दादरी में स्वतंत्रता अमृत महोत्सव के अवसर पर किया गया कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन

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दादरी । (अजय कुमार आर्य) आदमी के संकल्प लेकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ने की जरूरत है। जब संकल्प दिल से ले लिया जाता है तो दैवीय शक्तियां भी मनुष्य के साथ आकर खड़ी हो जाती हैं और वह अपने लिए हुए संकल्प को अक्षरश: पूर्ण होते देखता है तो उसकी आत्मा भी बोल उठती है कि निश्चय ही उसके इस कार्य को पूर्ण कराने में ईश्वरीय अनुकंपा काम कर रही थी। कुछ ऐसा ही हुआ है तहसील दादरी में संपन्न हुए 15 अगस्त 2022 के ऐतिहासिक अमृत महोत्सव के कार्यक्रम की सफलता पर । इस बार जो कार्यक्रम यहां पर हुआ वह कई प्रकार से ऐतिहासिक रहा।

यहां तहसील स्तर पर स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वीर रस के कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम को और भी अधिक गरिमा पूर्ण बना दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसडीएम दादरी श्री आलोक कुमार गुप्ता व विशिष्ट अतिथि तहसीलदार विवेकानंद मिश्र रहे। इस अवसर पर भारत के स्वाधीनता आंदोलन में बलिदान देने वाले या सक्रिय रूप से अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने वाले क्षेत्र के पांच क्रांतिकारियों या बलिदानियों के वंशजों को भी सम्मानित किया गया। जिनमें ग्राम महावड़ से 1857 की क्रांति के अमर शहीद सुलेख सिंह के वंशज सूबेदार जतन सिंह, ग्राम छांयसा से मोती सिंह पुत्र श्री खुशीराम ( 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था ) के प्रति व्यक्त किए गए इस सम्मान को प्राप्त करने हेतु उनके गांव के निवासी वरिष्ठ नागरिक तेजवीर सिंह पुत्र श्री गिरवर सिंह ,
ग्राम अच्छेजा से स्वतंत्रता सेनानी रहे श्री जय हिंद जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ काम किया था और भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया था, के सम्मान को विजेन्द्र नागर पुत्र श्री बुद्ध सिंह , ग्राम तिलपता करनवास से रिसाल पुत्र चिलका और शिवचरण पुत्र खिलका के उत्तराधिकारी प्रेमराज भगत जी पुत्र शिवचरण, व राव उमराव सिंह भाटी (1857 की क्रांति के अमर शहीद) जिनके उत्तराधिकारी के रूप में लेखराज सिंह पुत्र श्री रिछपाल सिंह ने प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वाति यादव पुत्री राकेश यादव को कुश्ती के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भी सम्मानित किया गया।
कवि महेश क्रांतिकारी , कवयित्री अंजलि शिशौदिया , श्री मनबीर भाटी की कविताओं और गीतों ने भी उपस्थित लोगों की भरपूर तालियां बटोरी। प्रत्येक कवि ने अपनी कविता को अपनी पूर्ण प्रतिभा के साथ प्रस्तुत कर उपस्थित जन गण को क्रांतिकारियों की मधुर स्मृतियों के साथ जोड़ दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी श्री आलोक कुमार गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि हम अपनी कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए अपने काम के प्रति यदि तन मन से समर्पित होकर लग जाएं तो यह भी देश की बहुत बड़ी सेवा होगी। इसी से हम क्रांतिकारियों के सपनों का भारत बनाने में सफल होंगे।
उन्होंने कहा कि देश की प्रतिभा गांव में निवास करती है । जिसे निखार कर राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करना हमारा प्रथम कर्तव्य है । इसी दृष्टिकोण से हमने कवियों और प्रतिभाओं को देहात से खोजने का संकल्प लिया।
उन्होंने तहसीलदार दादरी श्री विवेकानंद मिश्र ने कहा कि देश के लिए एक नहीं अनेक लोगों ने अपने बलिदान दिए । प्रत्येक वर्ग समुदाय के लोगों ने देश की आजादी का संकल्प लिया था। उसी के परिणाम स्वरूप हम आज स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि अपने क्रांतिकारियों और देशभक्तों के सपनों का भारत बनाने के लिए हम कर्तव्य निष्ठा से अपने कार्य के प्रति जुटें, यही हमारे लिए उचित है।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ राकेश कुमार आर्य ने क्षेत्र के गौरवपूर्ण इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां का इस क्षेत्र की भूमि के कण-कण में क्रांतिकारियों का बलिदान बोलता है उन्होंने कहा कि क्रांतिकारियों की पवित्र भूमि ने देशभक्ति के तराने गाकर अपनी गौरवपूर्ण उपस्थिति देश के स्वाधीनता आंदोलन के दौरान दर्ज कराई थी। इसी प्रकार वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष ऋषि पाल भाटी ने भी अपने विचार व्यक्त किए और आचरण की पवित्रता पर बल दिया। सभा में राजवीर सिंह अकेला, भूपेंद्र सिंह, लेखपाल संघ के अध्यक्ष डिंपल यादव सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर अधिवक्ता चाणक्य भाटी, राकेश नागर, दयानंद नागर, दयानंद आर्य, धूल सिंह भाटी, छत्रपाल सिंह, राकेश यादव पहलवान, रविंद्र आर्य, तेजवीर सिंह यादव आदि सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ कर्मचारी श्री एस बी तिवारी, भूपेंद्र सिंह, अतुल कुमार, मिंटू तिवारी, छत्रपाल सिंह, नीरज कुमार शर्मा आदि का विशेष सहयोग रहा।

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