बड़ी हिम्मत करके आज मुस्कुराते हुवे राहुल ने सुहैल से पूछ ही लिया “यार ये बताओ.. आखिर तुम लोग ऐसा क्यूँ समझते हो कि मोदी दंगों के लिए ज़िम्मेदार हैं, जबकि कोर्ट में अभी तक ये साबित नहीं हो पाया है?”
सुहैल की नसों में बहता खून गर्म हो गया मगर फिर भी उसने गंभीर भाव लिए जवाब दिया “कोर्ट में भले ये साबित न हो.. मगर सबको पता है की उनकी भूमिका क्या थी दंगों में.. दंगों के समय मोदी का मौन रहना ही काफी है उनको गुनाहगार साबित करने के लिए.. दंगाईयों को उनकी मौन स्वीकृति थी”
राहुल मुस्कुराते हुवे बोला “अगर मौन रहना किसी को दोषी बनाता है तो तुम, तुम्हारी कौम, तुम्हारे धर्मगुरु क्या दोषी नहीं होते हैं जब वो मौन रहते हैं और पाकिस्तान से हिन्दुवों का धीरे धीरे सफाया हो जाता है? जब बांग्लादेश में अल्संख्यकों पर अत्याचार होता है और तुम मौन रहते हो.. जब निर्दोषों के गले कटते हैं ईराक और सीरिया में और आप मौन रहते हो? जब कश्मीरी पंडित अपने वतन से खदेड़ दिए जाते हैं और दर दर की ठोकरे खाते हैं और आप मौन रहते हो? अब हम तुम लोगों को दोषी क्यूँ न माने तुम्हारी मौन स्वीकृति के लिए? और हम गोधरा के लिए किसको ज़िम्मेदार ठहराएं?”
सुहैल चुपचाप देखता रहता है.. और राहुल आगे बोलता है “ये मेरे ऊपर बीती है.. मेरे परिवार ने दर दर की ठोकरें खायी हैं.. हम कश्मीर से कैसे भागे थे ये हम ही जानते हैं.. हमारे सामने हमारे अपनों को मौत के घात उतारा गया मगर उसके बाद भी मेरे दिल में तुम्हारे समाज के लिए नफरत नहीं आई.. हमारे ही कौम के लोग मोदी के खिलाफ कानूनी लडाई लड़ रहे हैं ताकि दंगों पर न्याय हो.. तुम्हारी कौम का कौन हमारे हक के लिए लड़ा आज तक? कितने मुसलमानों ने पाकिस्तानी/कश्मीरी हिन्दुवों के हक में आवाज़ उठाई या मानवाधिकार आयोग का दरवाज़ा खटखटाया?”
राहुल चुप हो जाता है.. सुहैल ध्यान से दीवार पर लगी मोदी की फोटो देखता है.. आज उसने पहली बार मोदी की दाढ़ी को ठीक से देखा.. मोदी का चेहरा उसे शांत और किसी धर्म गुरु जैसा दिखा.. नसों में अब उसका खून ठंडा पड़ गया है.. गोधरा की ट्रेन में जले लोगों के मांस की दुर्गन्ध उसने नथुनों में महसूस हो रही थी.. अन्दर से जैसे कुछ टूट सा गया क्यूंकि राहुल की बात दिल पर लग गयी उसे.. वो घर की तरफ चल देता है ये सोचते हुवे कि “राहुल सच तो कहता है.. हम एक आदमी के पीछे पड़ के अपनी सारी उर्जा बर्बाद कर रहे हैं जबकि हजारों मुस्लमान मुसलमानों के हाथों ही मारे जा रहे हैं.. हमे सच में जिनके पीछे पड़ना चाहिए था उनके लिए तो हम आज तक मौन ही रहे”
घर पहुंचकर सुहैल टीवी के सामने पसर जाता है.. उसने ये सोच लिया की बस.. आज के बाद अपनी सोच बदलेगा वो.. और तभी सामने न्यूज़ चैनल पर खबर दिखाई देती है “डी जी वंजारा आज रिहा हो गए.. और वो मीडिया के सामने बोल रहे हैं कि हमारे जैसों के अच्छे दिन आ गए”..
सुहैल की मुठ्ठियाँ फिर भिंच गयी.. आँखों में खून उतर आया.. नसों में जो खून ठंडा पड़ चूका था फिर से गर्म हो गया.. अब उसे वंजारा की दाढ़ी मोदी जैसी दिखने लगी।
तबिश सिद्दिकी