केन्द्रीय दल प्रदेश में फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेगा
नई दिल्ली, 17 मार्च, 2015। राजस्थान में बेमौसम वर्षा एवं ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए शीघ्र ही एक केन्द्रीय दल प्रदेश का दौरा कर केन्द्र सरकार को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट देगा।
सीकर के सांसद श्री सुमेधानन्द सरस्वती ने बताया कि केन्द्रीय कृषि मंत्राी श्री राधा मोहन सिंह ने संसद भवन में मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया है।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कृषि मंत्राी ने आश्वस्त किया है कि उत्तर भारत में बेमौसम वर्षा एवं भारी ओलावृष्टि से प्रभावित राज्यों में फसलों को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए केन्द्रीय दल भेजने पर केन्द्र सरकार द्वारा गम्भीरता से विचार किया जा रहा है।
केन्द्रीय बजट में सबका साथ, सबका विकास का भाव परिलक्षित होता है
नई दिल्ली, 17 मार्च, 2015। जयपुर के सांसद श्री रामचरण बोहरा ने कहा कि केन्द्रीय बजट प्रत्येक देशवासी का अपना बजट है। श्री बोहरा ने कहा कि जब विश्व की अर्थव्यवस्था संक्रमण काल से गुजर रही है, निश्चित रूप से यह बजट विभिन्न वित्त विशेषज्ञों की नजर में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी बना है। संसदीय इतिहास में पहली बार संधीय ढांचे को बढ़ावा मिला है, जिससे राष्ट्रीय विकास के कार्याे में राज्यों का आर्थिक सहयोग बढ़ाकर सहभागी बनाया है।
केन्द्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए श्री बोहरा ने कहा कि युवाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। ’मेक इन इंडिया‘, स्कील इंडिया के तहत युवाओं को रोजगार प्रदान करवाना, ’दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना‘ से ग्रामीण युवाओं का कौशल विकास होगा। नये आई.आई.टी. मैंनेजमेंट कॉलेज एवं संस्थान खोले जाना इसी का प्रमाण है। प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी ने विधालक्ष्मी कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रावृति एवं कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इस हेतु प्रत्येक 5 कि.मी. पर सीनियर सैकेण्डरी स्कूल बनाना एक बहुत बड़ा कदम है। इस बजट से 7.9 प्रतिशत हिस्सा युवाओं के हितार्थ समर्पित है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में महिलाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है। ‘निर्भया फंड’ के लिए अतिरिक्त एक हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। ‘बेटी बचाओ अभियान’ का बढ़ावा देने के लिए सुकन्या समृद्धि खाता योजना की शुरूआत की गई जिसमें बालिका के जन्म से 10 वर्ष तक की आयु तक खाता खोला जा सकता है। ऐसे खाते में एक वित वर्ष में न्यूनतम एक हजार रूपये और अधिकतम 1.50 लाख रूपये की राशि जमा की जा सकती है। इस राशि पर 9.1 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ आयकर से भी छूट प्राप्त होगी और इस बजट का 3.9 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं के लिए समर्पित है।
श्री बोहरा ने कहा कि इस बजट में किसानों का विशेष ध्यान रखा है। प्रत्येक किसान को ‘मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कार्ड ’प्रदान किया जायेगा। कृषि को परम्परागत तरीके से बढ़ावा दिया जायेगा। ‘प्रधानमंत्राी सिंचाई योजना’ के अंतर्गत लघु सिंचाई, वाटरशेड डवलपमेंट और सोलर वाटर पम्प का प्रावधान है। किसानों की भलाई के लिए 8.5 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जो किसानों का सस्ते ऋण पर दिया जायेगा। यह पिछले बजट से 17 गुणा अधिक है।
श्री बोहरा ने चर्चा के दौरान कहा कि ‘प्रधानमंत्राी बीमा सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत मात्रा 12/-रूपये प्रीमियम पर 2 लाख रूपये का दुर्घटना बीमा का प्रावधान है। ‘जीवन ज्योति बीमा योजना’ में 330/- रूपये के सालाना प्रीमियम पर स्वाभाविक एवं दुर्घटना मृत्यु पर 2 लाख रूपये का रिस्क कवर होगा। ‘अटल पेंशन योजना’ में 1000/- रूपये स्वंय द्वारा जमा करने का 1000/- रूपये सरकार द्वारा जमा करवाया जायेगा। आधारभूत एवं ढांचागत विकास के लिए प्रत्येक गांव का विघुतीकरण होगा।
