हम केवल संविधान के प्रति उत्तरदाई हैं किसी राजनीतिक दल की विचारधारा के प्रति नहीं : सीजेआई

नई दिल्ली । भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि राजनीतिक दलों को यह भ्रान्ति रहती है कि देश की न्यायपालिका उनके क्रियाकलापों, गतिविधियों और सोच या विचारधारा का समर्थन करेगी। मुख्य न्यायाधीश ने राजनीतिक दलों की इस प्रकार की सोच से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि हम संविधान के प्रति जवाबदेह हैं। सीजेआई ने कहा कि न्यायपालिका एक स्वतंत्र अंग है जिसकी जवाबदेही सिर्फ संविधान के प्रति है, न कि किसी राजनीतिक दल या विचारधारा के प्रति।
संयुक्त राज्य अमेरिका में कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडो-अमेरिकन की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश ने यह बातें कही। हमारा गणतंत्र 72 वर्ष का हो गया है लेकिन मुझे कुछ अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि हमने अभी भी प्रत्येक संस्थान को संविधान द्वारा सौंपी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की पूरी तरह से सराहना करना नहीं सीखा है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में मौजूद पार्टी सोचती है कि हर सरकारी काम को न्यायिक समर्थन मिलना चाहिए। विपक्षी दल न्यायपालिका से अपने राजनीतिक पदों और कारणों को आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।

सीजेआई ने कहा कि इस तरह की विचार प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र की समझ की कमी से पैदा होती है। यह आम जनता में फैलाई गई अज्ञानता है जो ऐसी ताकतों की मदद करने के लिए सामने आ रही हैं जिनका लक्ष्य एकमात्र स्वतंत्र अंग न्यायपालिका को खत्म करना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि न्यायपालिका अकेले संविधान के प्रति जवाबदेह है। हमें भारत में संवैधानिक संस्कृति को आगे ले जाने की जरूरत है।
अमेरिका का उदाहरण देते हुए एनवी रमना कहा कि यह अमेरिकी समाज की सहिष्णुता और समावेशी प्रकृति है कि वह विश्वभर की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने में सक्षम है। जो बदले में इसके विकास में योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न बैकग्राउंड से योग्य प्रतिभाओं का सम्मान करना भी आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “यदि आप घर में अपने माता-पिता की शांति और भलाई का ख्याल नहीं रख सकते हैं तो यहां आपके धन और स्थिति का क्या उपयोग है। एक राष्ट्र जो सभी का खुले हाथों से स्वागत करता है और सभी संस्कृतियों को अपनाता है, वही समृद्ध होता है।”

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