आर्य समाज के प्रचार प्रसार का लिया गया संकल्प : गांव सिरौरा में हुआ विशाल आर्य सम्मेलन

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गाजियाबाद। ( विशेष संवाददाता ) विगत 30 मई को यहां स्थित गांव सिरोरा में वरिष्ठ समाजसेवी और आर्य समाज नया गंज गाजियाबाद के मंत्री श्री तेजपाल सिंह आर्य के निवास पर विशाल आर्य महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने वर्तमान समय में ‘ आर्य समाज का प्रचार प्रसार और उसकी उपयोगिता’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अंतर्राष्ट्रीय आर्य विद्यापीठ के महामंत्री और प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने आर्य समाज के अतीत वर्तमान और भविष्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आर्य समाज की एक शानदार परंपरा रही है। जिसने इसके इतिहास को बहुत ही गौरवपूर्ण बनाया है । उन्होंने कहा कि भारत में आर्यों के गौरवशाली इतिहास का बोध कराने वाली पवित्र संस्था आर्य समाज ही है।
डॉक्टर आर्य ने कहा कि मोहम्मद साहब रहे या फिर मोहम्मद बिन कासिम, गजनी, गौरी, बाबर ,अहमद शाह अब्दाली या नादिरशाह रहे हों, सभी के पूर्वज हिंदू थे । इसी प्रकार हिंदुस्तान का बंटवारा करने वाले मोहम्मद अली जिन्नाह के दादा और जम्मू-कश्मीर के शेख अब्दुल्ला के पूर्वज भी हिंदू थे। इसलिए हमें समझ लेना चाहिए कि अपने लोग दूसरे खेमे में जाकर किस प्रकार आर्य वैदिक संस्कृति का विनाश करने की योजना बनाते हैं।
डॉक्टर आर्य ने कहा कि इतिहास से सबक लेकर हमें वर्तमान को सुरक्षित रखने का प्रबंध करना है। धर्मांतरण की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि आर्य समाज का घर-घर प्रचार प्रसार करने के लिए व्यापक और विस्तृत योजना बनाई जानी चाहिए। जिससे देश ,धर्म व संस्कृति की रक्षा हो सके। डॉक्टर आर्य ने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि हम आर्य समाज की संस्था को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर विस्तृत कार्य योजना पर काम करना आरंभ करें।
इस अवसर पर सार्वजनिक आर्य प्रतिनिधि सभा के कोषाध्यक्ष और वरिष्ठ आर्य समाजी नेता माया प्रकाश त्यागी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आर्य समाज की पवित्र विचारधारा ही देश को उन्नत और समृद्ध बना सकती है। क्योंकि आर्य समाज ही वास्तव में मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाकर सबका साथ सबका विकास करने की पवित्र भावना में विश्वास विश्वास रखने वाली संस्था है। इसी प्रकार आचार्य दिवाकर ने कहा कि भारतीय शिक्षा का वैदिकीकरण करके हम आर्य समाज की कार्य योजना को घर-घर तक पहुंचा सकते हैं। जब तक शिक्षा संस्कार आधारित नहीं होगी, तब तक हम देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाने में सफल नहीं हो सकते।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध समाजसेवी और राजेश पायलट डिग्री कॉलेज के प्रबंधक श्री विजयपाल सिंह कसाना ने कहा कि वह आर्य समाज की विचारधारा को घर घर पहुंचाने के लिए कृत संकल्प हैं। इसलिए आगामी अक्टूबर माह में विशाल यज्ञ का आयोजन कर इसके प्रचार-प्रसार की कार्य योजना को क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में अनेकों आर्य समाजी लोगों ने महर्षि की पताका को लेकर आगे बढ़ने का काम किया है। जिसे किसी भी स्थिति में झुकने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्री तेजपाल सिंह आर्य के नेतृत्व में अब इस मुहिम को और तेज किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज आर्य प्रतिनिधि सभा गाजियाबाद के प्रधान और प्रसिद्ध आर्य नेता मास्टर ज्ञानेंद्र सिंह आर्य ने किया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज महर्षि दयानंद के सपनों का भारत बनाने के लिए कृत संकल्प है। महर्षि दयानंद ने एक क्रांतिकारी और विश्व गुरु भारत का सपना संजोया था, जिसे आर्य समाज ही पूरा कर सकता है। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम के आयोजक श्री तेजपाल सिंह आर्य ने बताया कि इस आर्य महासम्मेलन में 36 आर्य समाज और गांवों के चुनिंदा प्रतिनिधियों ने अपनी गौरवपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई। जिन्होंने महर्षि दयानंद की विचारधारा को प्रचार प्रसार में लाकर नये भारत का संकल्प लिया । सभी प्रतिनिधियों ने देश में समान नागरिक संहिता और एक समान शिक्षा लागू करने हेतु सरकार से वैदिक शिक्षा परिषद के गठन की मांग भी की।
सभा में बाबू टेक राम सिंह आर्य, बलबीर सिंह आर्य,। यादराम आर्य आदि गंभीर विचार को और विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध आर्य समाजी नेता सरपंच रामेश्वर सिंह ने की। जिन्होंने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि वेद सृष्टि का सबसे पहला संविधान है। वेद के प्रावधानों के आगे संसार का कोई भी संविधान नहीं टिकता । इसलिए हमको संसार में शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए वेदरूपी संविधान की शरण में जाना ही होगा।

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