यह बात लोगों को हास्यास्पद जरूर लगेगी परन्तु उन लोगों मिर्ची लगेगी ,जो हिन्दुओं को परेशां न करने के लिए रोज नए नए षडयंत्र करते रहते हैं ,कभी बीच रस्ते में मजार बना देना ,कभी रोड पर या प्लेटफॉर्म पर नमाज पढ़ना और कभी अजान के बहाने शोर मचाना इत्यादि , इसका एकमात्र यही उपाय है ,कि बनारस में सभी मिल कर काबा बना दें ,
1 -काबा कैसा होगा ?
हमने बताया था की कई बरसों पहले फारसी के एक यात्री ने बनारस में हिंदुस्तान के काबा का उल्लेख किया था , इसलिए बनारस में जो काबा बनाया जाये वह आकार और बनावट में मक्का के काबा जैसा होना चाहिए लेकिन उस पर मक्का के काबा की तरह काले गिलाफ की जगह भगवा गिलाफ चढ़ाना चाहिए , मुसलमान मक्का के काबा को ” बैतुल्लाह – البيتُ الله ” यानि अल्लाह का घर कहते ,हम इसे “बैतुल इलाह – البيت الاله ” यानी चंद्रमौलीश्वर का निवास कहेंगे , और मुस्लिम देशों के लोग इसे ” कअबतुल हिन्द – الكعبتُالهند ” के नाम से जानेगे , काबा के दरवाजे आगे एक दीवार पर एक सफ़ेद पत्थर लगा जाये जिसका नाम हमने “हजरुल अबयद – الحجر الابيض” यानि श्वेत पत्थर , जैसा मक्का में काबा पर लगा है जिसे मुस्लिम “हजरुल अस्वद – لْحَجَرُ ٱلْأَسْوَد, ” यानि काला पत्थर कहते हैं .लोग महादेव की पिंडी जैसे श्वेत पत्थर को चूमे नहीं ,बल्कि इस काबा का परिक्रमा करते हुए इसको नमस्कार करते हुए हर हर महादेव और इलाह अकबर का नारा लगाते रहें , इसके साथ इस काबा के परिसर में एक 20 फुट का ईंटों से बना एक स्तम्भ भी बना दिया जाये जिसका नाम हमने “अलहात – الهات ” रखा है , इलाह देव यानि महादेव के शत्रु का प्रतिक है , यह हिब्रू शब्द ” अलाह – עלו ” से बना है , इसका अर्थ अभिशापित (cursed ) है , इसका सम्बन्ध कुरान के अल्लाह से नहीं है ,क्योंकि इस्लाम के अनुसार तौरेत ,जबूर और इंजील भी अल्लाह की कताबें हैं ,लेकिन इनमे अल्लाह शब्द नहीं है , लेकिन इन तीनों में “अलाह – ” शब्द जगह जगह मिलता है जो शैतान का द्योतक है ,फिर भी जोभी हिन्दू इस काबा का हज करने जाए इस खम्भे पर पत्थर मारे और अलाह पर धिक्कार करे .
1-बना रस के काबा के भीतर क्या होगा ?

इस काबा में द्वार के साथ दौनों तरफ दो बड़ी खिड़कियां होंगी जिस से शुद्ध वायु आती जाती रहे , द्वार के सामने ही एक बड़े सिंहासन पर इलाह देवता यानि महा देव का प्रतिक चाँदी का अर्धचन्द्र स्थापित कर दिया जाये जैसा इस्लाम से पहले मक्की काबा में था , मक्का के काबा में न तो खिड़की है और न रोशनी का प्रबंध है , हो सकता है गर्मी और दमघुटने से अबतक अल्लाह भाग कर कहीं और चला गया हो , इसी लिए मुसलमान अल्लाह के बिना मुल्ला का आदेश मान कर अपराध करते रहते है , लेकिन इस काबा में ए सी भी लगी होगी , देवता ठन्डे दिल से उचित और कल्याणकारी आदेश देते इसी कारन ही तो अल्लाह ने कुरान में बेतुकी आयतें भर डाली हैं .
अगले एपिसोड में बताया जायेगा कि उपासना कैसे होगी और विरोधयों के तर्कों का जवाब कैसे दिया जा सकेगा
प्रतीक्षा करिये

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