क्या गलत समय पर ली गयी शपथ से प्रभावित होंगे श्री अरविन्द केजरीवाल.???

पं0 दयानंद शास्‍त्री

समाजसेवी श्री अन्ना हजारे के आंदोलन से चर्चा में आए श्री अरविंद केजरीवाल के लिए पिछला साल 2014 मिला-जुला रहा। दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जीत तो हासिल की, लेकिन अनुभव की कमी के चलते केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद इनकी लोकप्रियता में काफी कमी आई थी।साल 2015 में हुए चुनावों में इनकी पार्टी का जनाधार भी अचानक से बढ़ा..

श्री अरविन्द केजरीवाल की जन्म कुंडली—

जन्म दिनाक–16 अगस्त1968 ,

जन्म समय–11:46 pm

जन्म स्थान–हिसार (हरियाणा)

श्री अरविन्द केजरीवाल की कुंडली बृषभ लग्न एवं बृषभ राशि की है जन्म कुंडली में वृष लग्न में चन्द्र, तीसरे भाव मे मंगल, चतुर्थभाव मे सूर्य, बुध, गुरु और शुक्र बैठे हैं जबकि केतु पंचम राहू एकादश और शनि नीच राशिगत द्वादश भाव मे बैठे हैं।वृष एक स्थिर राशि है, जिस वजह से आपके स्वभाव में स्थिरता एंव अधिकार की भावना विद्धमान है। आप स्वभाव से हठी व दृढ़ निश्चयी हैं। आप गंभीर, विचारशील एंव सामाजिक जीवन में दिखावट पर अधिक जोर देते हैं।

श्री केजरीवाल की जन्मतालिका में वर्तमान में गुरु की दशा में शुक्र की अन्तर एंव गुरु की प्रत्यन्तर दशा चल रही है। गुरु अष्टमेश एंव लाभेश होकर चतुर्थ खाने में सिंह राशि में बैठा है। शुक्र लग्नेश व षष्ठेश का कारक होकर चतुर्थ भाव में सूर्य व बुध के साथ संग्रस्त है। शुक्र एक स्त्री कारक ग्रह है। लग्न में उच्च का चन्द्र बैठा है। चन्द्र मन का संकेतक है जिस कारण केजरीवाल की मानसिक शक्ति में तर्क करने की उच्च प्रबलता परिलक्षित होती है। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति ने इन्हें उच्च अभिलाषी बनाया है, वहीं सूर्य के कारण ही इन्हें भारतीय राजस्व सेवा का अधिकारी बनाया।

हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी अनुमानों एवं भविष्यवाणियों को पीछे छोड़ते हुए केजरीवाल ने एतिहासिक जीत दर्ज की है। लेकिन ज्योतिषियों के मुताबिक केजरीवाल के शपथ ग्रहण का समय अशुभ था एवं भविष्य में इसका असर उनकी लोकप्रियता पर पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण का समय ज्योतिषियों के मुताबिक सही नही था एवं समय गुजरने के साथ साथ उनकी लोकप्रियता घटने लगी है।

अरविन्द केजरीवाल ने शपथ ग्रहण के लिए जो वक्त चुना वह वक्त भी ज्योतिषियों के लिहाज से अच्छा नहीं है। केजरीवाल ने शनिवार (14 -02 -2015 ) को दोपहर करीब 12.15 बजे शपथ ग्रहण की है और उस वक्त ज्येष्ठा नक्षत्र का चौथा चरण चल रहा था। इस नक्षत्र को ज्योतिष के हिसाब से अशुभ माना जाता है, और इस नक्षत्र में पैदा होने वाले बच्चे के लिए गण्डमूल शांति के लिए पूजा करवाई जाती है।

ज्येष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण जन्म लेने वाला बालक खुद के लिए ही कष्टकारी माना जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि केजरीवाल सत्ता में रहते खुद ही ऐसे फैसले लेंगे जो उनके लिए आगे चल कर कष्टकारी हो सकते हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी 2009 में गण्डमूल नक्षत्र के दौरान ही शपथ ली थी एवं उनका कार्यकाल का परेशानियों एवं उलझनों से भरा था तथा सरकार को कई घोटालों का सामना करना पड़ा एवं 2014 में कांग्रेस की घोर पराजय हुई थी।

वर्तमान में गुरु-बुध-शनि की विंशोत्तरी दशा उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की चिंता बता रही है। ऐसे में केजरीवाल को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। शनि अपनी नीच राशि मेष में होकर भाग्य भाव और दशम भाव का प्रतिनिधित्व कर रहा है। विषाक्त नामक कालसर्प योग है, जो जातक के जीवन को अत्यन्त रहस्यमय बना देता है। शनि जनता एंव राजनीति दोनों का संकेतक है।विषाक्त नामक काल सर्पयोग का प्रभाव होने के कारण इतने अच्छे योग होने के बाद भी ऐसे इंसान को अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है जो इन्हे आगे बढ़ने से रोक देता है..

जन्म कुंडली में दशा व गोचर अच्छा होते हुए भी इनके ऊपर का संकट टला हुआ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि गुरु में केतु की अन्तर्दशा चलेगी और केतु दूसरे भाव अर्थात मारक स्थान में स्थित है।गुरु से केतु की स्थिति देखी जाए तब भी दोनों का द्विद्वार्दश योग बनता है। जन्म के राहु-केतु पर गोचर के राहु-केतु स्थित हैं। पाप ग्रह पर पाप ग्रह का गोचर अच्छा नहीं कहा गया है। इसलिए इन्हें अपनी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।

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