मुखपत्र में आगे कहा कि मुस्लिम, ईसाइयों की आबादी और परिवार नियोजन एक समस्या बना हुई है।’ पार्टी ने कहा कि यदि ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी सच में ही समुदाय के बारे में चिंतित हैं तो उन्हें परिवार नियोजन के आह्वान का समर्थन करना चाहिए और मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने की प्रथा का समूल विनाश के लिये कटिबद्ध हो जाना चाहिये।
संपादकीय में आगे कहा गया है, ‘परिवार नियोजन सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अपने परिवार की उचित देखभाल सुनिश्चित कर सकेगा और बच्चों को स्तरीय शिक्षा उपलब्ध करा सकेगा।’ शिवसेना ने कहा, ‘जब हम कहते हैं कि मुसलमानों की नसबंदी होनी चाहिए, तब हमारा इरादा यह होता है कि उन्हें खुशहाल जीवन बिताना चाहिए।’
पार्टी ने पूर्व में मुसलमानों का मताधिकार खत्म करने की मांग उठाकर विवाद खड़ा कर दिया था जिससे पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया था। शिवसेना ने कहा था कि समुदाय को अक्सर वोट बैंक के रूप में प्रयोग होता है, इसलिए उनका मताधिकार खत्म कर दिया जाना चाहिए। इस पर शिवसेना को विभिन्न राजनीतिक दलों की कड़ी प्रतिक्रियाओं का समाना करना पड़ा था।