उगता भारत ब्यूरो
राष्ट्रपति चुनाव के शेड्यूल का ऐलान हो चुका है। देश के नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होगी और 21 जुलाई को परिणाम घोषित किए जाएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यका 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव किस तरह होता है और इसकी योग्यता क्या होती है, यह बात सबको पता नहीं होती है। कुछ जरूरी योग्यताएं हों तो कोई भी आम नागरिक राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि वे कौन सी जरूरी बातें हैं जिनके होने पर कोई भी शख्स राष्ट्रपति बनने का दावा कर सकता है।
क्या होनी चाहिए योग्यता?
संविधान के अनुच्छेद 58 में देश के सर्वोच्च पद के लिए योग्यता बताई गई है। इसके लिए पहली शर्त यह है कि व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। दूसरी शर्त है कि उसकी उम्र 35 वर्ष की पूरी होनी चाहिए। व्यक्ति लोकसभा का सदस्य निर्वाचित किए जाने के योग्य होना चाहिए। चौथी शर्त है कि वह किसी भी लाभ के पद पर न हो। यद वह व्यक्ति राज्य के मंत्रिपरिषद का सदस्य या राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति है तो उसे लाभ के पद पर नहीं माना जाएगा।
बैलट पेपर पर होता है मतदान
देश में आज बड़े-बड़े चुनाव ईवीएम से होने लगे हैं लेकिन राष्ट्रपति का चुनाव आज भी बैलट पेपर से होता है। यह मतदान गुप्त होता है। इसके नियमों में यह भी है कि कोई भी राजनीतिक दल अपने सांसदों और विधायकों को किसी खास प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने की विप नहीं जारी कर सकते हैं। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संविधान के अनुच्छेद 54-59 में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक कराए जाते हैं।
क्या होते हैं देश के प्रथम नागरिक के अधिकार
राष्ट्रपति का पद देश में सबसे ऊंचा होता है और वह देश का संवैधानिक प्रमुख होता है। कई ऐसी शक्तियां हैं जो कि केवल देश के राष्ट्रपति के पास होती हैं। कोई भी कानून बिना राष्ट्रपति की मंजूरी के नहीं बन सकता है। राष्ट्रपति किसी की मौत की सजा को भी माफ कर सकता है। आपातकाल लागू करने की भी शक्ति केवल राष्ट्रपति के पास ही होती है।
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