उगता भारत ब्यूरो
जी हां ये सच है और ये सिर्फ मैं नहीं कह रहा बल्कि जनवरी 2017 में राहुल गांधी ने भी कही थी, जोकि एकदम सच है। RSS ने 1950 से ले कर 2002 तक तिरंगा नहीं फहराया ।
1950 के बाद RSS ने तिरंगा फहराना बंद कर दिया?
आज़ादी के बाद संघ की शक्ति लगातार बढ़ती जा रही थी, और संघ ने राष्ट्रीय पर्व जैसे 15 अगस्त और 26 जनवरी जोर शोर से मनाने शुरू कर दिए थे, जनता ने भी इसमे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना शुरू कर दिया।
*इस से नेहरू को अपनी कुर्सी डोलती नज़र आयी, और बड़ी ही चालाकी से उन्होंने भारत के संविधान में एक अध्याय जुड़वा दिया “National Flag Code”, नेशनल फ्लैग कोड को संविधान की अन्य धाराओं के साथ 1950 में लागू कर दिया गया,*
*और इसी के साथ तिरंगा फहराना अपराध की श्रेणी में आ गया,*
*इस कानून के लागू होने के बाद तिरंगा सिर्फ सरकारी इमारतों पर कुछ खास लोगों द्वारा ही फहराया जा सकता था* और यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करता तो उसे सश्रम कारावास की सज़ा का प्रावधान था,
यानि कानूनन अब तिरंगा संघ की शाखाओं में नहीं फहराया जा सकता था। क्योंकि वे प्राइवेट जगह थी ना कि सरकारी इमारत। संघ ने कानून का पालन किया और तिरंगा फहराना बंद कर दिया। यह कानून नेहरू के डर के कारण बनाया गया था, वरना इसका कोई औचित्य नहीं था। क्योंकि आज़ादी की लड़ाई में तो हर आम आदमी तिरंगा हाँथ में ले कर सड़कों पर होता था, पर अचानक उसी आम आदमी और समस्त भारत की जनता से उनके देश के झंडे को फहराने का अधिकार छीन लिया गया। और जिस तिरंगे के लिए लाखों लोग शहीद हो गए वह तिरंगा फहराने का अधिकार अब सिर्फ नेहरू गांधी परिवार की जागीर बन चुका था ।
कांग्रेस के Member of Parliament नवीन जिंदल ने अपनी फैक्ट्री ‘जिंदल विजयनगर स्टील्स’ में तिरंगा फहराया और उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई व उन्हें गिरफ्तार किया गया, इसके बाद उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और 2002 में सुप्रीम कोर्ट से ये आदेश जारी करवाया की भारत का ध्वज हर खास-ओ-आम फहरा सकता है, अपने प्राइवेट बिल्डिंग पर भी फहरा सकता है, बशर्ते वे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न करे और तिरंगे को फ्लैग कोड के अनुसार फहराए, इसके बाद से लगातार संघ की हर शाखा में तिरंगा फहराया जा रहा है ।
है कोई माई का लाल कांग्रेसी, वामपंथी या आपिया जो मेरे इन तथ्यों को झुठला सके? आज वही कांग्रेसी सवाल उठा रहे हैं जो राष्ट्रगान के समय उठते तक नही, कुर्सी पर बैठे रहते है , आपको गूगल पर कई कांग्रेसी और वामपंथियों के ब्लॉग मिल जाएंगे जिसमे तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया होगा, पर हर जगह एक बात जरूर मिलेगी की 1950 से पहले और 2002 के बाद संघ लगातार तिरंगा फहराता आ रहा है, इसका रहस्योद्घाटन ऊपर कर चुका हूँ ।
तो आज आपको पता चला कि तिरंगे का असली गुनहगार कौन था ? सवाल ये है कि आखिर भारतीयों से उनके अपने ही देश का ध्वज क्यो छीन लिया गया? इस बात को आगे बढ़ाइए,सब तक जानकारी पहुँचाइये!
(सोशल मीडिया से साभार)
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