यासीन मलिक : इब्तदा ए इश्क है रोता है क्या ?
आज यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण हो गया है कि रेहडी लगाने वाला यासीन मलिक 150 करोड़ की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया ? इसका उत्तर केवल एक है कि उसने इतनी ऊंचाई इस्लाम के फंडामेंटलिज्म के आधार पर काम करते हुए पाई। कभी जिस काम को बादशाह के रूप में इस देश में औरंगजेब किया करता था अर्थात हिंदुओं का नरसंहार ,उसे ही यासीन मलिक ने अपनाया। सोच भी वही है, उद्देश भी वही है और मानसिकता भी वही है।
कांग्रेस की सरकार और अन्य सरकार जिसको हवाई जहाज का टिकट मुफ्त देती थीं, दिल्ली बुला करके दावत देती थीं,
पाकिस्तान के साथ मिलकर के जो टेरर फंडिंग करता था,
हिंदुस्तान के हिंदुओं पर और कश्मीर के पंडितों पर जो अत्याचार करता था और कश्मीर छोड़कर भागने पर हिंदुओं को विवश करता था, आज वही आस्तीन का सांप यासीन मलिक जेलों की सलाखों के पीछे अपनी जिंदगी के अंतिम सांस तक के लिए पहुंच गया है।
इसके बारे में हमको ज्ञात होना चाहिए कि यह कभी श्री मनमोहन सिंह तत्कालीन प्रधानमंत्री के साथ हाथ मिला कर के दिल्ली में प्रधानमंत्री के कार्यालय का सरकारी मेहमान बना था, रुबिया सईद के अपरहण में इसका सीधा सीधा हाथ था,
जस्टिस गंजू को इसने मारने की स्वयं स्वीकारोक्ति की थी ।
इसने इस्क्वाडृन लीडर रवि खन्ना और अन्य चार वायुसेना के अधिकारियों की हत्या की थी ।जिसकी विधवा पत्नी श्रीमती निर्मल खन्ना पिछले 32 वर्ष से देश में न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाती रही।
आज उसको अधिक खुशी हुई है ऐसे ही भारतवर्ष के करोड़ों लोगों को संतोष मिला है। इस आतंकवादी ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जाकर वहां के छात्रों को भाषण देकर के देश के विरुद्ध उकसाया। कश्मीर फाइल्स की जो मूवी आई है उसमें जो सच है वह केवल पांच परसेंट दिखाया गया है। 95 परसेंट अत्याचार दिखाया ही नहीं गया है। जिस 5% ने ही भारतीय जनमानस को झकझोर कर रख दिया हो उसके बारे में यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि यदि उसे पूर्ण रूप से दिखा दिया जाता तो क्या होता ?
पाकिस्तान का शासक वर्ग आज बहुत परेशान दिखाई पड़ रहा है। क्योंकि उसका एक गुर्गा जिसके लिए वह काम करता था, उसको आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जज श्री प्रवीण सिंह की अदालत से आजन्म कारावास की जेल हुई थी।
अब यासीन मलिक को तिहाड़ जेल पहुंचा दिया गया।
यह यासीन मलिक आस्तीन का सांप है, और ऐसे सपोले कितने ही भारतवर्ष में छिपे पड़े हैं।वर्तमान में भारत वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी है । जिन्होंने अपने ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय से एक बार नहीं कई बार यह सिद्ध किया है कि वह वास्तव में 56 इंची सीना रखते हैं। उन्होंने देश के लोगों को यह भी विश्वास दिलाने का प्रयास किया है कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी किया जाना संभव है ।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती यासीन मलिक की सजा पर आग उगल रही है।19 मई 2019 को एनआईए के द्वारा यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया । उस पर धारा 120 बी आपराधिक षड्यंत्र और धारा 121,121क आईपीसी देश के विरुद्ध उसको तोड़ने की साजिश रचने, यूएपीए की धारा 17 आदि में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। जो सारी सजाएं एक साथ चलेंगी।
