,मुस्लमान उस देश के सभी अन्य धर्म स्थानों को तोड़ देते हैं ,ऐसा करने का असली उद्देश्य यह सिद्ध करना होता है कि अन्य धर्म के उपास्य तो शक्तिहीन और निकम्मे हैं , सिर्फ अल्लाह ही सर्वशक्तिमान है , वह कुछ भी कर सकता है , इसलिए उसी की इबादत करना चाहिए ,अल्लाह के बारे में कुरान में जो बताया गया है उसके दो नमूने देखिये ,
1-अल्लाह भविष्य भी जानता है
“वह सब जानता है परोक्ष और प्रत्यक्ष भी , वह महान और उच्च है ”
“عَالِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ الْكَبِيرُ الْمُتَعَالِ ”
He is knower of the futere and visible the great the High Exalted
सूरा – रअद 39 :9
2-अल्लाह सब कुछ कर सकता है
“अल्लाह को हर चीज पर सामर्थ्य प्राप्त है ”
وَاللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ ”
God has the power to will anything.
सूरा -आले इमरान 3:189
लेकिन कुरान के यह दावे सरासर झूठ हैं ,क्योंकि इस्लामी इतिहास ही इस बात को झूठ साबित कर देता है ,इसके दो प्रमाण दिए जा रहे हैं ,
3-पहला प्रमाण
मुहम्मद अल्लाह के सबसे प्यारे और अंतिम रसूल माने जाते हैं , लेकिन उन्ही की पत्नियों ने उनको जहर दिया था जिसके कारन सन 632 मुहम्मद बड़ी दुखदायी मौत मरे ,अगर कुरान की आयत 39 :9 के अनुसार सचमुच अल्लाह भविष्यदर्शी होता तो मुहम्मद को पहले से सचेत कर देता , और अगर कुरान की आयत 3:189के अनुसार अल्लाह सर्वशक्तिमान होता तो अपने प्यारे रसूल की जान बचा लेता
4-रसूल के रिश्तेदारों को नहीं बचाया
मुहम्मद के जितने भी निकट सम्बन्धी थे कोई कुदरती मौत से नहीं मरे , सभी की हत्या उन्ही लोगों की थी जिनको मुहम्मद ने मुस्लमान बनाया था
1.मुहम्मद की बेटी फातिमा की हत्या उमर ने 28 अगस्त सन 632 में की
2.मुहम्मद की प्यारी पत्नी आयशा की हत्या मुआविया ने 16 जुलाई सन 678 में करवाई थी
3-खलीफा उमर बिन खत्ताब की हत्या 3 नवम्बर सन 644 में कर दी गयी
4.उस्मान की हत्या 17 जून सन 656 में कर दी गयी
5-अली की हत्या जनवरी 661 में कर दी गयी
गौर करने की बात यह है की इन सबको मारने वाले मुस्लमान ही थे को भगवाधारी हिन्दू नहीं था , इतने लोगों की हत्या हो जाने पर अल्लाह हाथ पर हाथ रखे बैठा रहा , लाखों फ़रिश्ते होने पर भी किसी को भी बचने के लिए एक भी फरिश्ता नहीं भेजा .इन प्रमाणों से यह तो सिद्ध हो जाता है कि अल्लाह में किसी को बचाने की शक्ति नहीं है , लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अल्लाह खुद को भी नहीं बचा सकता है
5-अल्लाह कहाँ रहता है ?
