सत्य सनातन संस्कृति सेवा समिति के तत्वावधान में ग्रेटर नोएडा में मनाया गया रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस : ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों के नाम बदलने की उठी मांग

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ग्रेनो। ( विशेष संवाददाता ) आज यहां वेद मंदिर आर्य समाज डेल्टा -1में रानी लक्ष्मीबाई के 163 वें बलिदान दिवस पर सत्य सनातन संस्कृति सेवा समिति के तत्वावधान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश चंद भाटी मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आर्य समाज के प्रणेता महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज सभी क्रांतिकारियों के प्रेरणा स्रोत रहे। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद जी की प्रेरणा से ही ही धन सिंह कोतवाल और रानी लक्ष्मीबाई जैसे क्रांतिकारी उस समय तैयार हुए जिन्होंने भारत की आजादी के लिए महान कार्य किया। श्री भाटी ने कहा कि आज भी हमें अपने क्रांतिकारियों के सपनों का भारत बनाने के लिए उनके महान व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आर्य समाज और आरएसएस जैसी महान संस्थाओं के अनुरूप ही बड़ा कार्य करने की आवश्यकता है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए धन सिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ के चेयरमैन तस्वीर चपराना ने इस अवसर पर कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई जी का व्यक्तित्व न केवल स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर देखा जाता है बल्कि विषम परिस्थितियों में महिला होते हुए भी अपने राज्य, देश , स्वतंत्रता व क्रंति का नेतृत्व करके महिला सशक्तीकरण का आदर्श उदहारण प्रस्तत करने वाली एक महान देशभक्त के रूप में भी देखा जाता है। श्री चपराना ने रानी झाँसी के जीवन काल के सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं का विस्तृत विवरण सांझा किया और बताया कि 10 मई की मेरठ क्रांति में मेरठ में 18 हज़ार की संख्या में क्रन्तिकारीयों का इकट्ठा होने महज़ सहयोग नही था बल्कि महऋषि दयानंद की जगाई क्रांति की लौ और सभी क्रांतिकारियों के सामूहिक समर्पण का परिणाम था। जिसके बहुत से छुपे हुए पहलू सामने आने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि आज इतिहास को नए शोध पूर्ण और समीक्षात्मक ढंग से लिखने की आवश्यकता है।
ज्ञात रहे कि इस कार्यक्रम का आयोजन सत्य सनातन संस्कृति सेवा समिति के तत्वावधान में किया गया। समिति के संरक्षक के रूप में उपस्थित रहे श्री देवेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति को जब हम देखतें है तो केन्द्रबिन्दु में हमेशा महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती को पाते हैं। न जाने कितने योद्धाओं को उन्होंने तैयार किया और न जाने कितने सेनानी इनके लिखे सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर अपने जीवन को सुधारकर अपने आपको देश के लिए समर्पित कर गए ।
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रहे प्रोफेसर राकेश राणा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में विषम परिस्थितियों में स्वतंत्रता सैनानियों ने अद्धभुत व अकल्पनीय रणनीतिक कौशल का परिचय दिया था , महृषि दयानंद सरस्वती ने कमल व रोटी के सांकेतिक चिन्हों के द्वारा स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी को राजस्थान के माउंट आबू से हरिद्वार तक पूरे उत्तर भारत में फैलाया, हमारे इतिहासकारों को आजादी के योद्धाओं के ऊपर अभी बहुत शोध करने की आवश्यकता है, ताकि सही इतिहास देश के सामने आ सके।


कार्यक्रम के आयोजक और समिति के संस्थापक संयोजक डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई जी के 163 वें बलिदान दिवस के साथ-साथ जून के महीने में हमारे अन्य कई महानायकों का रोमांचकारी इतिहास, बलिदान या उनसे जुड़ी कोई ऐतिहासिक घटना या उनका जन्मदिन जुड़ा हुआ है।
राजा भोज, राजा सुहेलदेव, वीर बन्दा बैरागी, महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती, रामप्रसाद बिस्मिल ओर राजेश पायलट ने अपने अपने जीवन को स्वत्रंत्रता आंदोलन व देश की जनता के लिए समर्पित कर दिया। इन सब की यादें और इनसे जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं इस जून के महीने से जुड़ी हुई है। इसलिए हम आज इन सब क्रांतिकारियों और इतिहासनायकों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। डॉक्टर आर्य ने कहा कि सरकार को ग्रेटर नोएडा के सभी गोल चक्करों के नाम ऐसे ही क्रांतिनायकों के नाम पर रखने चाहिए। सभी उपस्थित जनों ने डॉक्टर आर्य के इस प्रस्ताव का हाथ उठाकर समर्थन किया कि यहां के सेक्टरों के नाम भी हमारे बलिदानी इतिहासनायकों के नाम पर होने चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आर्य समाज के महान स्तंभ देव मुनि जी महाराज ने कहा कि क्रांतिकारी इतिहास नायकों के कारण ही आज हम स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि आज परिस्थितियां बड़ी विकट हैं, जिनमें हमें अपने क्रांतिकारियों के सपनों के भारत के निर्माण के प्रति संकल्पित होना चाहिए। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रहे शिक्षा प्रसार समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र भाटी ने कहा कि शिक्षा संस्कार से ही राष्ट्र महान बनता है । इसलिए क्रांतिकारियों के निर्माण के लिए शिक्षा और संस्कार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सत्य सनातन संस्कृति सेवा समिति अंसल सोसाइटी के प्रवक्ता राजेंद्र शर्मा ने रानी लक्ष्मीबाई पर अपनी ओजस्वी कविता प्रस्तुत की। जबकि समिति के महासचिव राजेश बैरागी ने भी कविता के माध्यम से रानी लक्ष्मीबाई को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी प्रकार अध्यक्ष महावीर सिंह आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि रानी लक्ष्मीबाई और महाराणा प्रताप जैसे महान नायकों के कारण मिली आजादी को हमें संभाल कर रखने के लिए अपनी संस्कृति की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
इस अवसर पर परमानंद कुशवाहा, संदीप गर्ग, सोनू भाटी, समिति के डेल्टा वन वेद मंदिर के कोषाध्यक्ष चरण सिंह आर्य, वेद मंदिर के संस्थापक और कार्यक्रम के आयोजक विपिन आर्य, कार्यक्रम समिति के महासचिव महेंद्र सिंह आर्य, श्रीमती शकुंतला आर्य, श्रीमती ऋचा आर्य, श्रीमती पूनम राजावत , रविंद्र आर्य, देवेंद्र सिंह आर्य, राकेश कुमार यादव, श्याम लाल शर्मा, रवि बख्शी, वीरेंद्र सिंह, स्नातक सोनू आर्य, धर्मेंद्र आर्य, प्रीतम सिंह आर्य, युवा आर्य नेता सत्येंद्र आर्य, शिव कुमार आर्य, चमन शास्त्री, कमल सिंह आर्य, विजेंद्र सिंह आर्य, धर्मवीर सिंह आर्य, रामजस आर्य, रामकुमार नागर, रामकुमार वर्मा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम से पूर्व आचार्य दुष्यंत के ब्रह्मत्व में शानदार यज्ञ का कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिस पर आचार्य श्री ने राष्ट्र ,धर्म और संस्कृति पर अपना ओजस्वी वक्तव्य प्रस्तुत किया।

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