धारा 121 में आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई है।
कश्मीर से 5 लाख कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं को भगा देने के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो यासीन मलिक और उसके साथी आतंकवादी हैं ।कश्मीर में स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ा नरसन्हार 1990 में हुआ था। भारत के अधिकतर लोगों का यह मानना था यासीन मलिक को सजा-ए-मौत होनी चाहिए ,लेकिन जज श्री प्रवीण सिंह द्वारा उनको सजा- ए -मौत ना देकर आजन्म कारावास की सजा सुनाने पर लोग उतना संतोष व्यक्त नहीं कर रहे हैं। यद्यपि अदालत के द्वारा दिए गए निर्णय का हम सम्मान करते हैं।
अभी-अभी श्रीनगर में यासीन मलिक के घर के बाहर निर्णय का विरोध करने के लिए कुछ समर्थक इकट्ठे हुए थे तथा हंगामा कर रहे थे। लेकिन पुलिस के द्वारा आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर किया गया है। श्रीनगर में स्थिति तनावपूर्ण है ,मगर नियंत्रण में है। पुलिस के द्वारा तारबंदी कर दी गई है और किसी को उधर जाने की अनुमति नहीं है ,यहां तक कि मीडिया कर्मी भी तारबंदी के बाहर रोक दिए गए हैं।
देश की राजधानी दिल्ली व अन्य क्षेत्र एनसीआर में किसी आतंकी साजिश की घटना को देखते हुए सुरक्षा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। क्योंकि देश में ऐसे आतंकवादियों को समर्थन देने वाले लोग भी रहते हैं। वर्तमान दौर में मजा गायब हो चुका है और सजा शुरू हो चुकी है।
भारत की जनता चाहती है कि हर आतंकवादी से हिसाब चुकता होना चाहिए। यह अपराध 31 मई 2017 को भाजपा के शासनकाल में एफ0आई 0आर दर्ज करके प्रारंभ हुआ था। एन0आई0ए0 द्वारा गिरफ्तार किया गया था। 2018 में चार्जशीट दाखिल की गई। 2019 में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई थी। 3000 से अधिक पन्ने की चार्जसीट है।
यासीन मलिक के करीब 10 साथियों के विरुद्ध चार्जसीट है, जिनमें से अभी कुछ फरार चल रहे हैं।
स्क्वाडृन लीडर रवि खन्ना एवं अन्य वायु सेना के अधिकारियों की हत्या के अपराधों में ट्रायल बाकी है।बिट्टा कराटे यासीन मलिक का आतंकवादी गतिविधियों में सहयोगी है ,बिट्टा कराटे को जब गिरफ्तार किया गया था तो कांग्रेस का शासन था, उस समय आश्चर्यजनक रूप से उसकी जमानत का विरोध कांग्रेस के द्वारा नहीं किया गया था और उसको आराम से जमानत मिल गई थी। इससे कांग्रेस की मानसिकता का पता लगता है।
राहुल गांधी के द्वारा यह कहना कि भारत एक देश अथवा राष्ट्र नहीं बल्कि राज्यों का एक संघ है। इस पर विचार करिए कि वह क्या कहना चाहते हैं जो आतंकवादी हैं, वह भी यही कहते हैं। अर्थात उनके कहने का आशय भी वही है जो राहुल गांधी कह रहे हैं।
देश को तोड़ने के लिए दिया गया बयान राहुल गांधी का है। जो देश की संविधान की मूल भावना के विपरीत है।
यासीन मलिक जैसे इस्लामिक आतंकवादियों के बारे में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इतिहास में सर्वप्रथम सन 712 में मोहम्मद -बिन -कासिम से जो जनसंहार शुरू हुआ था, उसे बाद के प्रत्येक मुस्लिम आक्रमणकारी और भारत में प्रत्येक मुस्लिम शासक ने जारी रखा।