आम आदमी के उपयोग में आने वाले केरोसीन व किसानों को मिलने वाले खाद पर सब्सिड़ी में बढ़ोतरी की गई है और वर्ष 2022 तक गांवों और शहरों में 6 करोड़ आवास व शौचालयों का निर्माण एवं हर घर में निर्वाध बिजली आपूर्ति का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि बजट में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विन्डों स्कीम लागू करने की व्यवस्था की गई है। साथ ही वेल्थ टैक्स को समाप्त किया जायेगा। इन सभी बातों के अलावा, इस बजट में सांस्कृतिक ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं धार्मिक स्थानों के संरक्षण एवं संवर्द्धन को बढ़ावा दिया जायेगा। देश की विरासितों के विश्व मानचित्रा पर स्थापित करने का लक्ष्य है साथ ही साथ गंगे योजना से गंगा स्वच्छ कर धार्मिक आस्था को बढ़ावा देने का भी लक्ष्य है।
श्री बोहरा ने कहा कि यह बजट देश का आर्थिक विकास औद्योगिक विकास, सामाजिक विकास और सबका साथ, सबके विकास का बजट है। निसंदेह यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
अलवर जिले में रेल सेवाओं के विस्तार के लिए केन्द्र सरकार करे कारगर उपाय
नई दिल्ली, 17 मार्च, 2015।
अलवर के सांसद श्री महंत चांद नाथ योगी ने केन्द्रीय रेल मंत्राी श्री सुरेश प्रभु से भेंट कर अपने क्षेत्रा में रेल सेवाओं के विस्तार की मांग रखी है। और साथ ही रेल गाड़ियों के ठहराव के साथ रेलवे स्टेशनों पर सुविधाओं के विस्तार की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मसूरी एक्सप्रेस (दिल्ली-देहरादून-दिल्ली गाड़ी संख्या 14041/14042) करीब 14 घंटे दिल्ली में खड़ी रहती है, इसका दिल्ली से जयपुर का विस्तार किया जावे एवं लोकसभा क्षेत्रा के अन्तर्गत खैरथल अलवर राजगढ़ स्टेशनों पर ठहराव निर्धारित किया जावें। दिल्ली से जयपुर के बीच में पैसेन्जर गाड़ी लवाई जावें या पैसेन्टर गाड़ी संख्या (54011/54012) का दिल्ली-रेवाड़ी के स्थान पर दिल्ली से जयपुर स्तिार किया जावें। क्योंकि करीब 9 घंटे 30 मिनट तक यह गाड़ी रेवाड़ी में खड़ी रहती है।
दिल्ली-उदयपुर के बीच रेवाड़ी वाया अलवर-बांदीकुई-दौसा-जयपुर तक कोई सीधी ट्रेन नहीं है। उदयपुर से जयपुर के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या (12991/12992) का जयपुर से दौसा-बांदीकुई-अलवर-रेवाड़ी-दिल्ली तक विस्तार किया जावें।
श्री योगी ने कहा कि राजस्थानी एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12957/12958) अलवर जक्ंशन पर पर्यटक व व्यापारिक दृष्टि से ठहराव और यात्राी आरक्षण 20 सीट का सुनिश्चित किया जावें। अलवर से जयपुर थर्ड एसी किराया 535 रू. और अलवर से अजमेर थर्ड एसी का किराया 535रू. है, जो कि बराबर है, इस विसंगति को दूर किया जावे। अलवर जक्ंशन से कोटा शैक्षणिक नगरी के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। प्रतिदिन कोई भी ट्रेन संचालित की जावे। अलवर-दिल्ली व दिल्ली-अलवर डी.एम.यू चलाई जावे क्योंकि अलवर राष्ट्रीय राजधानी परियोजना में शामिल है, हजारों लोग दिल्ली सर्विस के लिए अलवर से आते-जाते है। खैरथल स्टेशन पर (गाड़ी संख्या 15715/15716) किशनगंज-अजमेर-किशनगंज व (गाड़ी संख्या 12269/12270) परेबन्दर-मुज्जफरपुर-पोरबन्दर व (गाड़ी संख्या 19407/19408) अहमदाबाद-वाराणसी का ठहराव निश्चित किया जावे। मासिक पास 150 कि.मी. की सीमा से बढ़ाकर 200 कि.मी. की सीमा निर्धारित की जावें।
अलवर जंक्शन पर निम्नलिखित ट्रेन-आश्रम में 20 सीट, डबल डेकर में 20 सीट, बरेली में 20 सीट, शताब्दी में 15 सीट व पूजा में जम्मू का 20 सीटों का यात्राी आरक्षण सुनिश्चित किया जावें।
श्री योगी ने केन्द्रीय मंत्राी से मांग की कि स्टेशन सलाहकार समितियों की बैठके करीब 2 वर्ष के उपरान्त भी नहीं की गई है इस वजह से समय-समय पर सलाहकार समितियों के द्वारा दिये गये सुझावों पर कोई अग्रिम कार्यवाही नहीं की जा रही है। अतः सलाहकार समितियों की बैठकों को प्रत्येक छः माह के स्थान पर तीन माह में आयोजित करना सुनिश्चित किया जावें। जिससे समय-समय पर रेलवे के कार्यों की समीक्षा हो सकें।