गुरु और चेला की एक सी गत ……!!!
मनमोहन सिंह की स्थिति भी अपने राजनीतिक गुरु नरसिंह राव जैसी हो गई है। प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद नरसिंह राव को झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसदों की खरीद समेत तीन मामले में अदालत में आरोपी बनाया गया था। अब मनमोहन सिंह को भी अदालत ने आठ अप्रैल को आरोपी के रूप में तलब किया है। संयोग है कि यही दोनों ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें पद से हटने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में अदालती कार्रवाई का सामना करना पड़ा हो।
दरअसल अर्थशास्त्री रहे मनमोहन सिंह को नरसिंह राव ने राजनीति में लाकर सीधे वित्तमंत्री बना दिया था। अब भ्रष्टाचार के मामले में दोनों में समानता देखी जा रही है। राव पर जेएमएम सांसदों की खरीद और हवाला कांड के आरोपी हर्षद मेहता से पैसे लेने के आरोप लगे थे। लेकिन सीबीआइ प्रधानमंत्री रहते हुए उन पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी। प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद उनसे सीबीआइ की पूछताछ भी हुई और उनके खिलाफ अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल हुए। बाद में अदालत से सभी मामले में बेदाग बरी हो गए।
राव की तरह उनके राजनीतिक शिष्य मनमोहन सिंह भी कोयला घोटाले के आरोपों में घिर गए। प्रधानमंत्री रहते हुए सीबीआइ को जाँच करने से रोका गया लेकिन अदालत के आदेश पर उन्हें जांच अधिकारियों के सवालों का सामना करना पड़ा। अब अदालत ने आरोपी बनाकर साफ कर दिया है कि उन्हें कानून के सामने अपनी सफाई पेश करनी होगी। देखना यह है कि वे अपने गुरु की तरह इन आरोपों से बच निकलते है या नहीं।
पवन अवस्थी