आगा खाँ हाल में सजा है राजस्थान के हस्तशिल्पियों का अनूठा बाजार
नई दिल्ली, 04 फरवरी, 2015।
राजस्थान की ग्रामीण गैर कृषि विकास एजेंसी (रूडा) द्वारा नई दिल्ली के भगवानदास रोड़ स्थित सरस्वती भवन के आगा खाँ हॉल में आयोजित पांच दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी ‘शिल्पागंन’ का बुधवार को शुभारंभ हुआ। आठ फरवरी तक चलने वाली इन प्रदर्शनी में राजस्थान के विभिन्न अंचलों से 28 हस्तशिल्पियों ने अपने उत्पादों का अनूठा बाजार सजाया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन से चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से आयोजित पांच दिवसीय इस प्रदर्शनी का भारत सरकार के वस़्त्रा मंत्रालय के अतिरिक्त विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) श्री नवराज गोयल ने दीप प्रज्वलित और फीता काट कर उद्घाटन किया।
इस मौके पर रूडा के अधिशासी निदेशक श्री जे.ए.खान, फिक्की के संयुक्त निदेशक श्री तरूण जैन, श्री नरेश जोशी, रूडा के उपमहाप्रबंधक श्री दिनेश सेती, कार्यालय अधीक्षक श्री ओम प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।
रूडा के अधिशासी निदेशक ने मुख्य अतिथि श्री गोयल को प्रदर्शनी का अवलोकन करवाते हुए बताया कि राजस्थान के राज्य, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी कलाकार अपने उत्पादों कोटा डोरिया साड़ियाँ, जाहोता काथा वर्क, सांगानेरी एवं बगरू हेंड ब्लॉक प्रिन्ट, लाख की चूड़िया, पेटिंग, फड पेटिंग आईटम्स, नमदा गलीचे, ब्ल्यू-पॉट्री, राजस्थानी ज्वुलैरी, वूडन क्राफ्ट्स, थेवा कला आभूषण, राजस्थानी मोजड़िया एवं जूतियां, कशीदाकारी, कलमकारी, डाबू प्रिंट आदि उत्पादों के साथ इसमें भाग ले रहे है।