इस्लामी मान्यता के अनुसार अल्लाह काबा में रहता है , इसलिए काबा को ” बैतुल्लाह -البيت الله ” यानि अल्लाह का घर कहा जाता है , काबा एक आयताकार कमरा है , जिसकी लम्बाई 13 . 1 मीटर , चौड़ाई 12 . 3 मीटर और ऊंचाई 13 मीटर है ;इसके अंदर न तो लाइट है और न हवा के लिए कोई खिड़की है , सिर्फ एक दरवाजा है जो अक्सर बंद रहता है .काबा के बारे में इकबाल ने कहा था ,
“दुनियां के बुतकदों में यह पहला घर खुदा का – हम पासबां हैं इसके यह पासबां हमारा ”
अर्थात -यह काबा दुनियां के सभी मूर्तिघरों में अल्लाह का पहला घर है , हम इसके रक्षक हैं ,और इसका स्वामी हमारा रक्षक है ,लेकिन एक ऐसा भी समय आया जब न तो मुस्लमान काबा सहित अल्लाह को बचा सके और न अल्लाह काबा को बचा सका
6-अल्लाह को काफिरो ने बचाया
मुहम्मद ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस अल्लाह के नाम से हमने मुसलमानों को क्रूर ,हिंसक और अत्याचारी जिहादी बना कर दुंनिया का शत्रु बना दिया आगे चल कर यही जिहादी एक दिन अल्लाह को भी बंधक बना कर काबा में कैद कर देंगे ,अल्लाह की जान बचाने के लिए सऊदी अरब की सरकार क़ो काफिरों की सहायता लेना पड़ेगी ,पूरी घटना इस प्रकार है ,लगभग सन 1976 में अरब में एक इस्लामी जिहादी संगठन बना था ,इसका नाम “अल जमा अल सलफ़िया अल मुहतसिबा ” था , इस गिरोह के मुखिया का नाम “जुहैमन बिन मुहम्मद बिन सैफ अल कतबी – جهيمان بن محمد بن سيف
العتيبي
” था , इसने खुद को महदी अर्थात अल्लाह का प्रतिनिधि घोषित कर दिया था ,यह पूरी दुनियां में अपनी नयी शरीयत लागु करना चाहता था ,इसके लिए इसने अपने करीब 800 जिहादियों के साथ 20 मई 1979 को काबा को घेर लिया , यानि अल्लाह को बंधक बना लिया ,चूँकि सऊदी अरब में सेना नहीं होती ,इसलिए अरब के शाह ने पाकिस्तान से मदद मांगी ,पाकिस्तान ने अपने कमांडो (SSG).(Pakistan’s Special Services Group ).लेकिन जैसे ही पाकिस्तानी कमांडो ने करतबी के लोगों को मारना चाहा तो करतबी ने काबा को बेम से उड़ा देने की धमकी दी , इस से अरब की सरकार डर गयी , कि अगर काबा ध्वस्त हो जायेगा तो उसमे रहने वाला अल्लाह भी मर जायेगा , और इस्लाम समाप्त हो जायेगा ,इसलिए विवश होकर अरब की सरकार ने फ़्रांस सरकार से मदद मांगी ,और उसने GIGN).( (Groupe d’intervention de la Gendarmerie nationale )नामकी विशेष सेना भेजी .इसने पहले तो पूरे काबा के परिसर में खूब पानी भर दिया फिर पानी में बिजली का हाई वोल्टेज वाला करेंट छोड़ दिया , जिस से करीब 177 विद्रोही मर गए और करीब 48 लोग बेहोश होकर पड़े मिले , जिन्हे बाद में मुक़दमा के बाद 9 जनवरी 1980 को मौत की सजा दे दी गयी ,अब हम उन इस्लाम के एजेंटो से पूछना चाहते हैं ,जो अल्लाह को सर्वशक्तिमान बताते हैं , बताएं अल्लाह ने अपने काबा और खुद को बचाने के लिए अपने फरिश्तों को क्यों नहीं भेजा ? या खुद काबा से बहार निकल कर करतबी के लोगों को कोई सजा क्यों नहीं दी ?
इन ऐतिहासिक प्रमाणों से एकहि बात साबित होती है कि अल्लाह मुहम्मद की केवल कल्पना है , उसका कोई अस्तित्व नहीं है , और अल्लाह खुद को भी नहीं बचा सका उसकी इबादत करना सरासर मूर्खता है , विडिओ देखिये
Ka’aba under siege (1979 Grand Mosque Seizure by fake Mahdi
ब्रजनंदन शर्मा
One reply on “अल्लाह की जान काफिरों ने बचायी !!”
आप लोगो जो कार्य कर रहे हैं सराहनीय है आप लोगो का बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