देश के विभाजन के समय 1947 में हिंदुओं का नरसंहार किया गया था। वर्तमान दौर में भी जो आतंकवादी है वह कश्मीर तक सीमित न रहकर के दिल्ली के तख्त पर काबिज होकर गजवा- ए- हिंद के उद्देश्य को पूरा करना चाहते हैं।जो पिछले 32 वर्षों में नहीं हो पाया वह आज हो गया है ।जे0के0 एल0 एफ0 के चीफ यासीन मलिक को तिहाड़ जेल पहुंचा दिया गया है जो पाकिस्तान से पैसे लेकर के हिंदुस्तान में आतंकवाद फैलाता था।
बहुत से लोग ऐसा सोचते थे कि यासीन मलिक का कुछ नहीं होगा, आज उनको भी जवाब मिल चुका है।
सरहद पार पाक पाकिस्तान यासीन मलिक को अपना मसीहा मानता है। मलिक को पाकिस्तान ने पाला था। पाकिस्तान ने प्रशिक्षित किया था । पाकिस्तान ने पैसा दिया था।मलिक सबसे बड़ा गुनहगार है।
एक बार की घटना में कश्मीर में डाउनटाउन में सिक्योरिटी फोर्स ने दबिश मारी थी तो पांचवी मंजिल से यह कूदा था,नीचे गिरा था। जिससे गंभीर रूप से घायल हुआ था लेकिन मौत के मुंह में जाते जाते बच गया था।यासीन मलिक का पाकिस्तान में एक मकान है, तथा पाक अधिकृत कश्मीर में एक दूसरा मकान है।
अपनी उम्र से करीब 20 वर्ष छोटी पाकिस्तानी नागरिक बुशरा मलिक से उसने शादी की । उससे एक बेटी पैदा हुई थी।
यासीन मलिक के नाम पर पाक में वोट मांगा जाता है। जग जाहिर है कि इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और यासीन मलिक बहुत अच्छे दोस्त हैं । ऐसा सभी जानते हैं और मानते हैं। इमरान तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह पूरे जलसे में स्वीकार किया था कि जब 16 वर्ष पहले पाक अधिकृत कश्मीर में भूकंप आया था तो यासीन मलिक कश्मीर से पैसे लेकर के आया था । उसने वहां पैसे बांटे थे। यासीन मलिक कश्मीर की आजादी का भरसक प्रयास कर रहा है, यह इमरान का कहना था।
कश्मीर तथा पाकिस्तान की आवाम यासीन मलिक को अपना मसीहा मानने लगी थी ।यासीन मलिक के अनुसार ही कश्मीर का शासन चलता था। जो मलिक चाहता था वही होता था।आतंकवादी सरगने मलिक के हौसले इतने बुलंद थे कि वह पुलिस वालों की जब चाहे सार्वजनिक स्थान पर खुलेआम पिटाई कर देता था।
मलिक करीब 200 बार जेल गया होगा लेकिन शासन में अपनी पहुंच के कारण तथा तत्कालीन शासकों के द्वारा मजबूत पैरवी न करने के कारण, शासकों के मनोबल के कमजोर होने के कारण, हर बार छूटता रहा। यह जब भी जेल से आता था तो कश्मीर के आतंकवादी संगठन और समर्थक उसको कंधों पर बैठा कर स्वागत करते थे।
यासीन मलिक ने अनेक बेगुनाहों का खून बहाया था। हाफिज शहीद जैसे खूंखार आतंकवादियों के साथ मीटिंग करता था पाकिस्तान में।11 फरवरी 2013 को यासीन मलिक पाकिस्तान गया था। उसी समय अफजल गुरु को फांसी हुई थी। हाफिज सईद के साथ यासीन मलिक बैठा हुआ था। ऐसे में विचार करिए कि क्या ये भारत के लिए अमन-चैन की दुआ कर रहे थे।
5 अगस्त 2019 को धारा 370 कश्मीर से हटाई गई थी।
इससे सिद्ध होता है कि मोदी बिना थके और बिना रुके राष्ट्रहित में काम कर रहे हैं।
उनके काम का असर देश में साफ दिखाई दे रहा है।
मोदी के शासन के 8 साल,
मोदी ने कर दिया कमाल,
इसलिए बन गए भारत का भाल,
आतंक पर दुनिया में मचा बवाल।
बंद हो गया यासीन का खेल,
अंतिम सांस तक रहेगा जेल,
चाहे कांग्रेस करती रहे मेल,
मोदी के आगे सब फेल।
अर्थात अब आखरी सांस तक यासीन मलिक जेल में रहेगा। लेकिन अभी उसको कुछ और भी ट्रायल फेस करने हैं।
इब्तदा ए इश्क है रोता है क्या ?
आगे आगे देखिए होता है क्या ?
देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट
चेयरमैन उगता भारत समाचार पत्र