नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार पूरे जोरों पर है. बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी ने चुनावों से पहले अपने आखिरी रैली यहां के अंबेडकर नगर में संबोधित की. मोदी ने अपने संबोधन के शुरूआत में सभा में मौजूद सभी लोगों का अभिवादन किया. इस दौरान मोदी ने बीजेपी के खिलाफ आ रहे चुनावी सर्वे पर जमकर हमला बोला. कुछ बाजारू लोग सीना तानकर चुनाव सर्वे करा रहे हैं. लोकसभा चुनावों में भी ऐसा हुआ था, लेकिन नतीजे सभी ने देखे थे. बनारस में भी ऐसे सर्वे आए थे कि मोदी बुरी तरह हारेगा. ये लोग पता नहीं कौन है जो ये सर्वे कराते हैं. भारत में राजनेताओं की कमी नहीं है. जो लोग खुद को सर्वे में 50 सीटें देते थे उन्हें चुनावों के नतीजों में केवल 28 सीटें मिली हैं. जनता बहुत समझदार है और झूठे वादे जनता को रास नहीं आते. जो लोग खुद को इमानदार बताते हैं उनका कच्चा चिट्ठा लोगों के सामने खुल गया है. ऐसे लोगों को खासतौर से दिल्ली की जनता जान चुकी है.
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनावों में मैं खुद भी प्रत्याशी था तब इतनी भीड़ नहीं आती थी, जितनी विधानसभा के चुनावों में आ रही है. मैं हैरान हूं कि जिस प्रकार का जनसैलाब मैने इस चुनाव में देखा, ये पहली बार है. इससे पता चलता है कि हवा का रुख किस ओर है. दिल्ली को नई ऊंचाईंयों पर ले जाने का अभियान हम जल्द ही शुरू कर देंगे. हमें 16 साल के गड्ढों को पांच साल में भरना है. मेरी राजनीति का एक ही रास्ता, एक ही मंजिल और एक मंत्र है और वो है विकास.गरीब से गरीब व्यक्ति के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और उनके बूढे माता पिता को दबाई के लिए पैसे कहां से लाने हैं इनके बारे में हमें सोचना होगा. जो लोग झुग्गियों में रहने वाले हैं उनके लिएर पक्के मकान होने चाहिए. अगर आपको अपनी जिंदगी में बदलाव लाना है तो मुझे आर्शीवाद दें. आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है और इसका कारण है पूर्ण बहूमत की सरकार.
हमारा विरोधियों को हर बात को लेकर चिंता हो रही है और इसका कारण है मोदी का पीएम बनना. एक गरीब मां का बेटा पीएम कैसे बना गया, ये बात उनको हजम नहीं हो रही है. अनेक नेताओं ने देशहित में जवानी में लगाई, लेकिन जनता बहुत सोचसमझ कर वोट करती है. जो लोग खुद चुनाव नहीं जीत सकते उन्होंने खुद को सीएम को तौर पर प्रोजैक्ट किया. हम जो भी कर रहे हैं विपक्षी कहते हैं कि चुनावों के लिए कर रहे हैं, लेकिन हम तो देश के हित के लिए कर रहे हैं. सरकार के हर काम को चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है. 1984 दंगों की एसआईटी जांच कराने में दिक्कत क्या है. दंगों की एसआईटी जांच चुनावी कैसे हो गई. पहले कहा जाता था कि अगर मोदी की सरकार आती है तो रिटारमेंट की उम्र 60 से घटाकर 58 कर दी जाएगी. लेकिन ये महज़ अफवाहें हैं. उत्तर पूर्व के लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया. देश की एकता में कभी भी दरार नहीं पड़नी चाहिए.
मोदी ने कहा, दिल्ली देश की घड़कन है और यहां पर देश के हर कौने का प्रतिनिधी है. अगर दिल्ली में कुछ होता है तो वह खबर पूरे देश की होती है. गैस सिलिंडर कहां जाते थे, सब्सिडियां कहां जाती थी ये सबको पता है. हमारी सरकार आने के बाद हमने सबसे पहला काम लोगों का बैंक अकाउंट खोलने का किया. इसके बाद सब्सिडी को बैंकों से जोड़ा गया. ये गर्व की बात है कि दो महीनों में दस करोड़ से अधिक सब्सिडियां बैंक अकाउंट में गईं है. हमने उन परिवारों के बैंक खाते खोले हैं, जिनके लिए खाते खुलवाना किसी सपने से कम नहीं था. मैं भी अब दिल्ली वाला हो गया हूं और अब दिल्ली को आगे बढ़ाना अब मेरी भी जिम्मेदारी है. मैं दिल्ली की रूपरेखा बदलना चाहता हूं और इसके लिए मुझे आर्शीवाद दें. 10 तारीख दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे. लोग जितना भी झूठ बोलें हमें डगमगाना नहीं है. भाजपा आपकी सेवा में मौजूद है. इन दिनों कश्मीर का मतदान भी एतिहासिक रहा है. जहां एक या दो प्रतिशत वोटिंग भी नहीं होती थी इस बार 40 से पचास प्रतिशत हुआ. दिल्ली को इससे आगे निकलना होगा. इस चुनाव के साथ ही ये भी तय हो जाएगा कि देश की राजधानी कैसी होगी. यहां के विकास के लिए बीजेपी को वोट दें.
अरविन्द सिसोदिया
(लेखक का ब्लॉग है जै जै भारत)