नई दिल्ली में राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्राी की केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्राी से भेंट
प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत केन्द्र से
बकाया 300 करोड़ रूपये की राशि शीघ्र जारी की जाए
नई दिल्ली, 24 फरवरी, 2015।
राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्राी श्री युनूस खान ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि राजस्थान की विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य को ग्रामीण सड़कों के लिए विशेष केन्द्रीय मदद दी जावें। उन्होंने प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना ( पी.एम.जी.एस.वाई.) के अन्तर्गत इस वर्ष की केन्द्र में बकाया 300 करोड़ की राशि तुरंत जारी करवाने की मांग भी रखी।
श्री खान ने मंगलवार को नई दिल्ली के कृषि भवन में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्राी श्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह से भेंट की और उन्हें बताया कि राज्य में प्रधानमंत्राी ग्रामीण सड़क योजना के तहत् प्राप्त स्वीकृतियों के अनुसार चालू वर्ष में लगभग 2300 करोड़ रूपये की लागत के कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2014-2015 में 950 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया था और माह जनवरी, 2015 तक 618 करोड़ रूपये व्यय किये जा चुके है।
उन्होंने बताया कि राज्य में पी.एम.जी.एस.वाई. के प्रथम चरण में अभी भी 250 से 500 की आबादी वाली 1445 बसावटों को 4226.20 कि.मी. सम्पर्क सड़कों से जोड़ने का काम शेष रह गया है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 1567.33 करोड़ रूपये के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भिजवाये जा चुके है, जिनकी स्वीकृति तुरंत जारी की जाए।
श्री खान ने बताया कि प्रधानमंत्राी ग्राम योजना के मापदण्ड़ों के अनुसार राजस्थान द्वितीय चरण के लिए भी पात्राता रखता है। अतः प्रदेश को प्राथमिकता के आधार इसकी मंजूरी दी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि राज्य में इस वर्ष जनवरी के अंत तक प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना के तहत् 55 हजार 488 किलोमीटर डामर सड़कों का निर्माण करवा 12 हजार 849 बसावटों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है। निर्मित सड़कों में 13 हजार 917 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का उन्नयन भी किया गया है। इस प्रकार सड़कों के विकास पर 9814 करोड़ रूपये व्यय किए जा चुके है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्राी ने दिया आश्वासन
मुलाकात के बाद श्री खान ने बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्राी ने राजस्थान की मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी योजना से जुड़े कुछ घटकों विशेषकर सामग्री और श्रम घटकों को महानरेगा से जोड़ कर सड़कों का जाल विकसीत करने का सुझाव भी दिया है।
उन्होंने बताया कि भेंट के दौरान राजस्थान में राजमार्गो का सुनियोजित एवं चरणबद्ध रूप से विकास करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तर्ज पर ’’राज्य राजमार्ग प्राधिकरण‘‘ का गठन किए जाने के प्रस्ताव पर भी विस्तार से चर्चा हुई। राज्य विधानसभा द्वारा पारित यह विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया है। श्री खान ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के सम्बंध में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार के किसान हितेषी व्यावहारिक फैसलों के साथ है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्ष 2001 की जनसंख्या के आकार पर राजस्व गांव को इकाई मानकर सामान्य क्षेत्रा की पांच सौ और मरू एवं जनजातीय क्षेत्रों की ढाई सौ तक की आबादी वाली बसावटों को डामर सड़कों से जोड़ने का प्रावधान है। योजना की मूल भावना के अनुसार राज्य में जलदाय विभाग के 2003 के सर्वे के अनुसार कुछ और बसावटों के लिए केन्द्र से मंजूरी प्र्राप्त कर अतिरिक्त बसावटों को भी लाभांवित किया गया है। श्री खान ने सुझाव दिया कि यदि वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर योजना की क्रियांवती की जाए तो प्रदेश के कई और गांवों, मजरों (ढाणियों) और बसावटों को लाभांवित किया जाना संभव हो सकेगा।
बैठक में सार्वजनिक निर्माण के प्रमूख सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, नई दिल्ली में राज्य की प्रमूख आवासीय आयुक्त डॉ. सविता आनन्द और केन्द्र एवं राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे।