गीता विज्ञान उपनिषद ग्रंथ का विमोचन
दिल्ली। देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने मीडिया घरानों की दूसरे कारोबार में प्रवेश की प्रवृत्ति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति स्वतंत्र पत्रकारिता और लोकतंत्र दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है। दूसरा व्यवसाय करने वाले मीडिया घराने पर बाहरी दबाव होता है, जिसके कारण पत्रकारिता की स्वतंत्रता पीछे रह जाती है। राजस्थान पत्रिका समूह व्यावसायिक हितों के बजाय सही मायनों मे जड़ों से जुडक़र काम कर रहा है।
प्रधान न्यायाधीश रमणा ने मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित गरिमामय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक विद्यावाचस्पति गुलाब कोठारी के लिखे ग्रंंथ ‘गीता विज्ञान उपनिषद’ का विमोचन करने के बाद यह बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की। इस ग्रंथ में गुलाब कोठारी ने गीता की व्याख्या नए ढंग करते हुए शास्त्रों की गूढ़ता से परे नई पीढ़ी के समझने की भाषा में प्रस्तुत किया है।
प्रधान न्यायाधीश रमणा ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि जब हमारे चेहरे पर उदासी होती है तो गीता से एक रोशनी दिखाई देती है और चेहरे पर खुशी का आभास होता है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि निष्काम कर्म करने वाले को निश्चित तौर पर सफलता मिलती है। गीता ऐसा ग्रंथ है जो व्यक्ति के जीवन से तनाव और विचलन को दूर कर देता है। दुनिया के कई देश ऐसे हैं जो भौतिक वाद और विज्ञान के क्षेत्र में तो आगे हैं पर आध्यात्म उनके यहां नहीं है जिसके कारण वहां तनाव और अवसाद हावी है।
पुस्तक के लेखक गुलाब कोठारी ने गीता और ब्रह्म की विवेचना करते हुए कहा कि गीता संपूर्ण जीवन का सार है। कोठारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की पालना नहीं होने पर चिंता जताई और नए-नए कानून बनाने की प्रवृत्ति पर सवाल भी खड़े किए। पत्रिका समूह के कार्यकारी संपादक नीहार कोठारी ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
समारोह में सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश, केन्द्रीय मंत्री व लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में न्यायविद, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, वैदिक अध्येता व संस्कृतविज्ञ शामिल थे।