नई दिल्ली, 04 मार्च, 2014। अलवर के सांसद महंत चांदनाथ योगी ने लोकसभा में अलवर को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि अलवर (राजस्थान) संसदीय क्षेत्रा राष्ट्रीय राजधानी परियोजना क्षेत्रा (एन.सी.आर) में शामिल होने के कारण भी हमेशा से उपेक्षित रहा है। अलवर में पिछले समय में (एन.सी.आर) प्लानिंग बोर्ड द्वारा कोई विशेष कार्य नहीं करवाये गये है। जिससे अलवर का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। अलवर जिला राजस्थान का सिहंद्वार कहलाता है। जो दिल्ली-जयपुर के मध्य में स्थित है। यहां पर पर्यटन की अपर संम्भावनाएं है। यहाँ सरिस्का टाईगर रिजर्व, अरावली की हरित श्रृखंला, बाला किला, महाराज भतृहरि की तपोस्थली, स्वामी विवेकानन्द प्रवास स्थल, जयसंमन्द झील, मानसरोवर झील, डढीकर फोटे के पास श्यामसा स्थल है। जहां पर पुरातात्विक महत्व को रॉक पेंटिग काफी अच्छी अवस्था में मौजूद है व राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय भी है।
अलवर सिटी सरकार द्वारा बनाई गई गाईड लाईन में पुरी तरह से खरा उतरता है उन्होंने अलवर को पब्लिक पाईवेट पार्टनरशिप के अन्तर्गत अलवर को स्मार्ट सिटी घोषित किया जाए। अतः इन सभी परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए यदि शहरी विकास मंत्रालय अलवर को एक स्मार्ट सिटी के रूप में शामिल करता है तो निश्चित ही अलवर जिले का विकास होगा एवं अलवर जिले में पर्यटन को बढ़ावा भी मिल सकेगा और इसके साथ राजस्थान प्रदेश का विकास भी संभव हो सकेगा।